जयपुर। सवाई मानसिंह अस्पताल में बुधवार दोपहर उस समय अफरा-तफरी मच गई, जब आतंकी हमले और दो कर्मचारियों को बंधक बनाए जाने की सूचना फैल गई। अस्पताल परिसर में हथियारों से लैस जवानों की तैनाती, तेज गतिविधियों और सुरक्षा घेराबंदी से मरीजों और स्टाफ में दहशत का माहौल बन गया। कुछ समय बाद स्थिति स्पष्ट हुई कि यह एंटी-टेररिस्ट स्क्वॉड की ओर से करवाई गई मॉकड्रिल है।
एडीजी दिनेश एमएन के निर्देश पर अभ्यास
एडीजी दिनेश एमएन के निर्देश पर एटीएस की इमरजेंसी रिस्पांस टीम ने यह अभ्यास किया। मॉकड्रिल का उद्देश्य किसी भी आतंकी घटना की स्थिति में त्वरित और प्रभावी कार्रवाई की तैयारियों को परखना था। टीम को बताया गया कि, फर्स्ट फ्लोर स्थित मेडिकल आइसीयू में दो आतंकी घुसे हुए थे और उन्होंने दो कर्मचारियों को बंधक बना रखा था।

जवानों ने दोनों बंधकों को सुरक्षित बाहर निकाला
एटीएस के 19 जवानों को अस्पताल के अलग-अलग हिस्सों में तैनात किया गया। एक टीम दिव्यांगजन बोर्ड कार्यालय के पास स्थित प्रवेश द्वार से ग्राउंड फ्लोर पर पहुंची, जबकि दूसरी टीम नॉर्थ विंग की सीढ़ियों से होते हुए फर्स्ट फ्लोर की ओर बढ़ी। मेडिकल आइसीयू में पहुंचते ही जवानों ने तेजी से कार्रवाई करते हुए आतंकियों को निष्क्रिय किया और दोनों बंधकों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया।
15 मिनट के भीतर टीम एसएमएस अस्पताल पहुंची
सूचना मिलने के 15 मिनट के भीतर टीम घाटगेट से एसएमएस अस्पताल पहुंच गई थी। वहां पहुंचने के बाद करीब 20 मिनट में रेस्क्यू ऑपरेशन पूरा कर लिया गया। इस तरह कुल 35 मिनट में मॉकड्रिल सफलतापूर्वक संपन्न हुई।

जयपुर में टोंक रोड पर स्थित का SMS अस्पताल प्रदेश का सबसे बड़ा और प्रमुख सरकारी अस्पताल है। यहां राजस्थान, हरियाणा और यूपी समेत कई राज्यों से हर दिन मरीज इलाज के लिए आते हैं।


