मुजफ्फरपुर जिले के सरैया प्रखंड स्थित उत्क्रमित मध्य विद्यालय रतनपुरा पूर्वी में सोमवार दोपहर मिड-डे मील में परोसी गई सब्जी में एक कीड़े का ढांचा मिला। आशंका जताई गई कि यह मरी हुई छिपकली का अवशेष हो सकता है। इस घटना के बाद स्कूल में हड़कंप मच गया। विद्यालय की प्रभारी हेडमास्टर पुतुल गुप्ता ने बताया कि पहली पाली में 15 बच्चों ने भोजन कर लिया था। दूसरी पाली में लगभग 30 बच्चे खाना खा रहे थे, तभी सब्जी में कीड़े का ढांचा दिखाई दिया। इसे देखते ही बच्चे, शिक्षक और रसोइया भयभीत हो गए और बची हुई सब्जी तुरंत फेंक दी गई। 6 से अधिक बच्चों ने पेट दर्द और जी मचलने की शिकायत बताई घटना के बाद लगभग आधे दर्जन बच्चों ने पेट दर्द और मिचली की शिकायत की। सावधानी के तौर पर, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) से एम्बुलेंस बुलाई गई। कुल 44 बच्चों को चिकित्सकीय जांच के लिए अस्पताल ले जाया गया। सूचना मिलने पर पेरेंट्स भी अस्पताल पहुंचे। सीएचसी के चिकित्सक डॉ. पंकज कुमार और डॉ. अमर कुमार ने बताया कि उल्टी, मिचली और पेट दर्द की शिकायत वाले सभी 44 छात्र-छात्राओं की जांच की गई। उन्हें आवश्यक दवाएं और ओआरएस घोल दिया गया। सभी बच्चों की स्थिति सामान्य पाए जाने के बाद उन्हें सरकारी एम्बुलेंस से घर वापस भेज दिया गया। इस घटना ने एक बार फिर मिड-डे मील की गुणवत्ता और सुरक्षा मानकों पर सवाल खड़े कर दिए हैं। मुजफ्फरपुर जिले के सरैया प्रखंड स्थित उत्क्रमित मध्य विद्यालय रतनपुरा पूर्वी में सोमवार दोपहर मिड-डे मील में परोसी गई सब्जी में एक कीड़े का ढांचा मिला। आशंका जताई गई कि यह मरी हुई छिपकली का अवशेष हो सकता है। इस घटना के बाद स्कूल में हड़कंप मच गया। विद्यालय की प्रभारी हेडमास्टर पुतुल गुप्ता ने बताया कि पहली पाली में 15 बच्चों ने भोजन कर लिया था। दूसरी पाली में लगभग 30 बच्चे खाना खा रहे थे, तभी सब्जी में कीड़े का ढांचा दिखाई दिया। इसे देखते ही बच्चे, शिक्षक और रसोइया भयभीत हो गए और बची हुई सब्जी तुरंत फेंक दी गई। 6 से अधिक बच्चों ने पेट दर्द और जी मचलने की शिकायत बताई घटना के बाद लगभग आधे दर्जन बच्चों ने पेट दर्द और मिचली की शिकायत की। सावधानी के तौर पर, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) से एम्बुलेंस बुलाई गई। कुल 44 बच्चों को चिकित्सकीय जांच के लिए अस्पताल ले जाया गया। सूचना मिलने पर पेरेंट्स भी अस्पताल पहुंचे। सीएचसी के चिकित्सक डॉ. पंकज कुमार और डॉ. अमर कुमार ने बताया कि उल्टी, मिचली और पेट दर्द की शिकायत वाले सभी 44 छात्र-छात्राओं की जांच की गई। उन्हें आवश्यक दवाएं और ओआरएस घोल दिया गया। सभी बच्चों की स्थिति सामान्य पाए जाने के बाद उन्हें सरकारी एम्बुलेंस से घर वापस भेज दिया गया। इस घटना ने एक बार फिर मिड-डे मील की गुणवत्ता और सुरक्षा मानकों पर सवाल खड़े कर दिए हैं।


