मुजफ्फरपुर में संविधान दिवस पर कार्यक्रम आयोजित:जिलाधिकारी ने दिलाई शपथ, प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित की

मुजफ्फरपुर में संविधान दिवस पर कार्यक्रम आयोजित:जिलाधिकारी ने दिलाई शपथ, प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित की

मुजफ्फरपुर में सोमवार को संविधान दिवस के अवसर पर कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। जिलाधिकारी सुब्रत कुमार सेन के नेतृत्व में समाहरणालय परिसर से लेकर नगर भवन तक कई महत्वपूर्ण गतिविधियां संपन्न हुईं। जिला स्तरीय मुख्य कार्यक्रमों में अधिकारियों, कर्मचारियों और आम नागरिकों ने बढ़-चढ़कर भाग लिया। कार्यक्रमों की शुरुआत समाहरणालय परिसर में संविधान निर्माता डॉ. भीमराव अंबेडकर की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित कर की गई। जिलाधिकारी सुब्रत कुमार सेन, उप विकास आयुक्त श्रेष्ठ अनुपम, जिला बंदोबस्त पदाधिकारी फिरोज अख्तर, जिला भू-अर्जन पदाधिकारी शालिग्राम शाह, अपर समाहर्ता (विधि-व्यवस्था) सुधीर कुमार सिन्हा और वरीय कोषागार पदाधिकारी विनोद कुमार तिवारी सहित अन्य पदाधिकारियों और अतिथियों ने बाबा साहब की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। अंबेडकर के अमूल्य योगदान को याद किया इस अवसर पर जिलाधिकारी ने संविधान निर्माण में डॉ. अंबेडकर के अमूल्य योगदान को याद किया। उन्होंने कहा कि भारतीय लोकतांत्रिक व्यवस्था की आधारशिला और संवैधानिक मूल्यों व आदर्शों की स्थापना उनके अद्वितीय नेतृत्व और दृष्टि से हुई है। नगर भवन में मुख्य समारोह आयोजित किया गया, जिसमें विभिन्न विभागों के अधिकारी, कर्मचारी और विभिन्न संगठनों के प्रतिनिधि शामिल हुए। यहां जिलाधिकारी सुब्रत कुमार सेन ने उपस्थित जनसमूह को भारतीय संविधान की प्रस्तावना की शपथ दिलाई। उन्होंने कहा कि संविधान में निहित मूल्यों को जीवन में अपनाना ही सच्चे अर्थों में लोकतंत्र को मजबूत करता है। अपने संबोधन में जिलाधिकारी ने संविधान दिवस के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि यह दिन भारतीय लोकतांत्रिक मूल्यों—न्याय, स्वतंत्रता, समानता और बंधुत्व—की पुनर्स्मृति का अवसर है। उन्होंने कहा कि 26 नवंबर 1949 को संविधान सभा की ओर से संविधान को अंगीकृत किया गया था, जो हमारे गौरवशाली इतिहास की सबसे महत्वपूर्ण घटनाओं में से एक है। जिलाधिकारी ने कहा कि यह दिवस न केवल बाबा साहब अंबेडकर के योगदान को सम्मानित और समर्पित है, बल्कि नागरिकों को अपने अधिकारों और कर्तव्यों के प्रति जागरूक भी करता है। उन्होंने सभी उपस्थित अधिकारियों व नागरिकों से आह्वान किया कि वे संविधान की आत्मा को समझें, संवैधानिक मर्यादाओं का पालन करें और राष्ट्र निर्माण में सक्रिय योगदान दें। समारोह में बड़ी संख्या में अधिकारी, कर्मचारी और आमजन उपस्थित रहे, जिन्होंने संविधान के प्रति अपनी प्रतिबद्धता व्यक्त की। नशामुक्ति दिवस पर प्रोग्राम दूसरी ओर नशामुक्ति दिवस के अवसर पर जिलाधिकारी सुब्रत कुमार सेन के नेतृत्व में जिले भर में जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए गए। इस दौरान अधिकारियों, कर्मचारियों और आम नागरिकों को शराब और अन्य नशे से आजीवन दूर रहने की शपथ दिलाई गई। जिलाधिकारी ने अवैध शराब पर जीरो टॉलरेंस की चेतावनी भी दी। नशामुक्ति दिवस का आगाज सुबह प्रभात फेरी से हुआ, जो समाहरणालय परिसर से शुरू होकर खुदीराम बोस स्टेडियम तक गई। इस प्रभात फेरी में बड़ी संख्या में अधिकारी, कर्मचारी, स्कूली बच्चे और आम नागरिक शामिल हुए। मुजफ्फरपुर में सोमवार को संविधान दिवस के अवसर पर कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। जिलाधिकारी सुब्रत कुमार सेन के नेतृत्व में समाहरणालय परिसर से लेकर नगर भवन तक कई महत्वपूर्ण गतिविधियां संपन्न हुईं। जिला स्तरीय मुख्य कार्यक्रमों में अधिकारियों, कर्मचारियों और आम नागरिकों ने बढ़-चढ़कर भाग लिया। कार्यक्रमों की शुरुआत समाहरणालय परिसर में संविधान निर्माता डॉ. भीमराव अंबेडकर की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित कर की गई। जिलाधिकारी सुब्रत कुमार सेन, उप विकास आयुक्त श्रेष्ठ अनुपम, जिला बंदोबस्त पदाधिकारी फिरोज अख्तर, जिला भू-अर्जन पदाधिकारी शालिग्राम शाह, अपर समाहर्ता (विधि-व्यवस्था) सुधीर कुमार सिन्हा और वरीय कोषागार पदाधिकारी विनोद कुमार तिवारी सहित अन्य पदाधिकारियों और अतिथियों ने बाबा साहब की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। अंबेडकर के अमूल्य योगदान को याद किया इस अवसर पर जिलाधिकारी ने संविधान निर्माण में डॉ. अंबेडकर के अमूल्य योगदान को याद किया। उन्होंने कहा कि भारतीय लोकतांत्रिक व्यवस्था की आधारशिला और संवैधानिक मूल्यों व आदर्शों की स्थापना उनके अद्वितीय नेतृत्व और दृष्टि से हुई है। नगर भवन में मुख्य समारोह आयोजित किया गया, जिसमें विभिन्न विभागों के अधिकारी, कर्मचारी और विभिन्न संगठनों के प्रतिनिधि शामिल हुए। यहां जिलाधिकारी सुब्रत कुमार सेन ने उपस्थित जनसमूह को भारतीय संविधान की प्रस्तावना की शपथ दिलाई। उन्होंने कहा कि संविधान में निहित मूल्यों को जीवन में अपनाना ही सच्चे अर्थों में लोकतंत्र को मजबूत करता है। अपने संबोधन में जिलाधिकारी ने संविधान दिवस के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि यह दिन भारतीय लोकतांत्रिक मूल्यों—न्याय, स्वतंत्रता, समानता और बंधुत्व—की पुनर्स्मृति का अवसर है। उन्होंने कहा कि 26 नवंबर 1949 को संविधान सभा की ओर से संविधान को अंगीकृत किया गया था, जो हमारे गौरवशाली इतिहास की सबसे महत्वपूर्ण घटनाओं में से एक है। जिलाधिकारी ने कहा कि यह दिवस न केवल बाबा साहब अंबेडकर के योगदान को सम्मानित और समर्पित है, बल्कि नागरिकों को अपने अधिकारों और कर्तव्यों के प्रति जागरूक भी करता है। उन्होंने सभी उपस्थित अधिकारियों व नागरिकों से आह्वान किया कि वे संविधान की आत्मा को समझें, संवैधानिक मर्यादाओं का पालन करें और राष्ट्र निर्माण में सक्रिय योगदान दें। समारोह में बड़ी संख्या में अधिकारी, कर्मचारी और आमजन उपस्थित रहे, जिन्होंने संविधान के प्रति अपनी प्रतिबद्धता व्यक्त की। नशामुक्ति दिवस पर प्रोग्राम दूसरी ओर नशामुक्ति दिवस के अवसर पर जिलाधिकारी सुब्रत कुमार सेन के नेतृत्व में जिले भर में जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए गए। इस दौरान अधिकारियों, कर्मचारियों और आम नागरिकों को शराब और अन्य नशे से आजीवन दूर रहने की शपथ दिलाई गई। जिलाधिकारी ने अवैध शराब पर जीरो टॉलरेंस की चेतावनी भी दी। नशामुक्ति दिवस का आगाज सुबह प्रभात फेरी से हुआ, जो समाहरणालय परिसर से शुरू होकर खुदीराम बोस स्टेडियम तक गई। इस प्रभात फेरी में बड़ी संख्या में अधिकारी, कर्मचारी, स्कूली बच्चे और आम नागरिक शामिल हुए।  

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