भास्कर न्यूज | चानन जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए कृषि विभाग ने वित्तीय वर्ष 2025-26 में वर्मी कंपोस्ट और बायोगैस प्लांट पर 50 प्रतिशत अनुदान देने की योजना शुरू की है। इसके तहत पक्की वर्मी कंपोस्ट यूनिट, वेबसाइट वर्मी कंपोस्ट इकाई और बायोगैस संयंत्र की स्थापना पर सरकार लागत का आधा खर्च देगी। किसानों को यह अनुदान डीबीटी के माध्यम से मिलेगा। इस योजना का उद्देश्य खेती को टिकाऊ बनाना, विषमुक्त अन्न उत्पादन बढ़ाना, मिट्टी की सेहत सुधारना और लाभदायक जीवाणुओं का संरक्षण करना है। साथ ही फसलों की लागत घटाना, उत्पादन बढ़ाना और किसानों की आमदनी में इजाफा करना है। जैविक उत्पादों के उपभोग से मानव स्वास्थ्य को भी लाभ होगा।पक्की वर्मी कंपोस्ट यूनिट के लिए अधिकतम 5 हजार रुपए या लागत का 50 प्रतिशत, जो भी कम हो, अनुदान मिलेगा। इसके लिए 75 घन फीट का यूनिट बनाना होगा। इसका आकार 10 फीट लंबा, 3 फीट ऊंचा और 2.5 फीट चौड़ा होगा। गोबर गैस संयंत्र के लिए 2 घन मीटर क्षमता पर अधिकतम 22 हजार 500 रुपए या लागत का 50 प्रतिशत, जो भी कम हो, अनुदान मिलेगा। प्रखंड कृषि पदाधिकारी अजीत कुमार ने बताया कि सरकार जिले में जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए यह योजना चला रही है। एक किसान को एक वित्तीय वर्ष में अधिकतम तीन यूनिट पर अनुदान मिलेगा। लाभ उन्हीं किसानों को मिलेगा जो खेती करते हैं और जिनके पास पशुधन है। पक्की वर्मी कंपोस्ट यूनिट पर लाभुक का नाम और योजना की जानकारी अंकित की जाएगी। संयंत्र की स्थापना के बाद जिला कृषि पदाधिकारी और सहायक निदेशक कृषि अभियंत्रण की संयुक्त जांच रिपोर्ट के आधार पर अनुदान दिया जाएगा। इसके लिए किसान 15 जुलाई तक कृषि विभाग की वेबसाइट पर ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। भास्कर न्यूज | चानन जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए कृषि विभाग ने वित्तीय वर्ष 2025-26 में वर्मी कंपोस्ट और बायोगैस प्लांट पर 50 प्रतिशत अनुदान देने की योजना शुरू की है। इसके तहत पक्की वर्मी कंपोस्ट यूनिट, वेबसाइट वर्मी कंपोस्ट इकाई और बायोगैस संयंत्र की स्थापना पर सरकार लागत का आधा खर्च देगी। किसानों को यह अनुदान डीबीटी के माध्यम से मिलेगा। इस योजना का उद्देश्य खेती को टिकाऊ बनाना, विषमुक्त अन्न उत्पादन बढ़ाना, मिट्टी की सेहत सुधारना और लाभदायक जीवाणुओं का संरक्षण करना है। साथ ही फसलों की लागत घटाना, उत्पादन बढ़ाना और किसानों की आमदनी में इजाफा करना है। जैविक उत्पादों के उपभोग से मानव स्वास्थ्य को भी लाभ होगा।पक्की वर्मी कंपोस्ट यूनिट के लिए अधिकतम 5 हजार रुपए या लागत का 50 प्रतिशत, जो भी कम हो, अनुदान मिलेगा। इसके लिए 75 घन फीट का यूनिट बनाना होगा। इसका आकार 10 फीट लंबा, 3 फीट ऊंचा और 2.5 फीट चौड़ा होगा। गोबर गैस संयंत्र के लिए 2 घन मीटर क्षमता पर अधिकतम 22 हजार 500 रुपए या लागत का 50 प्रतिशत, जो भी कम हो, अनुदान मिलेगा। प्रखंड कृषि पदाधिकारी अजीत कुमार ने बताया कि सरकार जिले में जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए यह योजना चला रही है। एक किसान को एक वित्तीय वर्ष में अधिकतम तीन यूनिट पर अनुदान मिलेगा। लाभ उन्हीं किसानों को मिलेगा जो खेती करते हैं और जिनके पास पशुधन है। पक्की वर्मी कंपोस्ट यूनिट पर लाभुक का नाम और योजना की जानकारी अंकित की जाएगी। संयंत्र की स्थापना के बाद जिला कृषि पदाधिकारी और सहायक निदेशक कृषि अभियंत्रण की संयुक्त जांच रिपोर्ट के आधार पर अनुदान दिया जाएगा। इसके लिए किसान 15 जुलाई तक कृषि विभाग की वेबसाइट पर ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं।
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