नंदजी चंद्रवंशी रोहतास जिले के कोनार गांव में पकौड़ी-समोसे की दुकान चलाते हैं। कोनार जन सुराज के संस्थापक प्रशांत किशोर का गांव है। नंदजी चंद्रवंशी की दुकान प्रशांत किशोर के घर से बमुश्किल 10 कदम दूर है। कोनार गांव करगहर सीट में आता है। चर्चा थी कि प्रशांत किशोर यहां से चुनाव लड़ सकते हैं। हालांकि पार्टी ने भोजपुरी सिंगर रितेश पांडे को उतार दिया। नंदजी चंद्रवंशी को प्रशांत किशोर से बहुत उम्मीदें हैं। वे कहते हैं, ‘हम पढ़े-लिखे नहीं है। सरकार नौकरी न दे, लेकिन रोजगार की व्यवस्था कर दे। महीने के 8-10 हजार रुपए कमाने, बाल-बच्चों को छोड़कर दिल्ली और हरियाणा जाना पड़ता है। प्रशांत किशोर हमारे लिए रोजगार की बात करते हैं। वे जीतेंगे, तो जरूर रोजगार दिलाएंगे।’ करगहर में विधानसभा चुनाव के दूसरे फेज में 11 नवंबर को वोटिंग होनी है। यहां महागठबंधन के दो उम्मीदवार आमने-सामने हैं। कांग्रेस ने मौजूदा विधायक संतोष मिश्रा का टिकट दिया है। CPI से महेंद्र प्रसाद गुप्ता मैदान में हैं। NDA से JDU के वशिष्ट सिंह और BSP से उदय प्रताप सिंह चुनाव लड़ रहे है। कुल 12 प्रत्याशी हैं। करगहर उन सीटों में शामिल है, जहां से जन सुराज को जीत मिल सकती है। करगहर सीट का गणित
सबसे ज्यादा कुर्मी, ब्राह्मण और यादव वोटर
करगहर पहले सासाराम सीट का हिस्सा थी। 2008 में परिसीमन के बाद अलग विधानसभा सीट बनी। 2010 में पहली बार चुनाव हुआ। इसमें JDU के रामधनी सिंह 13,197 वोट से जीते। 2015 में JDU के वशिष्ठ सिंह को 12,907 वोट से जीत मिली। 2020 में कांग्रेस के संतोष मिश्र ने वशिष्ट सिंह को 4,083 वोट से हरा दिया। BSP के उदय प्रताप सिंह तीसरे नंबर पर रहे। इस बार इन्हीं तीनों में मुकाबला है। इस सीट पर सबसे ज्यादा कुर्मी, ब्राह्मण और यादव वोटर हैं। कुर्मी 15%, ब्राह्मण 13%, यादव-10%, EBC 20%, ST/SC 12%, मुस्लिम 8%, राजपूत और भूमिहार 12% और अन्य 10% हैं। पलायन, रोजगार के अलावा बदहाल स्टेडियम भी मुद्दा
करगहर के बड़की करारी गांव के रहने वाले सतीश कुमार पटेल कहते हैं ‘हमारे लिए सबसे बड़ा मुद्दा विकास है। 20 साल पहले का बिहार भी हमने देखा है। आज का बिहार भी देख रहे हैं। दिन हो या रात बहन-बेटियां घर के बाहर निकल सकती हैं। हम सुरक्षित महसूस करते हैं।’ करगहर के रहने वाले शमशाद पलायन और शहर में बर्बाद हो रहे स्टेडियम को सबसे बड़ा मुद्दा मानते हैं। शमशाद कहते हैं, ‘करगहर में 2006 में स्टेडियम बना था। यहां बच्चे खेलते थे, पुलिस-आर्मी की तैयारी करने वाले लड़के तैयारी करते थे।’ ‘नीतीश की योजनाएं अच्छी, इस बार बदलाव चाहिए’
सतीश कुमार पटेल चुनाव पर कहते हैं, ‘हमारे इलाके में बहुत बदलाव हुआ है। एक समय बारिश में सड़कों पर पानी भर जाता था। निकल भी नहीं सकते थे। अब हर जगह सड़क बन गई हैं। रात के 12 बजे भी गांव तक आ सकते हैं। हमारे गांव में CM नीतीश ने इंजीनियरिंग कॉलेज बनवाया है। इससे कई लोगों को रोजगार मिला है।’ सतीश कांग्रेस के मौजूदा विधायक संतोष मिश्र के बारे में कहते हैं, ‘वे 5 साल से नहीं दिखे। नीतीश कुमार की योजनाओं से लोगों को फायदा मिल रहा है। इस बार हम उनके प्रत्याशी को वोट करेंगे।’ मौलिया गांव के किसान मनोज पांडे मानते हैं कि बिहार की तरक्की बिना इंडस्ट्री के मुमकिन नहीं है। वे कहते हैं, ‘हमारे और पूरे बिहार के लिए विकास ही मुद्दा है। बिहार में उद्योग नहीं हैं। यही सबसे बड़ी कमी है। सिर्फ धान और बालू से विकास नहीं हो सकता।’ नीतीश कुमार के बारे में मनोज पांडे कहते हैं, ‘नीतीश कुमार ने पहले कार्यकाल में बेहतर काम किया था। उनकी योजनाएं अच्छी हैं, लेकिन सड़क और बिजली ही विकास नहीं है। असली विकास है कि लोगों का कमाई बढ़नी चाहिए। उन्हें यहीं नौकरी-रोजगार मिलने चाहिए। नीतीश कुमार अब कितने दिन तक CM बने रहेंगे। अब दूसरे को भी मौका मिलना चाहिए।’ महागठबंधन के दो कैंडिडेट चुनाव लड़ रहे हैं, तो क्या वोटर कन्फ्यूज हैं? मनोज पांडे जवाब देते हैं, ‘कन्फ्यूजन तो है। बड़े नेता जिसके प्रचार में आएंगे, उससे साफ होगा कि असली प्रत्याशी कौन है।’ इस बार चुनाव के मुद्दे क्या हैं? मनोज कहते हैं, ‘यहां बिना सोचे-समझे बांध बना दिया है। बारिश होती है, तो पानी नहीं निकल पाता। ऐसे में खेतों में पानी भर जाता है। फसल बर्बाद हो जाती है। नाले और चैंबर की सफाई नहीं होती, इससे पानी खेतों में ही रुका रह जाता है।’ प्रशांत किशोर और रितेश पांडे पर मनोज कहते हैं, ‘प्रशांत किशोर ने सही मुद्दे उठाए हैं। वे बिहार के हर हिस्से में जाकर लोगों की बात सुन रहे हैं। इस बार वे पहली बार चुनाव लड़ रहे है। उन्हें अभी बिहार में समय देना पड़ेगा।’ करगहर के ही धनंजय पांडे कहते हैं, ‘बिहार का विकास हुआ है। सड़कें बन गईं, बिजली भी 24 घंटे रहती है, लेकिन बिहार का आर्थिक विकास नहीं हो पाया है। यहां लोगों के लिए रोजगार नहीं है। कमाई का साधन नहीं है। नीतीश ने शुरुआत में बहुत विकास किया। अब सब थम गया है। अब अपराधियों का नहीं, अफसरों का दबदबा हो गया है। करप्शन बहुत है।’ कोनार के रहने वाले रोहित पांडे कहते हैं, ‘20 साल नीतीश रह लिए, 15 साल लालू ने भी सरकार चलाई है। इस बार तीसरी सरकार बनानी है। प्रशांत किशोर बेहतर कर सकते है। वे करगहर के रहने वाले हैं। हम चाहते हैं कि कम से कम करगहर से तो उनकी पार्टी चुनाव जीते।’ एक्सपर्ट बोले- कांग्रेस और जन सुराज में वोट बंटेंगे, NDA को फायदा
करगहर के चुनावी माहौल पर स्थानीय पत्रकार अमित कुमार बताते हैं, ‘करगहर में वोटर कन्फ्यूज हो गए हैं कि किसे वोट करें। महागठबंधन से CPI और कांग्रेस दोनों लड़ रहे हैं। इससे वोटर कन्फ्यूज हैं कि महागठबंधन का असली प्रत्याशी कौन है। यहां सबसे ज्यादा कुर्मी और ब्राह्मण वोटर हैं।’ ‘मौजूदा विधायक संतोष मिश्र और रितेश पांडे ब्राह्मण हैं। ऐसे में ब्राह्मण वोट दो हिस्से में बंटेंगे।’ अब कैंडिडेट की बात
संतोष मिश्र, कांग्रेस
करगहर के मुद्दों पर संतोष मिश्र कहते हैं, ‘युवाओं को रोजगार चाहिए, अपराध मुक्त बिहार चाहिए, शिक्षा की हालत खराब है। बिहार के स्कूल का स्तर काफी खराब है।’ करगहर में महागठबंधन के दो प्रत्याशी उतरने पर संतोष मिश्र कहते हैं, ‘महागठबंधन के शीर्ष नेतृत्व ने साफ कर दिया है कि करगहर से प्रत्याशी मैं ही हूं। वोटर को मैसेज चला गया है। गठबंधन धर्म को निभाए बिना नॉमिनेशन कराया है, तो उसका कुछ नहीं कह सकता।’ महेंद्र प्रसाद गुप्ता, CPI
CPI के कैंडिडेट महेंद्र प्रसाद गुप्ता प्रचार में हैं, इसलिए उनसे बात नहीं हो पाई। हमने उनके बेटे इंद्रजीत गुप्ता से बात की। वे चुनाव प्रभारी हैं। महागठबंधन से दो प्रत्याशी होने के सवाल पर वे संतोष मिश्र जैसा ही जवाब देते हैं। कहते हैं, ‘कोई कन्फ्यूजन नहीं है। तेजस्वी यादव ने साफ कर दिया है कि करगहर से CPI ही चुनाव लड़ेगी। वे यहां प्रचार करने भी आएंगे।’ कांग्रेस की उम्मीदवारी पर इंद्रजीत ने कहा, ‘कांग्रेस तो खुद कई सीटों पर RJD के खिलाफ चुनाव लड़ रही है। पिछली बार भी वाम दलों ने 29 सीटों पर चुनाव लड़कर 16 सीटें जीती थीं। कांग्रेस 70 सीटों पर लड़कर 19 सीटें जीत पाई थी।’ करगहर के मुद्दों पर इंद्रजीत कहते हैं, ‘युवाओं के लिए स्टेडियम सही करना है। सरकारी ऑफिसों में अफसरशाही बढ़ गई है, उसे खत्म करना है। करगहर बाजार नहर की वजह से दो हिस्सों में बंटा है, नहर के ऊपर बाजार बनवाना है ताकि लोग रोजगार कर सकें।’ वशिष्ठ सिंह, JDU
JDU के प्रत्याशी वशिष्ट सिंह कहते हैं, ‘एक वक्त बिहार में अपराधियों का बोलबाला था। कब किसकी हत्या हो जाए, किसी को नहीं पता था।’ रितेश पांडे, जन सुराज
जन सुराज के रितेश पांडे कहते हैं, ‘प्रशांत किशोर का विजन पूरे बिहार के लिए साफ है। वे रोजगार, शिक्षा और पलायन की बात कर रहे हैं। हम करगहर को एजुकेशन हब बनाएंगे।’ नंदजी चंद्रवंशी रोहतास जिले के कोनार गांव में पकौड़ी-समोसे की दुकान चलाते हैं। कोनार जन सुराज के संस्थापक प्रशांत किशोर का गांव है। नंदजी चंद्रवंशी की दुकान प्रशांत किशोर के घर से बमुश्किल 10 कदम दूर है। कोनार गांव करगहर सीट में आता है। चर्चा थी कि प्रशांत किशोर यहां से चुनाव लड़ सकते हैं। हालांकि पार्टी ने भोजपुरी सिंगर रितेश पांडे को उतार दिया। नंदजी चंद्रवंशी को प्रशांत किशोर से बहुत उम्मीदें हैं। वे कहते हैं, ‘हम पढ़े-लिखे नहीं है। सरकार नौकरी न दे, लेकिन रोजगार की व्यवस्था कर दे। महीने के 8-10 हजार रुपए कमाने, बाल-बच्चों को छोड़कर दिल्ली और हरियाणा जाना पड़ता है। प्रशांत किशोर हमारे लिए रोजगार की बात करते हैं। वे जीतेंगे, तो जरूर रोजगार दिलाएंगे।’ करगहर में विधानसभा चुनाव के दूसरे फेज में 11 नवंबर को वोटिंग होनी है। यहां महागठबंधन के दो उम्मीदवार आमने-सामने हैं। कांग्रेस ने मौजूदा विधायक संतोष मिश्रा का टिकट दिया है। CPI से महेंद्र प्रसाद गुप्ता मैदान में हैं। NDA से JDU के वशिष्ट सिंह और BSP से उदय प्रताप सिंह चुनाव लड़ रहे है। कुल 12 प्रत्याशी हैं। करगहर उन सीटों में शामिल है, जहां से जन सुराज को जीत मिल सकती है। करगहर सीट का गणित
सबसे ज्यादा कुर्मी, ब्राह्मण और यादव वोटर
करगहर पहले सासाराम सीट का हिस्सा थी। 2008 में परिसीमन के बाद अलग विधानसभा सीट बनी। 2010 में पहली बार चुनाव हुआ। इसमें JDU के रामधनी सिंह 13,197 वोट से जीते। 2015 में JDU के वशिष्ठ सिंह को 12,907 वोट से जीत मिली। 2020 में कांग्रेस के संतोष मिश्र ने वशिष्ट सिंह को 4,083 वोट से हरा दिया। BSP के उदय प्रताप सिंह तीसरे नंबर पर रहे। इस बार इन्हीं तीनों में मुकाबला है। इस सीट पर सबसे ज्यादा कुर्मी, ब्राह्मण और यादव वोटर हैं। कुर्मी 15%, ब्राह्मण 13%, यादव-10%, EBC 20%, ST/SC 12%, मुस्लिम 8%, राजपूत और भूमिहार 12% और अन्य 10% हैं। पलायन, रोजगार के अलावा बदहाल स्टेडियम भी मुद्दा
करगहर के बड़की करारी गांव के रहने वाले सतीश कुमार पटेल कहते हैं ‘हमारे लिए सबसे बड़ा मुद्दा विकास है। 20 साल पहले का बिहार भी हमने देखा है। आज का बिहार भी देख रहे हैं। दिन हो या रात बहन-बेटियां घर के बाहर निकल सकती हैं। हम सुरक्षित महसूस करते हैं।’ करगहर के रहने वाले शमशाद पलायन और शहर में बर्बाद हो रहे स्टेडियम को सबसे बड़ा मुद्दा मानते हैं। शमशाद कहते हैं, ‘करगहर में 2006 में स्टेडियम बना था। यहां बच्चे खेलते थे, पुलिस-आर्मी की तैयारी करने वाले लड़के तैयारी करते थे।’ ‘नीतीश की योजनाएं अच्छी, इस बार बदलाव चाहिए’
सतीश कुमार पटेल चुनाव पर कहते हैं, ‘हमारे इलाके में बहुत बदलाव हुआ है। एक समय बारिश में सड़कों पर पानी भर जाता था। निकल भी नहीं सकते थे। अब हर जगह सड़क बन गई हैं। रात के 12 बजे भी गांव तक आ सकते हैं। हमारे गांव में CM नीतीश ने इंजीनियरिंग कॉलेज बनवाया है। इससे कई लोगों को रोजगार मिला है।’ सतीश कांग्रेस के मौजूदा विधायक संतोष मिश्र के बारे में कहते हैं, ‘वे 5 साल से नहीं दिखे। नीतीश कुमार की योजनाओं से लोगों को फायदा मिल रहा है। इस बार हम उनके प्रत्याशी को वोट करेंगे।’ मौलिया गांव के किसान मनोज पांडे मानते हैं कि बिहार की तरक्की बिना इंडस्ट्री के मुमकिन नहीं है। वे कहते हैं, ‘हमारे और पूरे बिहार के लिए विकास ही मुद्दा है। बिहार में उद्योग नहीं हैं। यही सबसे बड़ी कमी है। सिर्फ धान और बालू से विकास नहीं हो सकता।’ नीतीश कुमार के बारे में मनोज पांडे कहते हैं, ‘नीतीश कुमार ने पहले कार्यकाल में बेहतर काम किया था। उनकी योजनाएं अच्छी हैं, लेकिन सड़क और बिजली ही विकास नहीं है। असली विकास है कि लोगों का कमाई बढ़नी चाहिए। उन्हें यहीं नौकरी-रोजगार मिलने चाहिए। नीतीश कुमार अब कितने दिन तक CM बने रहेंगे। अब दूसरे को भी मौका मिलना चाहिए।’ महागठबंधन के दो कैंडिडेट चुनाव लड़ रहे हैं, तो क्या वोटर कन्फ्यूज हैं? मनोज पांडे जवाब देते हैं, ‘कन्फ्यूजन तो है। बड़े नेता जिसके प्रचार में आएंगे, उससे साफ होगा कि असली प्रत्याशी कौन है।’ इस बार चुनाव के मुद्दे क्या हैं? मनोज कहते हैं, ‘यहां बिना सोचे-समझे बांध बना दिया है। बारिश होती है, तो पानी नहीं निकल पाता। ऐसे में खेतों में पानी भर जाता है। फसल बर्बाद हो जाती है। नाले और चैंबर की सफाई नहीं होती, इससे पानी खेतों में ही रुका रह जाता है।’ प्रशांत किशोर और रितेश पांडे पर मनोज कहते हैं, ‘प्रशांत किशोर ने सही मुद्दे उठाए हैं। वे बिहार के हर हिस्से में जाकर लोगों की बात सुन रहे हैं। इस बार वे पहली बार चुनाव लड़ रहे है। उन्हें अभी बिहार में समय देना पड़ेगा।’ करगहर के ही धनंजय पांडे कहते हैं, ‘बिहार का विकास हुआ है। सड़कें बन गईं, बिजली भी 24 घंटे रहती है, लेकिन बिहार का आर्थिक विकास नहीं हो पाया है। यहां लोगों के लिए रोजगार नहीं है। कमाई का साधन नहीं है। नीतीश ने शुरुआत में बहुत विकास किया। अब सब थम गया है। अब अपराधियों का नहीं, अफसरों का दबदबा हो गया है। करप्शन बहुत है।’ कोनार के रहने वाले रोहित पांडे कहते हैं, ‘20 साल नीतीश रह लिए, 15 साल लालू ने भी सरकार चलाई है। इस बार तीसरी सरकार बनानी है। प्रशांत किशोर बेहतर कर सकते है। वे करगहर के रहने वाले हैं। हम चाहते हैं कि कम से कम करगहर से तो उनकी पार्टी चुनाव जीते।’ एक्सपर्ट बोले- कांग्रेस और जन सुराज में वोट बंटेंगे, NDA को फायदा
करगहर के चुनावी माहौल पर स्थानीय पत्रकार अमित कुमार बताते हैं, ‘करगहर में वोटर कन्फ्यूज हो गए हैं कि किसे वोट करें। महागठबंधन से CPI और कांग्रेस दोनों लड़ रहे हैं। इससे वोटर कन्फ्यूज हैं कि महागठबंधन का असली प्रत्याशी कौन है। यहां सबसे ज्यादा कुर्मी और ब्राह्मण वोटर हैं।’ ‘मौजूदा विधायक संतोष मिश्र और रितेश पांडे ब्राह्मण हैं। ऐसे में ब्राह्मण वोट दो हिस्से में बंटेंगे।’ अब कैंडिडेट की बात
संतोष मिश्र, कांग्रेस
करगहर के मुद्दों पर संतोष मिश्र कहते हैं, ‘युवाओं को रोजगार चाहिए, अपराध मुक्त बिहार चाहिए, शिक्षा की हालत खराब है। बिहार के स्कूल का स्तर काफी खराब है।’ करगहर में महागठबंधन के दो प्रत्याशी उतरने पर संतोष मिश्र कहते हैं, ‘महागठबंधन के शीर्ष नेतृत्व ने साफ कर दिया है कि करगहर से प्रत्याशी मैं ही हूं। वोटर को मैसेज चला गया है। गठबंधन धर्म को निभाए बिना नॉमिनेशन कराया है, तो उसका कुछ नहीं कह सकता।’ महेंद्र प्रसाद गुप्ता, CPI
CPI के कैंडिडेट महेंद्र प्रसाद गुप्ता प्रचार में हैं, इसलिए उनसे बात नहीं हो पाई। हमने उनके बेटे इंद्रजीत गुप्ता से बात की। वे चुनाव प्रभारी हैं। महागठबंधन से दो प्रत्याशी होने के सवाल पर वे संतोष मिश्र जैसा ही जवाब देते हैं। कहते हैं, ‘कोई कन्फ्यूजन नहीं है। तेजस्वी यादव ने साफ कर दिया है कि करगहर से CPI ही चुनाव लड़ेगी। वे यहां प्रचार करने भी आएंगे।’ कांग्रेस की उम्मीदवारी पर इंद्रजीत ने कहा, ‘कांग्रेस तो खुद कई सीटों पर RJD के खिलाफ चुनाव लड़ रही है। पिछली बार भी वाम दलों ने 29 सीटों पर चुनाव लड़कर 16 सीटें जीती थीं। कांग्रेस 70 सीटों पर लड़कर 19 सीटें जीत पाई थी।’ करगहर के मुद्दों पर इंद्रजीत कहते हैं, ‘युवाओं के लिए स्टेडियम सही करना है। सरकारी ऑफिसों में अफसरशाही बढ़ गई है, उसे खत्म करना है। करगहर बाजार नहर की वजह से दो हिस्सों में बंटा है, नहर के ऊपर बाजार बनवाना है ताकि लोग रोजगार कर सकें।’ वशिष्ठ सिंह, JDU
JDU के प्रत्याशी वशिष्ट सिंह कहते हैं, ‘एक वक्त बिहार में अपराधियों का बोलबाला था। कब किसकी हत्या हो जाए, किसी को नहीं पता था।’ रितेश पांडे, जन सुराज
जन सुराज के रितेश पांडे कहते हैं, ‘प्रशांत किशोर का विजन पूरे बिहार के लिए साफ है। वे रोजगार, शिक्षा और पलायन की बात कर रहे हैं। हम करगहर को एजुकेशन हब बनाएंगे।’


