जिला अस्पताल में खून के अवैध कारोबार खुलासा हुआ है। एक दलाल ने 7 साल की आदिवासी बच्ची की नाजुक हालत का फायदा उठाते हुए उसके माता-पिता से ब्लड दिलाने के नाम पर 5500 रुपए वसूल लिए। अपने साथी को बुलाकर अस्पताल से फ्री में खून निकवाया और परिजन को बेच दिया। बच्ची की हालत इतनी गंभीर थी कि उसके दादी तत्काल रकम देने को तैयार हो गए। इधर, बालिका की स्थिति लगातार बिगड़ती गई और इलाज के दौरान मंगलवार को 18 नवंबर को ग्वालियर में उसकी मौत हो गई। इसके बाद परिजनों ने खून खरीदने की बात उजागर की। परिजनों की शिकायत पर जिला अस्पताल और एक निजी संस्था की टीम ने मामले की स्वतः जांच की और दलाल को ट्रेस कर पुलिस के हवाले कर दिया। क्या है पूरा मामला
जानकारी के अनुसार, सलैया पमार की रहने वाली 6 वर्षीय राधिका पुत्री राजा आदिवासी 11 नवंबर को गंभीर हालत में जिला अस्पताल में भर्ती हुई थी। रात में डॉक्टरों ने ब्लड की डिमांड की और फार्म भरकर दिया। इस फार्म पर स्पष्ट रूप से निशुल्क खून देने का उल्लेख था, लेकिन परिजन अस्पताल में भटकते रहे। इसी दौरान अस्पताल में मौजूद दलाल हरनाम जाटव ने माता-पिता से खून दिलाने के बदले 5500 रुपए मांगे। राशि दो किश्तों में ली, रात में तत्काल खून मिलने पर 2500 रुपए और सुबह 3 हजार रुपए बाद में लिए। इसमें से 2500 रुपए अपने साथी अभि गौतम को दे दिए।


