शहर में मनुस्मृति दिवस पर निकाली गई रैली:जन जागरण शक्ति संगठन ने संविधान की रक्षा का संकल्प लिया

शहर में मनुस्मृति दिवस पर निकाली गई रैली:जन जागरण शक्ति संगठन ने संविधान की रक्षा का संकल्प लिया

अररिया में जन जागरण शक्ति संगठन की युवा टीम ने मनुस्मृति दहन दिवस पर एक शांतिपूर्ण रैली और सभा का आयोजन किया। यह आयोजन सामाजिक न्याय और संवैधानिक मूल्यों की रक्षा के उद्देश्य से किया गया था। रैली शाम 4 बजे बस स्टैंड से शुरू हुई और आश्रम मोहल्ला होते हुए चांदनी चौक तक निकाली गई। चांदनी चौक पर एक सभा का आयोजन किया गया, जिसमें विभिन्न वक्ताओं ने अपने विचार रखे। सभा में वक्ताओं ने डॉ. भीमराव अंबेडकर द्वारा 1927 में मनुस्मृति दहन को ब्राह्मणवादी, जातिवादी और पितृसत्तात्मक व्यवस्था के खिलाफ एक ऐतिहासिक प्रतिरोध बताया। उन्होंने संविधान की सर्वोच्चता पर जोर दिया। मंडवी देवी ने कहा कि मनुस्मृति केवल एक किताब नहीं, बल्कि एक ऐसी सोच है जो आज भी समाज में दलितों, महिलाओं और हाशिए के समुदायों पर अत्याचार का कारण बन रही है। मुन्ना कुमार ने जोर देकर कहा कि देश मनुस्मृति से नहीं, बल्कि बाबा साहेब के संविधान से चलेगा, जो बराबरी और न्याय की गारंटी देता है।वक्ताओं ने संवैधानिक मूल्यों पर बढ़ते हमलों की निंदा की। महिलाओं के खिलाफ बढ़ती हिंसा पर प्रियंका कुमारी ने कहा कि बलात्कार के दोषियों को संरक्षण लोकतंत्र पर हमला है। उन्होंने उन्नाव रेप केस के दोषी पूर्व भाजपा विधायक कुलदीप सिंह सेंगर को मिली सशर्त जमानत की आलोचना की, जिसे महिलाओं की सुरक्षा पर सवाल उठाने वाला बताया। सांप्रदायिक हिंसा के मुद्दे पर सुनील कुमार ने क्रिसमस के दिन ईसाई समुदाय पर बढ़ती हिंसा की निंदा की। उन्होंने कहा कि नफरत का माहौल जानबूझकर बनाया जा रहा है, जिसे युवा स्वीकार नहीं करेंगे। जन जागरण शक्ति संगठन (जेजेएसएस) के महासचिव जितेंद्र पासवान ने सभा को संबोधित करते हुए दलितों और महिलाओं के जीवन के महत्व पर सवाल उठाया। उन्होंने दोहराया कि देश मनुवादी सोच से नहीं, बल्कि संविधान से चलेगा। सभा के अंत में, प्रतिभागियों ने मनुस्मृति और जातिवादी-पितृसत्तात्मक सोच के प्रतीकात्मक दहन के साथ संविधान की रक्षा की शपथ ली। उन्होंने मनुवादी हमलों के खिलाफ संगठित संघर्ष का संकल्प भी लिया।इस कार्यक्रम को सफल बनाने में पवन, नीतू, ज्योति, प्रियंका, गोविंद, नितीश, गोपाल, लक्ष्मी, पूजा, दीपक, आरती सहित कई युवाओं की महत्वपूर्ण भूमिका रही। अररिया में जन जागरण शक्ति संगठन की युवा टीम ने मनुस्मृति दहन दिवस पर एक शांतिपूर्ण रैली और सभा का आयोजन किया। यह आयोजन सामाजिक न्याय और संवैधानिक मूल्यों की रक्षा के उद्देश्य से किया गया था। रैली शाम 4 बजे बस स्टैंड से शुरू हुई और आश्रम मोहल्ला होते हुए चांदनी चौक तक निकाली गई। चांदनी चौक पर एक सभा का आयोजन किया गया, जिसमें विभिन्न वक्ताओं ने अपने विचार रखे। सभा में वक्ताओं ने डॉ. भीमराव अंबेडकर द्वारा 1927 में मनुस्मृति दहन को ब्राह्मणवादी, जातिवादी और पितृसत्तात्मक व्यवस्था के खिलाफ एक ऐतिहासिक प्रतिरोध बताया। उन्होंने संविधान की सर्वोच्चता पर जोर दिया। मंडवी देवी ने कहा कि मनुस्मृति केवल एक किताब नहीं, बल्कि एक ऐसी सोच है जो आज भी समाज में दलितों, महिलाओं और हाशिए के समुदायों पर अत्याचार का कारण बन रही है। मुन्ना कुमार ने जोर देकर कहा कि देश मनुस्मृति से नहीं, बल्कि बाबा साहेब के संविधान से चलेगा, जो बराबरी और न्याय की गारंटी देता है।वक्ताओं ने संवैधानिक मूल्यों पर बढ़ते हमलों की निंदा की। महिलाओं के खिलाफ बढ़ती हिंसा पर प्रियंका कुमारी ने कहा कि बलात्कार के दोषियों को संरक्षण लोकतंत्र पर हमला है। उन्होंने उन्नाव रेप केस के दोषी पूर्व भाजपा विधायक कुलदीप सिंह सेंगर को मिली सशर्त जमानत की आलोचना की, जिसे महिलाओं की सुरक्षा पर सवाल उठाने वाला बताया। सांप्रदायिक हिंसा के मुद्दे पर सुनील कुमार ने क्रिसमस के दिन ईसाई समुदाय पर बढ़ती हिंसा की निंदा की। उन्होंने कहा कि नफरत का माहौल जानबूझकर बनाया जा रहा है, जिसे युवा स्वीकार नहीं करेंगे। जन जागरण शक्ति संगठन (जेजेएसएस) के महासचिव जितेंद्र पासवान ने सभा को संबोधित करते हुए दलितों और महिलाओं के जीवन के महत्व पर सवाल उठाया। उन्होंने दोहराया कि देश मनुवादी सोच से नहीं, बल्कि संविधान से चलेगा। सभा के अंत में, प्रतिभागियों ने मनुस्मृति और जातिवादी-पितृसत्तात्मक सोच के प्रतीकात्मक दहन के साथ संविधान की रक्षा की शपथ ली। उन्होंने मनुवादी हमलों के खिलाफ संगठित संघर्ष का संकल्प भी लिया।इस कार्यक्रम को सफल बनाने में पवन, नीतू, ज्योति, प्रियंका, गोविंद, नितीश, गोपाल, लक्ष्मी, पूजा, दीपक, आरती सहित कई युवाओं की महत्वपूर्ण भूमिका रही।  

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