Vanakkam Poorvottar: North-East में हिंसा की कुल घटनाओं में से 77% अकेले Manipur में घटना चिंताजनक स्थिति

Vanakkam Poorvottar: North-East में हिंसा की कुल घटनाओं में से 77% अकेले Manipur में घटना चिंताजनक स्थिति
मणिपुर के मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह ने जातीय संघर्ष के लिए राज्य के लोगों से माफी मांगी तो कांग्रेस इस पर राजनीति करने लगी। देखा जाये तो राज्य की स्थिति को सामान्य बनाने के लिए सभी पक्षों को प्रयास करने की जरूरत है। राजनीति तो आगे भी की जा सकती है लेकिन प्राथमिकता जातीय संघर्ष से प्रभावित लोगों को न्याय और राहत दिलाने पर होनी चाहिए। यह काम सरकार का जरूर है लेकिन विपक्ष इसमें यदि सकारात्मक सहयोग करे तो यह कार्य जल्दी हो सकता है। मणिपुर की स्थिति कितनी गंभीर है इसका अंदाजा गृह मंत्रालय की नवीनतम वार्षिक रिपोर्ट से लगता है। हम आपको बता दें कि इस रिपोर्ट में कहा गया है कि वर्ष 2023 में समूचे पूर्वोत्तर क्षेत्र में हुई हिंसा की कुल घटनाओं में से लगभग 77 प्रतिशत घटनाएं मणिपुर में हुईं। रिपोर्ट के मुताबिक, 2023 में मणिपुर में जातीय संघर्ष के कारण हिंसक घटनाओं में वृद्धि देखी गई और इसके परिणामस्वरूप 2022 की तुलना में नागरिकों व सुरक्षा बलों के कर्मियों के हताहत होने की संख्या में वृद्धि हुई।
रिपोर्ट के मुताबिक, पूर्वोत्तर में हुई कुल 243 हिंसक घटनाओं में से 187 घटनाएं मणिपुर में हुईं। मणिपुर में आतंकवाद रोधी अभियानों के परिणामस्वरूप 33 उग्रवादी मारे गए और 184 उग्रवादियों को गिरफ्तार किया गया, साथ ही 49 हथियार बरामद किए गए। इसके अलावा, उग्रवादी संगठनों के 80 उग्रवादियों ने 31 हथियारों के साथ आत्मसमर्पण किया। हम आपको याद दिला दें कि मणिपुर में तीन मई, 2023 को मेइती और कुकी समुदायों के बीच बड़े पैमाने पर जातीय हिंसा भड़क उठी, जिसके परिणामस्वरूप कई लोग हताहत हुए, घायल हुए और आगजनी की घटनाएं हुईं। गृह मंत्रालय की वार्षिक रिपोर्ट के मुताबिक, केंद्र सरकार ने स्थिति को संभालने के लिए तत्काल और निरंतर कई कदम उठाये। मणिपुर के शीर्ष अधिकारियों के साथ बातचीत, केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों, सेना और असम राइफल्स की अतिरिक्त कंपनियों की तैनाती, हेलीकॉप्टर व ड्रोन तैनात कर और एकीकृत कमांड सिस्टम लागू करके तत्काल कदम उठाये गये।

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हम आपको याद दिला दें कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने 29 मई से एक जून 2023 तक यात्रा के दौरान सरकारी अधिकारियों, सुरक्षा बलों के अधिकारियों, नेताओं और नागरिक संगठनों के 100 से अधिक सदस्यों के साथ 15 से अधिक बैठकें कीं थीं। अधिकारियों ने बताया कि मणिपुर में अब तक हिंसा में 250 से अधिक लोगों की जान जा चुकी है। उल्लेखनीय है कि मणिपुर, बहुसंख्यक मेइती समुदाय और आदिवासी कुकी समुदायों के बीच लंबे समय से जातीय हिंसा का गवाह रहा है। हम आपको यह भी बता दें कि यह रिपोर्ट साल 2023 के आंकड़ों पर आधारित है। अभी 2024 की हिंसक घटनाओं का सही आंकड़ा सामने आना बाकी है, इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि मणिपुर की स्थिति इस समय क्या है।
माफीनामे पर हंगामा
इस बीच, मणिपुर के मुख्यमंत्री बीरेन सिंह ने कहा है कि उनका माफी वाला बयान उन नागरिकों के लिए ‘‘दुख व्यक्त करने का एक ईमानदार कार्य” था जो विस्थापित और बेघर हो गए हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि ‘‘मणिपुर में कांग्रेस द्वारा पूर्व में किए गए पापों के कारण अशांति है।” बीरेन सिंह ने कहा कि मैंने राज्य के लोगों से जो माफी मांगी थी वह उन लोगों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त करने का एक ईमानदार कार्य था, जो विस्थापित और बेघर हो गए हैं। एक मुख्यमंत्री होने के नाते एक-दूसरे की गलतियों को माफ किए जाने और जो कुछ हुआ उसे भूल जाने की अपील थी, लेकिन इसमें भी राजनीति कर दी गई। मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘हर कोई जानता है कि अगर आज मणिपुर अशांत है तो वह कांग्रेस द्वारा पूर्व में किए गए पापों के कारण है। जैसे मणिपुर में बार-बार बर्मी शरणार्थियों को बसाना और राज्य में म्यामां स्थित उग्रवादियों के साथ राज्य में ‘सस्पेंशन ऑफ आपरेशन’ (एसओओ) समझौते पर हस्ताक्षर करना है और यह तब हुआ था जब पी चिदंबरम भारत के गृहमंत्री थे।
मणिपुर की स्थिति
जहां तक मणिपुर के ताजा हालात की बात है तो आपको बता दें कि इंफाल वेस्ट जिले के कदंग्बंद गांव में मंगलवार देर रात संदिग्ध उग्रवादियों ने हमला कर दिया। बताया जा रहा है कि अत्याधुनिक हथियारों से लैस उग्रवादियों ने रात एक बजे कांगपोकपी जिले में अपने पर्वतीय ठिकानों से इंफाल वेस्ट जिले के कदंग्बंद गांव में गोलीबारी की और बम फेंके। पुलिस ने बताया कि इलाके में तैनात ग्राम स्वयंसेवकों ने जवाबी गोलीबारी की। स्थिति को नियंत्रित करने के लिए अतिरिक्त सुरक्षा बलों को इलाके में भेजा गया है, गोलीबारी में किसी के घायल होने की खबर नहीं है। उन्होंने बताया कि हमले के कारण कई ग्रामीणों को सुरक्षित स्थानों में शरण लेनी पड़ी।
इसके अलावा, मणिपुर के बिष्णुपुर और थौबल जिलों में तलाशी अभियान के दौरान सुरक्षा बलों ने भारी मात्रा में हथियार और विस्फोटक बरामद किए। पुलिस के बयान में कहा गया है कि सुरक्षा बलों ने मंगलवार को बिष्णुपुर जिले के थोंगखोंगलोक गांव से एक एसएलआर और एक मैगजीन, .303 राइफल, 12 बोर की सिंगल बैरल पिस्तौल, नौ एमएम की पिस्तौल और मैगजीन, दो इंसास एलएमजी मैगजीन, दो इंसास राइफल मैगजीन, चार हथगोले, एक डेटोनेटर, गोला-बारूद और अन्य सामग्री जब्त की। सुरक्षा बलों ने थौबल जिले के लीशांगथेम इकोप पाट इलाके से दो सिंगल बोल्ट एक्शन राइफल, 9 एमएम की तीन पिस्तौल (देसी), एक हथगोला, चार एमके-13टी और गोलाबारूद जब्त किया। साथ ही पुलिस ने जबरन वसूली में शामिल प्रतिबंधित संगठन कांगलीपाक कम्युनिस्ट पार्टी (पीपुल्स वार ग्रुप) के एक सदस्य को मंगलवार को इंफाल पूर्वी जिले में मंत्रिपुखरी बाजार से गिरफ्तार किया।
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