खेरली. राजस्थान की सरसों उत्पादन में अग्रणी तथा “अ” श्रेणी की मानी जाने वाली खेरली कृषि उपज मंडी में इन दिनों किसानों और मजदूरों की परेशानियां बढ़ गई हैं। एक ओर बारिश के दौरान मार झेल रहे किसान अपनी उपज को सुरक्षित रखने में असमर्थ हैं, वहीं दूसरी ओर मंडी प्रशासन की अनदेखी ने स्थिति को और गंभीर बना दिया है।
आरोप है कि किसानों के लिए मंडी परिसर में बनाए गए प्लेटफार्मों पर व्यापारियों ने कब्जा कर रखा है। इन पर व्यापारी अपनी खरीदी हुई उपज और बारदाना रखे हुए हैं, जिससे किसानों को अपनी पैदावार रखने की जगह नहीं मिल रही है। परिणामस्वरूप बारिश आने के दौरान किसानों की फसलें भीग रही हैं।नहीं मिल रही मूलभूत सुविधाएं
किसानों ने बताया कि मंडी परिसर में मजदूरों और उनके लिए छाया और शौचालय जैसी बुनियादी सुविधाएं तक नहीं हैं। शिकायतों के बावजूद प्रशासनिक स्तर पर कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है। किसानों ने मंडी समिति प्रशासन और प्रशासक को कई बार अवगत कराया, परंतु कार्रवाई अब तक नहीं हुई। स्थानीय लोगों का कहना है कि मंडी सचिव और एसडीएम का निवास परिसर में ही स्थित है, इसके बावजूद समस्या का समाधान नहीं होना प्रशासन की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े करता है। किसानों का कहना है कि सरकारें किसानों के हितों की बात करती हैं, परंतु जमीनी स्तर पर हालात भिन्न हैं।कब्जा करने वालों पर होगी कार्रवाई
प्लेटफार्म का उपयोग प्राथमिकता से किसानों के लिए किया जाना चाहिए। यदि खाली रहने की स्थिति में व्यापारी अस्थायी रूप से उपयोग करते हैं, तो यह सीमित अवधि तक ही मान्य है। लंबे समय से प्लेटफार्मों पर कब्जा करने वाले व्यापारियों की पहचान कर कार्रवाई की जाएगी।
राजेश कर्दम, मंडी सचिव।


