इटावा-बरेली हाईवे पर फर्रुखाबाद और शाहजहांपुर सीमा पर स्थित रामगंगा पुल लगभग 50 वर्ष पुराना है। मंगलवार रात गन्ना लदा एक ट्रक इसी पुल से नीचे रामगंगा नदी में गिर गया। बताया जा रहा है कि पुल के बीच में ज्वाइंट खुला है। चालक का कहना है ज्वाइंट को बचाने के चक्कर में यह हादसा हुआ। इस पुल की नींव वर्ष 1969 में रखी गई थी और यह 1972 में बनकर तैयार होकर यातायात के लिए खोल दिया गया था। प्रतिदिन हजारों की संख्या में वाहन इस पुल से गुजरते हैं। वर्तमान में पुल पर कई स्थानों पर ज्वाइंट खुल गए हैं, जिससे उनमें काफी जगह बन गई है। मंगलवार रात बदायूं की तरफ से रूपापुर गन्ना लेकर जा रहा एक ट्रक इसी खुले ज्वाइंट के कारण चालक का कहना है स्टेरिंग फेल हो गई पुल पर लगी बैरिकेडिंग से टकराकर अनियंत्रित हो गया और रामगंगा नदी में जा गिरा। प्रशासन ने खुले ज्वाइंट पर बैरिकेडिंग लगाई हुई है ताकि वाहन उस तरफ से न निकलें। बुधवार को मौके पर मौजूद लोगों ने बताया कि पुल पर खुले ज्वाइंट की वजह से यहां आए दिन हादसे होते रहते हैं। राहगीरों का कहना है कि यह स्थिति खतरनाक है और कभी भी बड़े हादसे का कारण बन सकती है। अल्लाहगंज निवासी पुष्पेंद्र ने बताया कि जिस स्थान पर घटना हुई, उससे कुछ पहले पुल का ज्वाइंट खुला हुआ है, जिसके कारण यह हादसा हुआ। अंकित ने भी पुष्टि की कि खुले ज्वाइंट की वजह से ही ट्रक अनियंत्रित होकर नदी में गिरा। पेशे से शिक्षक अखिलेश वाजपेई ने बताया कि वे प्रतिदिन इसी पुल से गुजरते हैं और उन्होंने खुले ज्वाइंट को लेकर कई बार ऑनलाइन शिकायतें की हैं, लेकिन उन पर कोई ध्यान नहीं दिया गया। 1972 में बनकर तैयार हुआ था पुल इटावा बरेली हाईवे पर स्थित राम गंगापुल 1972 में बनकर तैयार हुआ था। पुल की शुरुआत में ही दुकान रखें एक बुजुर्ग व्यक्ति ने बताया वर्ष 1969 में इसकी शुरुआत हुई थी 72 में बनकर तैयार हुआ था। बताया पुल में जगह-जगह ज्वाइंट खुल गए हैं। चालक बोला ज्वाइंट की वजह से हुआ हादसा ट्रक के चालक राजपाल ने बताया वह बदायूं से ट्रक को लेकर रूपापुर चीनी मिल जा रहे थे। ट्रक में 180 कुंतल गन्ना लदा हुआ था। जैसे ही पल पर पहुंचे कुछ दूरी पर चलने के बाद यह ज्वाइंट नजर आया। इस दौरानी उनकी स्टेरिंग फेल हो गई और ट्रक बैरिकेडिंग को तोड़कर रामगंगा नदी में जा गिरा। बताया उसके भी चोटे आई हैं। ग्रामीणों का कहना है कि पुल पर कुछ माह पूर्व ही कार्य कराया गया था। इसके बाद ज्वाइंट दोबारा से खुल गए। और शिकायत के बावजूद भी इस ओर ध्यान नहीं दिया गया।


