मंडला के कान्हा टाइगर रिजर्व में अखिल भारतीय बाघ आकलन-2026 के प्रथम चरण का तीन दिवसीय साइन सर्वे शुक्रवार को पूरा हो गया। इस चरण में वनकर्मियों और स्वयंसेवकों ने जंगलों में मांसाहारी और बड़े शाकाहारी जीवों के पगमार्क, मल, खरोंच सहित अन्य साक्ष्यों की पहचान कर मोबाइल ऐप में दर्ज किया। 15 राज्यों से आए 44 स्वयंसेवकों ने लिया हिस्सा इस कॉर्निवोर साइन सर्वे में देश के 15 राज्यों से आए 44 स्वयंसेवकों ने हिस्सा लिया। उन्होंने कान्हा लैंडस्केप के विभिन्न वनमंडलों के वनकर्मियों के साथ मिलकर बाघ आकलन की प्रक्रिया में महत्वपूर्ण सहयोग दिया। खटिया इको सेंटर में हुए समापन समारोह में कान्हा टाइगर रिजर्व के उप निदेशक पुनीत गोयल ने सभी प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र वितरित किए। उन्होंने स्वयंसेवकों के सहयोग के लिए आभार व्यक्त किया। कुछ स्वयंसेवकों ने इसे यादगार अनुभव बताया, जबकि कुछ ने व्यवस्थाओं को लेकर असंतोष भी व्यक्त किया। मोबाइल आधारित ऐप के माध्यम से हुई प्रक्रिया बाघ आकलन की पूरी प्रक्रिया मोबाइल आधारित ऐप के माध्यम से की गई, जिसमें वनकर्मियों ने साक्ष्यों को सावधानीपूर्वक चिह्नित कर अपलोड किया। कान्हा टाइगर रिजर्व को इस बाघ आकलन के लिए कान्हा लैंडस्केप का नोडल केंद्र बनाया गया है। लगभग 6 हजार वर्ग किलोमीटर में फैले इस लैंडस्केप में कान्हा टाइगर रिजर्व के दोनों वनमंडल, मंडला के पूर्व-पश्चिम वनमंडल, बालाघाट के उत्तर-दक्षिण वनमंडल, डिंडोरी वनमंडल और बरघाट और मोहगांव प्रोजेक्ट क्षेत्र शामिल हैं। अगले चरण में ट्रांजिट लाइन सर्वे चरणवार शुरू होगा साइन सर्वे के बाद अब बाघ आकलन के अगले चरण में ट्रांजिट लाइन सर्वे चरणवार शुरू होगा। पूर्व और पश्चिम मंडला में यह 5-7 दिसंबर और 12-14 दिसंबर को होगा। उत्तर बालाघाट और लामता प्रोजेक्ट में 19-21 दिसंबर को, जबकि दक्षिण बालाघाट, डिंडौरी और मोहगांव प्रोजेक्ट में 26-29 दिसंबर को सर्वे किया जाएगा।


