मधेपुरा के बांग्ला दुर्गा मंदिर परिसर में होलिका दहन:100 साल से मनाई जा रही परंपरा, हजारों श्रद्धालुओं ने की पूजा-अर्चना

मधेपुरा के बांग्ला दुर्गा मंदिर परिसर में होलिका दहन:100 साल से मनाई जा रही परंपरा, हजारों श्रद्धालुओं ने की पूजा-अर्चना

मधेपुरा शहर स्थित बांग्ला दुर्गा मंदिर परिसर में गुरुवार की रात श्रद्धालुओं ने पूरे भक्तिभाव और विधि-विधान के साथ होलिका दहन का आयोजन किया। इस अवसर पर बड़ी संख्या में भक्तों ने उपस्थिति दर्ज कराई और बुराई पर अच्छाई की विजय का यह पर्व उत्साहपूर्वक मनाया। दहन से पूर्व मंदिर परिसर में विशेष पूजा-अर्चना और वैदिक मंत्रोच्चार के साथ हवन संपन्न हुआ। श्रद्धालुओं ने अग्नि की परिक्रमा कर सुख-समृद्धि और परिवार की खुशहाली की प्रार्थना की। जैसे ही होलिका दहन की अग्नि प्रज्वलित हुई, माहौल भक्तिमय हो गया। श्रद्धालुओं ने नारियल, गेंहू की बालियां और पूजन सामग्री अग्नि को अर्पित कर परंपरा का निर्वहन किया। इस धार्मिक अनुष्ठान के बाद लोगों ने अबीर-गुलाल उड़ाकर एक-दूसरे को होली की शुभकामनाएं दीं। रंगों की छटा और उल्लासपूर्ण वातावरण ने इस आयोजन को और भी विशेष बना दिया। होलिका दहन में खासकर मारवाड़ी समाज के लोगों ने बढ़-चढ़ कर भाग लिया। 100 वर्षों से चली आ रही परंपरा स्थानीय लोगों ने इस मौके पर सद्भाव और भाईचारे का संदेश दिया। लोगों ने बताया कि बांग्ला दुर्गा मंदिर में करीब 100 वर्षों से यह परंपरा चली आ रही है, जो सामाजिक और धार्मिक एकता का प्रतीक है। बताया गया कि यहां हर वर्ग के लोग होलिका दहन में शामिल होते हैं। शहर में सुरक्षा व्यवस्था भी चाक-चौबंद रही। मंदिर परिसर और आसपास के क्षेत्रों में पुलिस बल की तैनाती रही, जिससे कार्यक्रम शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न हुआ। अब भक्त धुलंडी के रंगोत्सव की तैयारियों में जुट गए हैं, जिसे आज यानी शुक्रवार को हर्षोल्लास के साथ मनाया जाएगा। मधेपुरा शहर स्थित बांग्ला दुर्गा मंदिर परिसर में गुरुवार की रात श्रद्धालुओं ने पूरे भक्तिभाव और विधि-विधान के साथ होलिका दहन का आयोजन किया। इस अवसर पर बड़ी संख्या में भक्तों ने उपस्थिति दर्ज कराई और बुराई पर अच्छाई की विजय का यह पर्व उत्साहपूर्वक मनाया। दहन से पूर्व मंदिर परिसर में विशेष पूजा-अर्चना और वैदिक मंत्रोच्चार के साथ हवन संपन्न हुआ। श्रद्धालुओं ने अग्नि की परिक्रमा कर सुख-समृद्धि और परिवार की खुशहाली की प्रार्थना की। जैसे ही होलिका दहन की अग्नि प्रज्वलित हुई, माहौल भक्तिमय हो गया। श्रद्धालुओं ने नारियल, गेंहू की बालियां और पूजन सामग्री अग्नि को अर्पित कर परंपरा का निर्वहन किया। इस धार्मिक अनुष्ठान के बाद लोगों ने अबीर-गुलाल उड़ाकर एक-दूसरे को होली की शुभकामनाएं दीं। रंगों की छटा और उल्लासपूर्ण वातावरण ने इस आयोजन को और भी विशेष बना दिया। होलिका दहन में खासकर मारवाड़ी समाज के लोगों ने बढ़-चढ़ कर भाग लिया। 100 वर्षों से चली आ रही परंपरा स्थानीय लोगों ने इस मौके पर सद्भाव और भाईचारे का संदेश दिया। लोगों ने बताया कि बांग्ला दुर्गा मंदिर में करीब 100 वर्षों से यह परंपरा चली आ रही है, जो सामाजिक और धार्मिक एकता का प्रतीक है। बताया गया कि यहां हर वर्ग के लोग होलिका दहन में शामिल होते हैं। शहर में सुरक्षा व्यवस्था भी चाक-चौबंद रही। मंदिर परिसर और आसपास के क्षेत्रों में पुलिस बल की तैनाती रही, जिससे कार्यक्रम शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न हुआ। अब भक्त धुलंडी के रंगोत्सव की तैयारियों में जुट गए हैं, जिसे आज यानी शुक्रवार को हर्षोल्लास के साथ मनाया जाएगा।  

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