मधुबनी जिले के बाबूबरही विधानसभा क्षेत्र में इस बार त्रिकोणीय मुकाबला देखने को मिल रहा है। जनता दल यूनाइटेड (जदयू), राष्ट्रीय जनता दल (राजद) और जनसुराज के बीच कड़ी टक्कर की बात कही जा रही है। स्थानीय लोगों की माने तो, पहले जदयू की मीना कामत को मजबूत उम्मीदवार माना जा रहा था। हालांकि, राजद ने अरुण कुमार सिंह कुशवाहा को टिकट दिया है, जिससे जदयू के कुशवाहा वोट बैंक में सेंध लगने की आशंका है। इससे मीना कामत के लिए चुनावी चुनौती बढ़ गई है। पूर्व सांसद देवेंद्र प्रसाद यादव के पुत्र के जन सुराज से चुनाव मैदान में उतरने के बाद यह मुकाबला और भी त्रिकोणीय हो गया है। देवेंद्र प्रसाद यादव का झंझारपुर क्षेत्र में खासा प्रभाव है, ऐसे में उनके पुत्र की उम्मीदवारी से राजद के यादव वोट बैंक में भी बिखराव हो सकता है। स्थानीय लोगों का क्या है कहना स्थानीय निवासी रमेश कुमार झा का कहना है कि कुशवाहा समाज से भी वोटों का बिखराव हो सकता है। वहीं, महेंद्र झा के मुताबिक, कुशवाहा समाज एकजुट होकर मजबूत स्थिति बना सकता है। अंकित कुमार पांडे ने बताया है कि मीना कामत की स्थिति मजबूत है, जबकि शिव सुंदर कामत का मानना है कि क्षेत्र नया बदलाव चाह रहा है। जदयू को अति पिछड़ा वर्ग, अन्य समुदायों और सवर्ण मतदाताओं का समर्थन मिलने की उम्मीद है। विधानसभा चुनाव में जातिगत समीकरणों के कारण यह चुनावी संघर्ष और अधिक जटिल हो गया है। इंजीनियर कमलेश कुमार झा के आकलन के अनुसार, मधुबनी जिले की कुल 10 विधानसभा सीटों में से 9 पर एनडीए (जिसमें जदयू शामिल है) को जीत मिलने की संभावना है। मधुबनी जिले के बाबूबरही विधानसभा क्षेत्र में इस बार त्रिकोणीय मुकाबला देखने को मिल रहा है। जनता दल यूनाइटेड (जदयू), राष्ट्रीय जनता दल (राजद) और जनसुराज के बीच कड़ी टक्कर की बात कही जा रही है। स्थानीय लोगों की माने तो, पहले जदयू की मीना कामत को मजबूत उम्मीदवार माना जा रहा था। हालांकि, राजद ने अरुण कुमार सिंह कुशवाहा को टिकट दिया है, जिससे जदयू के कुशवाहा वोट बैंक में सेंध लगने की आशंका है। इससे मीना कामत के लिए चुनावी चुनौती बढ़ गई है। पूर्व सांसद देवेंद्र प्रसाद यादव के पुत्र के जन सुराज से चुनाव मैदान में उतरने के बाद यह मुकाबला और भी त्रिकोणीय हो गया है। देवेंद्र प्रसाद यादव का झंझारपुर क्षेत्र में खासा प्रभाव है, ऐसे में उनके पुत्र की उम्मीदवारी से राजद के यादव वोट बैंक में भी बिखराव हो सकता है। स्थानीय लोगों का क्या है कहना स्थानीय निवासी रमेश कुमार झा का कहना है कि कुशवाहा समाज से भी वोटों का बिखराव हो सकता है। वहीं, महेंद्र झा के मुताबिक, कुशवाहा समाज एकजुट होकर मजबूत स्थिति बना सकता है। अंकित कुमार पांडे ने बताया है कि मीना कामत की स्थिति मजबूत है, जबकि शिव सुंदर कामत का मानना है कि क्षेत्र नया बदलाव चाह रहा है। जदयू को अति पिछड़ा वर्ग, अन्य समुदायों और सवर्ण मतदाताओं का समर्थन मिलने की उम्मीद है। विधानसभा चुनाव में जातिगत समीकरणों के कारण यह चुनावी संघर्ष और अधिक जटिल हो गया है। इंजीनियर कमलेश कुमार झा के आकलन के अनुसार, मधुबनी जिले की कुल 10 विधानसभा सीटों में से 9 पर एनडीए (जिसमें जदयू शामिल है) को जीत मिलने की संभावना है।


