Benefits of Kumt Gum: भारत जिसे औषधी विज्ञान का हब भी कहा जाता है। भारत में कई ऐसी चीज पाई जाती है जिनके गुण बेहद लाभकारी होते हैं। पहले के समय में जटिल बीमारियों का इलाज औषधीयों से ही किया जाता था। ऐसी ही एक चीज है कुमट के गोंद। बाड़मेर में मशहूर ये गोंद कई गुणों से भरपूर है। इसका क्रेज ऐसा था कि लोग इसे पच्चीस सौ रुपए प्रति किलो के हिसाब से भी खरीद लिया करते थे। लेकिन समय एक सा नहीं रहता है ज्यादा पैदावार के चक्कर में लोग इसमें इंजेक्शन देने लगे। उसके बाद इसकी किमत कम होती चली गई और आज समय ऐसा आया कि लोग इसे 400 रुपए किलो में खरीद रहे हैं।
क्या है कुमट के गोंद के फायदे : Benefits of Kumt Gum
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कुमट के गोंद (Benefits of Kumt Gum) में प्रोटीन, फाइबर, विटामिन (Vitamin) और एंटीऑक्सीडेंट भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं। ऐसे में प्रेग्नेंट महिलाओं के लिए इसे काफी फायदेमंद माना जाता है। जो महिलाएं स्तनपान करवाती है उनका दूध बढ़ाने में ये बेहद फायदेमंद मानी जाती है। इसका सेवन आपकी रीढ़ की हड्डी भी मजबूत करता है।
गुणवत्ता में आई कमी: decrease in quality
अप्रैल से मई और सितंबर से अक्टूबर तक कुमट गोंद का उत्सर्जन किया जाता है। अधिक पैदावार के लिए इसमें इंजेक्शन लगाई जाने लगी और इसके के कारण इसकी गुणवत्ता में कमी आई। जब से इसकी रेट धीरे धीरे कम होने लगी। रेगिस्तान में इसकी पैदावार की जाती है।
ऐसे कर सकते हैं इसका सेवन
गोंद व घी (Gum and Ghee)
गोंद को घी में हल्का सा सेंक लें, ताकि यह कुरकुरा हो जाए। फिर इसमें सूखे मेवे, रागी (Ragi) का आटा और थोड़ी चीनी मिलाकर एक लड्डू बनाएं। यह लड्डू न केवल स्वादिष्ट होते हैं, बल्कि ताकत बढ़ाने में भी मददगार होते हैं। इसे पुरुष और महिलाएं दोनों अपनी आहार में शामिल कर सकते हैं।
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गोंद व पानी (glue and water)
अगर आप पेट से संबंधित समस्याओं, विशेष रूप से इरिटेबल बॉवेल सिंड्रोम (IBS) से जूझ रहे हैं, तो गोंद का यह आसान उपाय आपके लिए लाभकारी हो सकता है। एक चम्मच गोंद को 50 मिलीलीटर पानी में रात भर भिगोकर रखें। सुबह इसे खाली पेट सेवन करें। यह उपाय आपकी आंतों को शीतलता प्रदान करता है और मल त्याग में सुधार करने में सहायक होता है।
डिसक्लेमरः इस लेख में दी गई जानकारी का उद्देश्य केवल रोगों और स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के प्रति जागरूकता लाना है। यह किसी क्वालीफाइड मेडिकल ऑपिनियन का विकल्प नहीं है। इसलिए पाठकों को सलाह दी जाती है कि वह कोई भी दवा, उपचार या नुस्खे को अपनी मर्जी से ना आजमाएं बल्कि इस बारे में उस चिकित्सा पैथी से संबंधित एक्सपर्ट या डॉक्टर की सलाह जरूर ले लें।
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