जदयू प्रदेश प्रवक्ता अरविंद निषाद ने सोमवार को सुपौल जिला जदयू कार्यालय में आयोजित प्रेसवार्ता में स्पष्ट किया कि जीविका दीदियों के खातों में भेजे जा रहे 10 हजार रुपए लोन नहीं हैं। उन्होंने कहा कि यह राशि सरकार की ओर से महिलाओं को उनके बिजनेस प्लान की शुरुआत के लिए दी जा रही है। उन्होंने कहा कि सरकार की मंशा महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाना और उन्हें छोटे स्तर पर व्यवसाय शुरू करने के लिए प्रोत्साहित करना है। उन्होंने कहा कि सरकार पहले ही स्पष्ट कर चुकी है कि जो महिलाएं अपने बिजनेस प्लान, प्रोजेक्ट और आइडिया को विस्तारपूर्वक प्रस्तुत करेंगी, उन्हें आगे 2 लाख रुपए तक की राशि दी जाएगी। इसके लिए शीघ्र ही सरकार की ओर से विस्तृत गाइडलाइन जारी की जाएगी। उन्होंने कहा कि जैसे ही वह गाइडलाइन आएगी, उससे संबंधित विस्तृत जानकारी दी जाएगी। आरक्षण देने वाला देश का पहला राज्य बना बिहार बिहार महिलाओं को नगर निकायों और पंचायती राज संस्थाओं में आरक्षण देने वाला देश का पहला राज्य बना है। बिहार हमेशा से देश को दिशा देने का काम करता आया है। यहां शुरू की गई कई योजनाएं बाद में पूरे देश के लिए मिसाल बनीं। जदयू प्रवक्ता ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की कार्यशैली की सराहना करते हुए कहा कि वे पेशे से इंजीनियर हैं और किसी भी योजना को लागू करने से पहले उसके बजटीय और प्रशासनिक प्रबंधन की बारीकी से समीक्षा करते हैं। उनके नेतृत्व में बिहार ने महिलाओं के सशक्तिकरण की दिशा में ऐतिहासिक कदम उठाए हैं। 1 करोड़ 40 लाख महिलाएं जीविका समूहों से जुड़ी बिहार में 1 करोड़ 40 लाख महिलाएं जीविका समूहों से जुड़ी हैं। इन समूहों को अब तक 56 हजार करोड़ रुपए का मार्केट कैप मिला है, जो राज्य के लिए बड़ी उपलब्धि है। जीविका योजना के तहत पहले राज्य में व्यापक सर्वे कर आंकड़े जुटाए गए, उसके बाद ग्रामीण विकास विभाग ने उसकी समीक्षा कर योजना को धरातल पर उतारा। उन्होंने दावा किया कि आने वाले दिनों में यह योजना पूरे देश के लिए एक नजीर बनेगी और महिलाओं के आर्थिक सशक्तिकरण की दिशा में बिहार का मॉडल अग्रणी भूमिका निभाएगा। मौके पर ओम प्रकाश यादव, प्रियंका यादव सहित अन्य मौजूद रहे। महिलाओं को मिला 10 हजार रुपये लोन नहीं; सहायता राशि : सुपौल में बोले JDU प्रवक्ता अरविंद निषाद, कहा- बिजनेस प्लान की शुरुआत के लिए दी जा रही। जदयू प्रदेश प्रवक्ता अरविंद निषाद ने सोमवार को सुपौल जिला जदयू कार्यालय में आयोजित प्रेसवार्ता में स्पष्ट किया कि जीविका दीदियों के खातों में भेजे जा रहे 10 हजार रुपए लोन नहीं हैं। उन्होंने कहा कि यह राशि सरकार की ओर से महिलाओं को उनके बिजनेस प्लान की शुरुआत के लिए दी जा रही है। उन्होंने कहा कि सरकार की मंशा महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाना और उन्हें छोटे स्तर पर व्यवसाय शुरू करने के लिए प्रोत्साहित करना है। उन्होंने कहा कि सरकार पहले ही स्पष्ट कर चुकी है कि जो महिलाएं अपने बिजनेस प्लान, प्रोजेक्ट और आइडिया को विस्तारपूर्वक प्रस्तुत करेंगी, उन्हें आगे 2 लाख रुपए तक की राशि दी जाएगी। इसके लिए शीघ्र ही सरकार की ओर से विस्तृत गाइडलाइन जारी की जाएगी। उन्होंने कहा कि जैसे ही वह गाइडलाइन आएगी, उससे संबंधित विस्तृत जानकारी दी जाएगी। आरक्षण देने वाला देश का पहला राज्य बना बिहार बिहार महिलाओं को नगर निकायों और पंचायती राज संस्थाओं में आरक्षण देने वाला देश का पहला राज्य बना है। बिहार हमेशा से देश को दिशा देने का काम करता आया है। यहां शुरू की गई कई योजनाएं बाद में पूरे देश के लिए मिसाल बनीं। जदयू प्रवक्ता ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की कार्यशैली की सराहना करते हुए कहा कि वे पेशे से इंजीनियर हैं और किसी भी योजना को लागू करने से पहले उसके बजटीय और प्रशासनिक प्रबंधन की बारीकी से समीक्षा करते हैं। उनके नेतृत्व में बिहार ने महिलाओं के सशक्तिकरण की दिशा में ऐतिहासिक कदम उठाए हैं। 1 करोड़ 40 लाख महिलाएं जीविका समूहों से जुड़ी बिहार में 1 करोड़ 40 लाख महिलाएं जीविका समूहों से जुड़ी हैं। इन समूहों को अब तक 56 हजार करोड़ रुपए का मार्केट कैप मिला है, जो राज्य के लिए बड़ी उपलब्धि है। जीविका योजना के तहत पहले राज्य में व्यापक सर्वे कर आंकड़े जुटाए गए, उसके बाद ग्रामीण विकास विभाग ने उसकी समीक्षा कर योजना को धरातल पर उतारा। उन्होंने दावा किया कि आने वाले दिनों में यह योजना पूरे देश के लिए एक नजीर बनेगी और महिलाओं के आर्थिक सशक्तिकरण की दिशा में बिहार का मॉडल अग्रणी भूमिका निभाएगा। मौके पर ओम प्रकाश यादव, प्रियंका यादव सहित अन्य मौजूद रहे। महिलाओं को मिला 10 हजार रुपये लोन नहीं; सहायता राशि : सुपौल में बोले JDU प्रवक्ता अरविंद निषाद, कहा- बिजनेस प्लान की शुरुआत के लिए दी जा रही।


