युवा पीढ़ी अब सीखेगी टॉक्सिक रिलेशन से बचने के तरीके

युवा पीढ़ी अब सीखेगी टॉक्सिक रिलेशन से बचने के तरीके

नई दिल्ली. डिजिटल युग में युवाओं को रिलेशनशिप से जुड़ी कई चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। युवा पीढ़ी में ‘टॉक्सिक रिलेशन’ (जहरीले रिश्ते) से अपराध भी बढ़ रहे हैं। दिल्ली यूनिवर्सिटी युवा वयस्कों के लिए ‘नेगोशिएटिंग इंटिमेट रिलेशनशिप’ नाम का वैकल्पिक पाठ्यक्रम शुरू करने की तैयारी कर रही है। इसका मकसद युवाओं को भावनात्मक चुनौतियों का समाधान करने में सक्षम बनाना और टॉक्सिक रिलेशन से बचाना है।यह कोर्स यूनिवर्सिटी के साइकोलॉजी विभाग ने तैयार किया है। विभाग के विशेषज्ञों का कहना है कि इसे स्टूडेंट्स को डेटिंग ऐप्स, सोशल मीडिया के युग में दोस्ती और रोमांटिक रिश्तों की गतिशीलता को समझने में मदद करने के लिए तैयार किया गया। कोर्स सभी ग्रेजुएट स्टूडेंट्स के लिए वैकल्पिक होगा। इसके चार क्रेडिट पेपर स्टूडेंट्स को रेड फ्लैग (खतरनाक) रिलेशनशिप की पहचान करने, भावनात्मक दिक्कतों को पहचानने और स्वस्थ पारस्परिक संबंध बनाने में मदद करने के लिए डिजाइन किए गए हैं। कोर्स कब शुरू होगा, फिलहाल इसका ब्योरा नहीं मिला है।

संबंधों के पीछे के मनोविज्ञान की पड़ताल

पाठ्यक्रम में चार अहम इकाइयां हैं। पहली इकाई दोस्ती और घनिष्ठ संबंधों के पीछे के मनोविज्ञान से शुरू होती है। दूसरी इकाई प्रेम और कामुकता के विभिन्न सिद्धांतों पर चर्चा करती है। तीसरी इकाई ईष्र्या, भावनात्मक हेरफेर और हिंसा की चेतावनी के संकेतों की खोज करती है। अंतिम इकाई संतोषजनक और लंबे समय तक चलने वाले रिश्तों को पोषित करने की रणनीतियों पर केंद्रित है।

‘कबीर सिंह’ और ‘टाइटैनिक’ भी देखेंगे

स्टूडेंट्स के लिए हर हफ्ते तीन लेक्चर और एक ट्यूटोरियल होगा। ट्यूटोरियल में मूवी समीक्षा, डेटिंग संस्कृति पर बहस, समूह चर्चा और सोशल मीडिया नेटवर्क एनालिसिस जैसे इंटरैक्टिव अभ्यास शामिल होंगे। ‘कबीर सिंह’ और ‘टाइटैनिक’ जैसी फिल्मों की समीक्षा की जाएगी, ताकि प्रेम और संघर्ष के चित्रण की विवेचना की जा सके।

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