Uniform Civil Code:समान नागरिक संहिता के प्रावधानों में व्यवहारिक दिक्कतें आने लगी हैं। उत्तराखंड में इसी साल 27 जनवरी को यूसीसी लागू हुई थी। नया कानून लागू होने के बाद कुछ व्यावहारिक दिक्कतें सामने आ रही हैं। इसे देखते हुए कुछ नियमों में परिवर्तन के लिए शासन स्तर पर होमवर्क किया जा रहा है। मुख्य सचिव की अध्यक्षता में जल्द होने वाली उच्च स्तरीय बैठक में इस संबंध में बड़ा फैसला लिया जा सकता है। राज्य गृह विभाग की ओर से इसे लेकर तैयारियां कर ली गई हैं। राज्य में यूसीसी लागू होने के बाद से धार्मिक स्वतंत्रता, व्यक्तिगत स्वायत्तता व गोपनीयता को लेकर तमाम सियासी दलों के साथ विभिन्न संगठन भी चिंता जता रहे हैं। उनका तर्क है कि यूसीसी, निजी अधिकारों का उल्लंघन करता है। विशेष रूप से लिव-इन रिलेशनशिप के अनिवार्य पंजीकरण जैसे प्रावधानों का विरोध हो रहा है। कुछ समूह, उत्तराधिकार संबंधी नियमों को लेकर संशय की स्थिति में हैं।
नियमों में होगा संशोधन
यूसीसी लागू होने के कारण व्यावहारिक दिक्कतें भी आ रही हैं।ऐसे में इस मसौदे पर चर्चा के लिए राज्य सरकार की ओर से गठित हाईपावर कमेटी (एचपीसी) शीघ्र ही नियमों में बदलाव या संशोधन पर निर्णय ले सकती है। इसके साथ ही विवाह पंजीकरण व तलाक-विच्छेदन की सुविधा, सब रजिस्ट्रार कार्यालयों से अपलोड करने की सुविधा देने का भी निर्णय लिया जा सकता है। यूसीसी में ट्रांसजेंडर और समलिंगी विवाह के पंजीकरण को लेकर कोई प्रावधान नहीं किया गया है। अब ऐसे मामले सामने आ रहे हैं तो इस संबंध में कुछ प्रावधान जोड़े जा सकते हैं।
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