छात्राओं ने मंदार पर्वत के धार्मिक-ऐतिहासिक महत्व को जाना:शिक्षकों ने अमृत मंथन स्थल के पौराणिक महत्व को बताया

छात्राओं ने मंदार पर्वत के धार्मिक-ऐतिहासिक महत्व को जाना:शिक्षकों ने अमृत मंथन स्थल के पौराणिक महत्व को बताया

मुख्यमंत्री भ्रमण योजना के तहत रविवार को बांका के विभिन्न सरकारी विद्यालयों की छात्राओं ने बौंसी और बाराहाट प्रखंड की सीमा पर स्थित ऐतिहासिक मंदार पर्वत का शैक्षणिक भ्रमण किया। रजौन प्रखंड के राष्ट्रीय उच्च माध्यमिक विद्यालय धौनी के कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय (टाइप-4) की नौवीं और दसवीं कक्षा की सभी छात्राएं इस यात्रा में शामिल थीं। हिंदू, जैन और बौद्ध धर्मों के लिए एक महत्वपूर्ण तीर्थ स्थल विद्यालय प्रशासन और शिक्षकों के नेतृत्व में आयोजित इस भ्रमण का उद्देश्य छात्राओं को पुस्तकीय ज्ञान से हटकर व्यवहारिक शिक्षा प्रदान करना था। यात्रा के दौरान छात्राओं को मंदार पर्वत के धार्मिक, ऐतिहासिक और पौराणिक महत्व के बारे में विस्तार से बताया गया। यह पर्वत हिंदू, जैन और बौद्ध धर्मों के लिए एक महत्वपूर्ण तीर्थ स्थल है। शिक्षकों ने छात्राओं को जानकारी दी कि यह वही पौराणिक स्थल है जहां समुद्र मंथन हुआ था। देवताओं और असुरों ने अमृत, हलाहल तथा चौदह रत्न प्राप्त करने के लिए मंदार पर्वत को मथनी के रूप में उपयोग किया था। छात्राओं ने बिहार के भूगोल और इतिहास को जाना भ्रमण के दौरान छात्राओं ने प्राकृतिक सौंदर्य का आनंद लिया और बिहार के भूगोल, इतिहास तथा सांस्कृतिक धरोहर को करीब से जाना। शिक्षकों ने पर्वत पर स्थित धार्मिक स्थलों, प्राचीन अवशेषों और विभिन्न मान्यताओं की जानकारी छात्राओं को दी, जिससे उनमें सांस्कृतिक विरासत के प्रति जिज्ञासा और गर्व की भावना विकसित हुई। विद्यालय प्रशासन का मानना है कि ऐसे शैक्षणिक भ्रमण छात्रों में आत्मविश्वास बढ़ाते हैं और उन्हें वास्तविक जीवन से सीखने का अवसर देते हैं। इस कार्यक्रम में राष्ट्रीय उच्च विद्यालय धौनी के प्रधानाध्यापक राकेश रंजन, पूर्व प्रधानाध्यापक कुमार दिनकर, प्रखंड साधन शिक्षक विनय प्रसाद, वार्डन अर्चना कुमारी, लेखापाल दिव्या कुमारी और शिक्षक उदयकांत मंडल सहित कई शिक्षक-शिक्षिकाएं मौजूद रहे। मुख्यमंत्री भ्रमण योजना के तहत रविवार को बांका के विभिन्न सरकारी विद्यालयों की छात्राओं ने बौंसी और बाराहाट प्रखंड की सीमा पर स्थित ऐतिहासिक मंदार पर्वत का शैक्षणिक भ्रमण किया। रजौन प्रखंड के राष्ट्रीय उच्च माध्यमिक विद्यालय धौनी के कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय (टाइप-4) की नौवीं और दसवीं कक्षा की सभी छात्राएं इस यात्रा में शामिल थीं। हिंदू, जैन और बौद्ध धर्मों के लिए एक महत्वपूर्ण तीर्थ स्थल विद्यालय प्रशासन और शिक्षकों के नेतृत्व में आयोजित इस भ्रमण का उद्देश्य छात्राओं को पुस्तकीय ज्ञान से हटकर व्यवहारिक शिक्षा प्रदान करना था। यात्रा के दौरान छात्राओं को मंदार पर्वत के धार्मिक, ऐतिहासिक और पौराणिक महत्व के बारे में विस्तार से बताया गया। यह पर्वत हिंदू, जैन और बौद्ध धर्मों के लिए एक महत्वपूर्ण तीर्थ स्थल है। शिक्षकों ने छात्राओं को जानकारी दी कि यह वही पौराणिक स्थल है जहां समुद्र मंथन हुआ था। देवताओं और असुरों ने अमृत, हलाहल तथा चौदह रत्न प्राप्त करने के लिए मंदार पर्वत को मथनी के रूप में उपयोग किया था। छात्राओं ने बिहार के भूगोल और इतिहास को जाना भ्रमण के दौरान छात्राओं ने प्राकृतिक सौंदर्य का आनंद लिया और बिहार के भूगोल, इतिहास तथा सांस्कृतिक धरोहर को करीब से जाना। शिक्षकों ने पर्वत पर स्थित धार्मिक स्थलों, प्राचीन अवशेषों और विभिन्न मान्यताओं की जानकारी छात्राओं को दी, जिससे उनमें सांस्कृतिक विरासत के प्रति जिज्ञासा और गर्व की भावना विकसित हुई। विद्यालय प्रशासन का मानना है कि ऐसे शैक्षणिक भ्रमण छात्रों में आत्मविश्वास बढ़ाते हैं और उन्हें वास्तविक जीवन से सीखने का अवसर देते हैं। इस कार्यक्रम में राष्ट्रीय उच्च विद्यालय धौनी के प्रधानाध्यापक राकेश रंजन, पूर्व प्रधानाध्यापक कुमार दिनकर, प्रखंड साधन शिक्षक विनय प्रसाद, वार्डन अर्चना कुमारी, लेखापाल दिव्या कुमारी और शिक्षक उदयकांत मंडल सहित कई शिक्षक-शिक्षिकाएं मौजूद रहे।  

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