2015 की बात है। सीवान के सबसे बड़े बाहुबली और RJD नेता शहाबुद्दीन डबल मर्डर केस में तिहाड़ में उम्रकैद की सजा काट रहे थे। बिहार में विधानसभा के चुनाव होने थे। सीवान की रघुनाथपुर सीट से कैंडिडेट तय करने की बात आई, तो शहाबुद्दीन ने अपने करीबी हरिशंकर यादव का नाम आगे बढ़ा दिया। RJD पहले कभी इस सीट पर नहीं जीत पाई थी। 27 साल कुशहरा पंचायत के मुखिया रहे हरिशंकर यादव ने RJD के लिए पहली बार ये सीट जीत ली। 2020 में दोबारा जीते, लेकिन जीत का अंतर 4,227 से बढ़कर 17,965 हो गया। रघुनाथपुर में 6 नवंबर को पहले फेज में वोटिंग होनी है। अब शहाबुद्दीन नहीं हैं। 2021 में उनकी मौत के बाद रघुनाथपुर में पहला विधानसभा चुनाव है। इस बार कैंडिडेट चुनने की बारी आई, तो हरिशंकर यादव ने अपनी सीट छोड़ दी और शहाबुद्दीन के बेटे ओसामा शहाब का नाम आगे बढ़ाया। शहाबुद्दीन सीवान में RJD का चेहरा थे। अब उनके बेटे ओसामा चुनाव लड़ रहे हैं। उनके सामने JDU ने विकास कुमार सिंह उर्फ जीशू सिंह को उतारा है। प्रशांत किशोर की पार्टी जन सुराज से राहुल कीर्ति चुनाव लड़ रहे हैं। इस सीट पर मुस्लिम वोटर 23.2%, अनुसूचित जातियों के वोटर करीब 11.49% और यादव वोटर 9.6% है। जातीय समीकरण के लिहाज से RJD यहां मजबूत दिखती है। चुनाव में रघुनाथपुर के लोगों के क्या मुद्दे हैं, शहाबुद्दीन की मौत के बाद ओसामा के साथ सहानुभूति फैक्टर है या नहीं, इस बार किसका पलड़ा भारी है, ये जानने के लिए दैनिक भास्कर की टीम रघुनाथपुर पहुंची। यहां रोजगार और पलायन के साथ क्राइम सबसे बड़ा मुद्दा है। रघुनाथपुर सीट का गणित
ये सीट सीवान लोकसभा क्षेत्र की 6 सीटों में से एक है। RJD के हरिशंकर यादव 2015 और 2020 में यहां से जीते थे। 2024 के लोकसभा चुनाव में JDU की विजयलक्ष्मी देवी ने सीवान सीट 92,857 वोट से जीती थी। हालांकि रघुनाथपुर विधानसभा सीट में वे निर्दलीय हिना शहाब से 3,891 वोटों से पीछे रही थीं। हिना शहाब शहाबुद्दीन की पत्नी हैं। ‘तेजस्वी की लहर, ओसामा को जीत दिलाएंगे’
रघुनाथपुर के रहने वाले सरफराज अहमद मानते हैं कि इस बार पूरे बिहार में तेजस्वी यादव की लहर है। वे कहते हैं, ‘इस बार बिहार में तेजस्वी यादव की सरकार बनानी है। रघुनाथपुर में ओसामा साहब को लाना है।‘ वोटर बोले- क्राइम सबसे बड़ा मुद्दा, RJD ही कम कर सकती है
रघुनाथपुर के ही काशिफ क्राइम और रोजगार को बड़ा मुद्दा बताते हैं। वे कहते हैं कि सरकार रोजगार देने की बात कर रही है, तो सारे सिस्टम में सुधार की बात भी होनी चाहिए। हम इसी मुद्दे पर वोट देंगे। काशिफ RJD के सपोर्टर हैं। इसकी वजह बताते हैं, ‘रघुनाथपुर में RJD ने एजुकेशन पर अच्छा काम किया है। सदर हॉस्पिटल, इस्लामिया कॉलेज, डीवी कॉलेज बनाया। ये तमाम एजुकेशन और हेल्थ के काम पार्टी शुरू से कर रही है। उम्मीद है कि अब भी करेगी और इससे बेहतर करेगी। हम इसी पार्टी को चुनेंगे।’ ‘डिग्री कॉलेज नहीं, हॉस्पिटल दूर, रोज हत्याएं हो रहीं’
रघुनाथपुर के ही रहने वाले सुधीर विकास को इकलौता मुद्दा बताते हैं। वे कहते हैं, ‘प्रखंड स्तर पर डिग्री कॉलेज नहीं है। इससे बच्चों को दिक्कत होती है। खासकर लड़कियों को दूर जाना पड़ता है। स्वास्थ्य का भी यही हाल है। बिल्डिंग तो बनी है, लेकिन पीएचसी और सीएचसी गांव से दूर हैं। यहां से जाने की सुविधा ही नहीं है।’ क्राइम की स्थिति पर सुधीर कहते हैं, ‘विकास के नाम पर जंगलराज की बातें चल रही हैं। अब भी तो जंगलराज ही है। दो-तीन दिन से लगातार हत्याएं हो रही हैं। मोकामा में ASI की हत्या हुई। आरा में दो कुशवाहा लोगों को मार दिया।’ किसे वोट देंगे? सुधीर इस सवाल का सीधा जवाब नहीं देते। वे मुद्दे गिनाते हुए कहते हैं, ‘10 साल से हमारा विधायक विपक्ष में है। उनके पास सिर्फ विधायक निधि है। इसके अलावा सरकार विपक्ष के विधायकों या नेताओं के लिए कुछ नहीं करती।’ ‘नीतीश कुमार ने गांव में शहरों जैसी सुविधा दीं’
रघुनाथपुर में रहने वाले 60 साल के रामकेश सिंह नीतीश कुमार का समर्थन करते हैं। वे कहते हैं, ‘उनके CM बनने से समाज में बहुत बदलाव आया है। गांवों में शहर जैसी सुविधाएं मिली हैं। मुख्यमंत्री जी ने जमीन पर काम किया है। इस बार विकास के मुद्दे पर ही चुनाव लड़ा जाएगा। मोदी और नीतीश जैसा काम किसी और सरकार ने नहीं किया।’ ‘सीवान अपराधियों का गढ़ था, अब डर खत्म हुआ’
रघुनाथपुर के ही रहने वाले अरविंद पटेल भी नीतीश कुमार का समर्थन करते हैं। वे कहते हैं, ‘नीतीश 20 साल से सरकार चला रहे हैं। पिछले 5 साल में युवाओं के लिए सारी व्यवस्था खड़ी कर दी है। अब लग रहा है कि बाहरी पूंजीपतियों से बात हो चुकी, जमीन दे चुके हैं। उनकी सरकार आने पर बिहार पटरी पर चलेगा और यहां रोजगार की भरमार होगी।’ ‘पहले सीवान आतंक का गढ़ था। ये बात हर बच्चा जानता है। ओम प्रकाश यादव ने आतंक कम किया। उनसे पहले झंडा कौन उठाता। अब लोग कहते हैं कि बिना FIR वाला, पढ़ा-लिखा कैंडिडेट आया है। इसलिए इनका पलड़ा भारी है।’ ‘टिकट बंटवारे से नाराजगी, विरोध में नोटा दबाएंगे’
करीब 55 साल के गिरिजानंद शर्मा अपनी कम्युनिटी के लोगों को टिकट न मिलने से नाराज हैं। वे शिकायत करते हैं कि NDA और महागठबंधन दोनों ने हमारे समाज को हिस्सेदारी नहीं दी। इसलिए वोटिंग का कोई मतलब नहीं बचा। हम वोट न देकर विरोध जताएंगे। अब कैंडिडेट की बात
ओसामा बोले- करप्शन खत्म करेंगे, इससे गरीबों की कमाई बर्बाद हो रही
RJD प्रत्याशी और शहाबुद्दीन के बेटे ओसामा क्षेत्र में निकल जरूर रहे हैं, लेकिन मीडिया से लेकर हर जगह उनकी सक्रियता काफी कम है। प्रचार का जिम्मा भी RJD कार्यकर्ताओं और सीवान सीट से RJD के कैंडिडेट अवध बिहारी ने संभाला हुआ है। ओसामा ने अपनी पहली जनसभा में कहा, ‘एक बार हमारे नेता की सरकार बनाओ। ब्लॉक से थाने तक आप लोगों को प्रताड़ित कर रहे हैं, भ्रष्टाचार है, सब खत्म होगा। गरीब आदमी एक बार थाने-ब्लॉक के चक्कर में पड़ जाए, इसमें पूरे महीने की कमाई चली जाती है।’ JDU कैंडिडेट बोले- शहाबुद्दीन गांधी या अंबेडकर नहीं, कोई सहानुभूति नहीं
ओसामा के सामने चुनाव लड़ रहे JDU ने विकास कुमार सिंह आतंक की वापसी रोकने का दावा करते हैं। वे कहते हैं, ‘हम विकास के मुद्दे पर चुनाव लड़ रहे हैं। यहां अमन को चुनना जरूरी है। सीवान में पुराना आतंक का माहौल फिर से पनपने न पाए। फिर से लोग दहशत में न जिएं। इसके खिलाफ मेरी लड़ाई है।’ क्या ओसामा को शहाबुद्दीन की मौत के बाद सहानुभूति में वोट मिलेंगे? विकास सिंह जवाब देते हैं, ‘शहाबुद्दीन कोई गांधी या अंबेडकर थे क्या। सजायाफ्ता और 45-46 केस में नामजद थे। सहानुभूति किसकी होती है।’ एक्सपर्ट बोले- शहाबुद्दीन फैक्टर कमजोर
25 साल से सीवान में पत्रकारिता कर रहे अभिषेक श्रीवास्तव मानते हैं कि रघुनाथपुर में RJD और BJP के बीच कांटे की टक्कर है। शहाबुद्दीन फैक्टर को कमजोर मान रहे अभिषेक बताते हैं, ‘इस बार RJD की लहर कमजोर लग रही है। पिछले लोकसभा चुनाव में देखा कि शहाबुद्दीन के प्रति नाराजगी बढ़ी है। उनकी पत्नी चुनाव हार गईं। मौत के बाद भी परिवार चुनाव लड़ रहा है, लेकिन जीत नहीं मिली।’ अभिषेक मानते हैं कि दो बार सीट जीतने के बावजूद RJD को नुकसान हो सकता है। सीवान में सांप्रदायिक ध्रुवीकरण की वजह से शहाबुद्दीन परिवार शिकस्त खा रहा है। ओसामा के प्रचार की जिम्मेदारी अवध बिहारी ने संभाली है। वे RJD के पुराने नेता हैं। सीवान में स्टार प्रचारक हैं। महागठबंधन के उम्मीदवारों के लिए हर विधानसभा में कैंपेन करेंगे।’ ‘JDU कैंडिडेट जाना-माना चेहरा नहीं’
अभिषेक मानते हैं कि JDU के उम्मीदवार सुलझे हुए और अच्छे कारोबारी हैं, लेकिन राजनीति में नए हैं। लोग उनका नाम तो जानते हैं, लेकिन चेहरा नहीं पहचानते। अगर पुराने चेहरे को टिकट मिला होता, तो ज्यादा असर होता। अभिषेक मानते हैं कि नया चेहरा होने के बाद भी विकास सिंह जीत सकते हैं। अभिषेक भी क्राइम को रघुनाथपुर के लिए बड़ा मुद्दा बताते हैं। वे कहते हैं कि हम रघुनाथपुर गए तो लोगों ने कहा कि यहां बहुत क्राइम है। कुछ दबंग अपराधी चुनाव लड़ने की कोशिश कर रहे थे, लेकिन कुछ घटनाओं की वजह से बाहर हो गए। ये जनता के लिए राहत है। मुख्य समस्या अपराध और जातीय ध्रुवीकरण ही है। ये सीवान जिले की पुरानी बीमारी है। 2015 की बात है। सीवान के सबसे बड़े बाहुबली और RJD नेता शहाबुद्दीन डबल मर्डर केस में तिहाड़ में उम्रकैद की सजा काट रहे थे। बिहार में विधानसभा के चुनाव होने थे। सीवान की रघुनाथपुर सीट से कैंडिडेट तय करने की बात आई, तो शहाबुद्दीन ने अपने करीबी हरिशंकर यादव का नाम आगे बढ़ा दिया। RJD पहले कभी इस सीट पर नहीं जीत पाई थी। 27 साल कुशहरा पंचायत के मुखिया रहे हरिशंकर यादव ने RJD के लिए पहली बार ये सीट जीत ली। 2020 में दोबारा जीते, लेकिन जीत का अंतर 4,227 से बढ़कर 17,965 हो गया। रघुनाथपुर में 6 नवंबर को पहले फेज में वोटिंग होनी है। अब शहाबुद्दीन नहीं हैं। 2021 में उनकी मौत के बाद रघुनाथपुर में पहला विधानसभा चुनाव है। इस बार कैंडिडेट चुनने की बारी आई, तो हरिशंकर यादव ने अपनी सीट छोड़ दी और शहाबुद्दीन के बेटे ओसामा शहाब का नाम आगे बढ़ाया। शहाबुद्दीन सीवान में RJD का चेहरा थे। अब उनके बेटे ओसामा चुनाव लड़ रहे हैं। उनके सामने JDU ने विकास कुमार सिंह उर्फ जीशू सिंह को उतारा है। प्रशांत किशोर की पार्टी जन सुराज से राहुल कीर्ति चुनाव लड़ रहे हैं। इस सीट पर मुस्लिम वोटर 23.2%, अनुसूचित जातियों के वोटर करीब 11.49% और यादव वोटर 9.6% है। जातीय समीकरण के लिहाज से RJD यहां मजबूत दिखती है। चुनाव में रघुनाथपुर के लोगों के क्या मुद्दे हैं, शहाबुद्दीन की मौत के बाद ओसामा के साथ सहानुभूति फैक्टर है या नहीं, इस बार किसका पलड़ा भारी है, ये जानने के लिए दैनिक भास्कर की टीम रघुनाथपुर पहुंची। यहां रोजगार और पलायन के साथ क्राइम सबसे बड़ा मुद्दा है। रघुनाथपुर सीट का गणित
ये सीट सीवान लोकसभा क्षेत्र की 6 सीटों में से एक है। RJD के हरिशंकर यादव 2015 और 2020 में यहां से जीते थे। 2024 के लोकसभा चुनाव में JDU की विजयलक्ष्मी देवी ने सीवान सीट 92,857 वोट से जीती थी। हालांकि रघुनाथपुर विधानसभा सीट में वे निर्दलीय हिना शहाब से 3,891 वोटों से पीछे रही थीं। हिना शहाब शहाबुद्दीन की पत्नी हैं। ‘तेजस्वी की लहर, ओसामा को जीत दिलाएंगे’
रघुनाथपुर के रहने वाले सरफराज अहमद मानते हैं कि इस बार पूरे बिहार में तेजस्वी यादव की लहर है। वे कहते हैं, ‘इस बार बिहार में तेजस्वी यादव की सरकार बनानी है। रघुनाथपुर में ओसामा साहब को लाना है।‘ वोटर बोले- क्राइम सबसे बड़ा मुद्दा, RJD ही कम कर सकती है
रघुनाथपुर के ही काशिफ क्राइम और रोजगार को बड़ा मुद्दा बताते हैं। वे कहते हैं कि सरकार रोजगार देने की बात कर रही है, तो सारे सिस्टम में सुधार की बात भी होनी चाहिए। हम इसी मुद्दे पर वोट देंगे। काशिफ RJD के सपोर्टर हैं। इसकी वजह बताते हैं, ‘रघुनाथपुर में RJD ने एजुकेशन पर अच्छा काम किया है। सदर हॉस्पिटल, इस्लामिया कॉलेज, डीवी कॉलेज बनाया। ये तमाम एजुकेशन और हेल्थ के काम पार्टी शुरू से कर रही है। उम्मीद है कि अब भी करेगी और इससे बेहतर करेगी। हम इसी पार्टी को चुनेंगे।’ ‘डिग्री कॉलेज नहीं, हॉस्पिटल दूर, रोज हत्याएं हो रहीं’
रघुनाथपुर के ही रहने वाले सुधीर विकास को इकलौता मुद्दा बताते हैं। वे कहते हैं, ‘प्रखंड स्तर पर डिग्री कॉलेज नहीं है। इससे बच्चों को दिक्कत होती है। खासकर लड़कियों को दूर जाना पड़ता है। स्वास्थ्य का भी यही हाल है। बिल्डिंग तो बनी है, लेकिन पीएचसी और सीएचसी गांव से दूर हैं। यहां से जाने की सुविधा ही नहीं है।’ क्राइम की स्थिति पर सुधीर कहते हैं, ‘विकास के नाम पर जंगलराज की बातें चल रही हैं। अब भी तो जंगलराज ही है। दो-तीन दिन से लगातार हत्याएं हो रही हैं। मोकामा में ASI की हत्या हुई। आरा में दो कुशवाहा लोगों को मार दिया।’ किसे वोट देंगे? सुधीर इस सवाल का सीधा जवाब नहीं देते। वे मुद्दे गिनाते हुए कहते हैं, ‘10 साल से हमारा विधायक विपक्ष में है। उनके पास सिर्फ विधायक निधि है। इसके अलावा सरकार विपक्ष के विधायकों या नेताओं के लिए कुछ नहीं करती।’ ‘नीतीश कुमार ने गांव में शहरों जैसी सुविधा दीं’
रघुनाथपुर में रहने वाले 60 साल के रामकेश सिंह नीतीश कुमार का समर्थन करते हैं। वे कहते हैं, ‘उनके CM बनने से समाज में बहुत बदलाव आया है। गांवों में शहर जैसी सुविधाएं मिली हैं। मुख्यमंत्री जी ने जमीन पर काम किया है। इस बार विकास के मुद्दे पर ही चुनाव लड़ा जाएगा। मोदी और नीतीश जैसा काम किसी और सरकार ने नहीं किया।’ ‘सीवान अपराधियों का गढ़ था, अब डर खत्म हुआ’
रघुनाथपुर के ही रहने वाले अरविंद पटेल भी नीतीश कुमार का समर्थन करते हैं। वे कहते हैं, ‘नीतीश 20 साल से सरकार चला रहे हैं। पिछले 5 साल में युवाओं के लिए सारी व्यवस्था खड़ी कर दी है। अब लग रहा है कि बाहरी पूंजीपतियों से बात हो चुकी, जमीन दे चुके हैं। उनकी सरकार आने पर बिहार पटरी पर चलेगा और यहां रोजगार की भरमार होगी।’ ‘पहले सीवान आतंक का गढ़ था। ये बात हर बच्चा जानता है। ओम प्रकाश यादव ने आतंक कम किया। उनसे पहले झंडा कौन उठाता। अब लोग कहते हैं कि बिना FIR वाला, पढ़ा-लिखा कैंडिडेट आया है। इसलिए इनका पलड़ा भारी है।’ ‘टिकट बंटवारे से नाराजगी, विरोध में नोटा दबाएंगे’
करीब 55 साल के गिरिजानंद शर्मा अपनी कम्युनिटी के लोगों को टिकट न मिलने से नाराज हैं। वे शिकायत करते हैं कि NDA और महागठबंधन दोनों ने हमारे समाज को हिस्सेदारी नहीं दी। इसलिए वोटिंग का कोई मतलब नहीं बचा। हम वोट न देकर विरोध जताएंगे। अब कैंडिडेट की बात
ओसामा बोले- करप्शन खत्म करेंगे, इससे गरीबों की कमाई बर्बाद हो रही
RJD प्रत्याशी और शहाबुद्दीन के बेटे ओसामा क्षेत्र में निकल जरूर रहे हैं, लेकिन मीडिया से लेकर हर जगह उनकी सक्रियता काफी कम है। प्रचार का जिम्मा भी RJD कार्यकर्ताओं और सीवान सीट से RJD के कैंडिडेट अवध बिहारी ने संभाला हुआ है। ओसामा ने अपनी पहली जनसभा में कहा, ‘एक बार हमारे नेता की सरकार बनाओ। ब्लॉक से थाने तक आप लोगों को प्रताड़ित कर रहे हैं, भ्रष्टाचार है, सब खत्म होगा। गरीब आदमी एक बार थाने-ब्लॉक के चक्कर में पड़ जाए, इसमें पूरे महीने की कमाई चली जाती है।’ JDU कैंडिडेट बोले- शहाबुद्दीन गांधी या अंबेडकर नहीं, कोई सहानुभूति नहीं
ओसामा के सामने चुनाव लड़ रहे JDU ने विकास कुमार सिंह आतंक की वापसी रोकने का दावा करते हैं। वे कहते हैं, ‘हम विकास के मुद्दे पर चुनाव लड़ रहे हैं। यहां अमन को चुनना जरूरी है। सीवान में पुराना आतंक का माहौल फिर से पनपने न पाए। फिर से लोग दहशत में न जिएं। इसके खिलाफ मेरी लड़ाई है।’ क्या ओसामा को शहाबुद्दीन की मौत के बाद सहानुभूति में वोट मिलेंगे? विकास सिंह जवाब देते हैं, ‘शहाबुद्दीन कोई गांधी या अंबेडकर थे क्या। सजायाफ्ता और 45-46 केस में नामजद थे। सहानुभूति किसकी होती है।’ एक्सपर्ट बोले- शहाबुद्दीन फैक्टर कमजोर
25 साल से सीवान में पत्रकारिता कर रहे अभिषेक श्रीवास्तव मानते हैं कि रघुनाथपुर में RJD और BJP के बीच कांटे की टक्कर है। शहाबुद्दीन फैक्टर को कमजोर मान रहे अभिषेक बताते हैं, ‘इस बार RJD की लहर कमजोर लग रही है। पिछले लोकसभा चुनाव में देखा कि शहाबुद्दीन के प्रति नाराजगी बढ़ी है। उनकी पत्नी चुनाव हार गईं। मौत के बाद भी परिवार चुनाव लड़ रहा है, लेकिन जीत नहीं मिली।’ अभिषेक मानते हैं कि दो बार सीट जीतने के बावजूद RJD को नुकसान हो सकता है। सीवान में सांप्रदायिक ध्रुवीकरण की वजह से शहाबुद्दीन परिवार शिकस्त खा रहा है। ओसामा के प्रचार की जिम्मेदारी अवध बिहारी ने संभाली है। वे RJD के पुराने नेता हैं। सीवान में स्टार प्रचारक हैं। महागठबंधन के उम्मीदवारों के लिए हर विधानसभा में कैंपेन करेंगे।’ ‘JDU कैंडिडेट जाना-माना चेहरा नहीं’
अभिषेक मानते हैं कि JDU के उम्मीदवार सुलझे हुए और अच्छे कारोबारी हैं, लेकिन राजनीति में नए हैं। लोग उनका नाम तो जानते हैं, लेकिन चेहरा नहीं पहचानते। अगर पुराने चेहरे को टिकट मिला होता, तो ज्यादा असर होता। अभिषेक मानते हैं कि नया चेहरा होने के बाद भी विकास सिंह जीत सकते हैं। अभिषेक भी क्राइम को रघुनाथपुर के लिए बड़ा मुद्दा बताते हैं। वे कहते हैं कि हम रघुनाथपुर गए तो लोगों ने कहा कि यहां बहुत क्राइम है। कुछ दबंग अपराधी चुनाव लड़ने की कोशिश कर रहे थे, लेकिन कुछ घटनाओं की वजह से बाहर हो गए। ये जनता के लिए राहत है। मुख्य समस्या अपराध और जातीय ध्रुवीकरण ही है। ये सीवान जिले की पुरानी बीमारी है।


