बरेली में कानून-व्यवस्था को मजबूत करने के लिए एसएसपी अनुराग आर्य ने बड़े स्तर की कार्रवाई की है। जिले में लगातार सक्रिय रहने वाले गैंग, चोरी और संगठित अपराधों को देखते हुए 11 अपराधियों की हिस्ट्रीशीट खोली गई और उन्हें अब पुलिस की हाई-रिस्क कैटेगरी में रखा गया है। यह कदम एसएसपी की नई रणनीति ‘अर्ली ट्रैकिंग, फास्ट इंटरवेंशन’ का हिस्सा है। इसका उद्देश्य है अपराधियों के सक्रिय होने से पहले ही उनके नेटवर्क पर दबाव बनाना। पुलिस अब ‘प्रीवेंशन मोड’ में काम कर रही है, जिसके तहत हाई-रिस्क अपराधियों के लिए माइक्रो-ट्रैकिंग योजना तैयार की गई है। पुलिस सूत्रों के अनुसार, एसएसपी ने सभी थानों को इन 11 अपराधियों पर कड़ी निगरानी रखने के निर्देश दिए हैं। इसमें सर्विलांस, लोकेशन ट्रैकिंग, सहयोगियों की मैपिंग और लगातार सत्यापन शामिल है। ये अपराधी हत्या के प्रयास, अवैध असलहा फैक्ट्री संचालन, गोकशी, मादक पदार्थों की बिक्री, डकैती और चोरी जैसे गंभीर अपराधों में शामिल रहे हैं। कानून-व्यवस्था विशेषज्ञों का मानना है कि यह मॉडल संगठित अपराध को उभरने से पहले ही रोकने में प्रभावी साबित होगा। हाई-रिस्क अपराधियों की सूची इस प्रकार है: हफीज पुत्र वहीद (शीशगढ़ शेखुपुरा) हसीफ उर्फ फोल्डिंग पुत्र हनीफ शिव कुमार उर्फ गब्बर पुत्र बादाम सिंह (ठिरिया ठाकुरन) हसनैन रज़ा पुत्र ताहिर हुसैन (खेलम देहा) विकास दीक्षित पुत्र मुकेश दीक्षित (सिसोना) बृजपाल उर्फ सुआलाल पुत्र नेतराम (चम्पतपुर) राकेश पुत्र प्रेमपाल अकरम खान पुत्र मुल्तान खान (कुंडा गोटियां) आरिफ पुत्र हनीफ अंसारी (क्योरा शादीपुर गोटियां) रतिराम पुत्र नन्हेलाल (सिरसा) भीमसेन पुत्र उमाचरण (बलापुर) इन सभी अपराधियों के खिलाफ पहले से मुकदमे दर्ज थे, लेकिन अब इन्हें सक्रिय निगरानी सूची में शामिल कर सख्त निगरानी शुरू कर दी गई है।


