Andropause in Men: क्या है पुरुषों में एंड्रोपॉज, जानें इसके लक्षण और बचाव उपाय

Andropause in Men: क्या है पुरुषों में एंड्रोपॉज, जानें इसके लक्षण और बचाव उपाय

Andropause in Men: एक उम्र एक बाद महिलाओं में मेनोपॉज की समस्या होने लगती है। लेकिन क्या आपको पता है पुरुषों में ऐसे ही एक समस्या होती है जिसे एंड्रोपॉज कहा जाता है। एनसीबीआई के अनुसार एंड्रोपॉज का शाब्दिक अर्थ है सेक्सुअल सेटिस्फेक्शन में कमी आना होता है। ऐसे में जानते हैं पुरुषों में एंड्रोपॉज क्या है और इससे कैसे बचाव किया जा सकता है।

क्या है पुरुषों में एंड्रोपॉज : What is Andropause in Men

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सीनियर यूरोलॉजिस्ट के अनुसार पुरुष रजोनिवृत्ति जिसे हम एंड्रोपॉज कहते हैं यह महिलाओं की रजोनिवृत्ति के समान नहीं होता है। एंड्रोपॉज के होने पर पुरुषों में उम्र बढ़ने के साथ टेस्टोस्टेरोन हार्मोन धीरे धीरे कम होने लगता है। जिसे हम आमतौर पर 50 की उम्र के बाद देखते हैं। एक्सपर्ट्स का मानना है कि इसका असर प्रजनन क्षमता पर नहीं देखने को मिलता है।

पुरुषों में एंड्रोपॉज के लक्षण : Symptoms of Andropause in Men

पुरुषों में एंड्रोपॉज की समस्या होने लगती है तब उनमें कुछ सामान्य लक्षण इस प्रकार हो सकते हैं। ऐसे में आपको कान, कामेच्छा में कमी, मूड स्विंग, मांसपेशियों में कमी, फैट में वृद्धि जैसे लक्षण दिखाई दे सकते हैं। लेकिन ऐसा नहीं है इन सब लक्षणों का कारण एंड्रोपॉज ही हो इसके पीछे तनाव, पुरानी बीमारी या जीवनशैली भी हो सकती है।

एंड्रोपॉज के बचाव उपाय : Andropause prevention measures

एंड्रोपॉज के बचाव उपाय लिए डॉक्टर की सलाह है कि आपको स्वस्थ दिनचर्या अपनानी चाहिए। यदि आप नियमित व्यायाम, संतुलित आहार, पर्याप्त नींद, तनाव प्रबंधन को कम करते हैं तो एंड्रोपॉज के प्रभावों से बच सकते हैं। आपको धूम्रपान या अत्यधिक शराब से भी बचना चाहिए। आपको अपनी नियमित स्वास्थ्य जांच पर ध्यान देना चाहिए।

एंड्रोपॉज का क्या है प्रभाव

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इरेक्टाइल डिसफंक्शन समस्या

एंड्रोपॉज के चलते इरेक्टाइल डिसफंक्शन की समस्या उत्पन्न हो सकती है। वास्तव में, शरीर में टेस्टोस्टेरोन के स्तर में कमी के कारण नर्वस सिस्टम सही तरीके से कार्य नहीं कर पाता। इसके परिणामस्वरूप पुरुषों को इस समस्या का सामना करना पड़ता है। हालांकि, यह सभी पुरुषों के साथ ऐसा हो, यह आवश्यक नहीं है।

मानसिक स्वास्थ्य पर प्रभाव

एंड्रोपॉज के कारण पुरुषों के मानसिक स्वास्थ्य पर भी नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। इससे उनमें चिड़चिड़ापन, अवसाद, आत्मविश्वास की कमी और वैवाहिक जीवन में समस्याएँ उत्पन्न हो सकती हैं।

डिसक्लेमरः इस लेख में दी गई जानकारी का उद्देश्य केवल रोगों और स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के प्रति जागरूकता लाना है। यह किसी क्वालीफाइड मेडिकल ऑपिनियन का विकल्प नहीं है। इसलिए पाठकों को सलाह दी जाती है कि वह कोई भी दवा, उपचार या नुस्खे को अपनी मर्जी से ना आजमाएं बल्कि इस बारे में उस चिकित्सा पैथी से संबंधित एक्सपर्ट या डॉक्टर की सलाह जरूर ले लें।

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