सत्ताधारी पार्टी के एक नेता जी हैं। खूब पावर वाले माने जाते हैं। संगठन के चहेते भी हैं। बड़का-बड़का कार्यक्रम की जिम्मेदारी इनके कंधे पर होती है। अभी संगठन के बड़का चुनाव की जिम्मेदारी भी इन्हीं के कंधे पर थी। संगठन के भीतर बहुत सख्त मिजाजी माने जाते हैं। आम कार्यकर्ता तो इनसे सीधे बोलने से भी बचते हैं। सख्त मिजाज साहब की रंगरलिया मनाते एक तस्वीर की इन दिनों खूब चर्चा है। तस्वीर में नेता जी पार्टी की एक महिला नेत्री के साथ इश्क फरमाते दिख रहे हैं। अब पार्टी के भीतर नई कार्यसमिति की घोषणा के ठीक पहले इस तस्वीर ने नेता जी के सारे समीकरण को बिगाड़ दिया है। बताया जा रहा है कि महिला नेत्री भी संगठन में बड़े पद की रेस में लगी है। मैडम के प्रिंसिपल बनने के ख्वाब कॉलेज में खाली छात्रसंघ के सहारे छात्र ही ताकत नहीं चाहते हैं, शिक्षकों की भी अपनी एक लॉबी है, जो हर हाल में पावर अपने हाथ में रखना चहाती है। एक महिला अध्यापिका के पावर हासिल करने की ऐसी ही जुगत इन दिनों बुद्धिजीवियों के बीच खूब चर्चा का विषय बना हुआ है। मैडम की हनक केवल टीचर्स के कॉरिडोर तक ही सीमित नहीं है। पावर सेंटर में भी उनकी पकड़ मजबूत है। ऐसे में अब प्राध्यापिका से प्रिंसपिल बनना उनका तय माना जा रहा है। क्योंकि उनकी लॉबिंग में उनके IAS पति भी जुट गए हैं। बोला जाता है वो अधिकारी बाबू राज्य के बड़का साहब के दुलरुआ भी हैं। लेकिन जब अब मामला सामने आ गया है तो सरकार भी नोटिफिकेशन जारी करने के पहले फूंक-फूंक कर कदम उठा रही है। काहे कि ऐसे ही माननीय के भरोसेमंद उनकी किरकिरी कराए हुए हैं। अब देखना होगा कि मैडम की मुराद पूरी होती है या उनकी उम्मीदों पर चुनावी साल का पानी फिर जाता है। ओवर कॉन्फिडेंस में गच्चा खा गए सीआई के जवान विधानसभा का बजट सत्र लगभग समाप्ति की ओर था। भीतर बाहर सैकड़ों जवान माननीय की सुरक्षा में मुस्तैद थे। तैयारी ऐसी कि परिंदा भी पर न मार सके। इसी बीच सूचना मिली कि ग्राम रक्षा दल के कुछ जवान विधानसभा में प्रदर्शन करने की तैयारी कर रहे हैं। विधानसभा के सभी जवान अलर्ट मोड में थे। इसी बीच ग्राम रक्षा दल के कार्यकर्ता दो-दो की टुकड़ी में विधानसभा के पास पहुंचने लगे। पूछने पर उन्होंने जवानों को बताया कि वे मच्छरदानी बेचने वाले हैं। ऐसा करके 6 लोग पहुंचे। इसके बाद 4 लोग उस मच्छरदानी को खरीदने पहुंचे। देखते ही देखते इनकी संख्या 10 से ज्यादा हो गई। अचानक इन्होंने विधानसभा के मुख्य द्वार पर अपनी मांगों का बैनर लहरा दिया। पूरे पुलिस महकमा में हड़कंप मच गया। भीतर माननीय थे और बाहर प्रदर्शन। आनन-फानन में विधानसभा के दरवाजे को बंद किया गया, शुक्र था कि उस दौरान एक भी माननीय नहीं पहुंचे। खैर किसी तरह इन्हें विधानसभा के गेट से हटाया गया। इसके बाद गेट पर तैनात पुलिसकर्मी और स्पेशल जवान आपस में ही उलझ गए। बात इतनी बिगड़ी की मामला गाली-गलौज तक पहुंच गई। जब माननीय ने मंत्री जी को बताई अपनी डिग्री बिहार विधान परिषद में एमएलसी विजय कुमार सिंह ने बांका के चांदन में आठ एकड़ जमीन पर लगे 60 सागवान के पेड़ काटकर बेचने का आरोप थानाध्यक्ष और अंचलाधिकारी पर लगाया। अधिकारियों पर जमीन कब्जा करने का आरोप भी मढ़ा और सरकार से जवाब मांगा। पहली बार मंत्री बने सुनील कुमार सिंह ने समझाना शुरू किया। मंत्री ने कड़क तेवर में जवाब दिया और आरोप का खंडन किया। विजय कुमार सिंह का पारा चढ़ गया। सदन में ही कह दिया कि यह जवाब देने का ठीक तरीका नहीं है। सदन में तो गुस्से का इजहार किया ही, सदन से बाहर निकले तो फिर से समझाया, जवाब देने का यह तरीका ठीक नहीं है, हम आपसे कम पढ़े-लिखे नहीं है, इंजीनियर हैं। मंत्री ने कहा- इसमें पढ़ाई- लिखाई की तो कोई बात नहीं। एमएलसी ने कहा- आपको अफसरों ने गलत जवाब थमा दिया है, अपने साथ वाले लोगों से कैसे बात करनी है, यह जानना जरूरी है। सदन में इस तरह नहीं बोलना चाहिए। बतकही में पिछले सप्ताह भी कई किस्से थे, पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें बड़का राजनीतिक परिवार में भारी झगड़ा, घर छोड़कर निकली बेटी:CM की हरकत के बाद टेंशन में भूंजा पार्टी, थूक पड़ने पर मंत्रीजी को पड़ी डांट सत्ताधारी पार्टी के एक नेता जी हैं। खूब पावर वाले माने जाते हैं। संगठन के चहेते भी हैं। बड़का-बड़का कार्यक्रम की जिम्मेदारी इनके कंधे पर होती है। अभी संगठन के बड़का चुनाव की जिम्मेदारी भी इन्हीं के कंधे पर थी। संगठन के भीतर बहुत सख्त मिजाजी माने जाते हैं। आम कार्यकर्ता तो इनसे सीधे बोलने से भी बचते हैं। सख्त मिजाज साहब की रंगरलिया मनाते एक तस्वीर की इन दिनों खूब चर्चा है। तस्वीर में नेता जी पार्टी की एक महिला नेत्री के साथ इश्क फरमाते दिख रहे हैं। अब पार्टी के भीतर नई कार्यसमिति की घोषणा के ठीक पहले इस तस्वीर ने नेता जी के सारे समीकरण को बिगाड़ दिया है। बताया जा रहा है कि महिला नेत्री भी संगठन में बड़े पद की रेस में लगी है। मैडम के प्रिंसिपल बनने के ख्वाब कॉलेज में खाली छात्रसंघ के सहारे छात्र ही ताकत नहीं चाहते हैं, शिक्षकों की भी अपनी एक लॉबी है, जो हर हाल में पावर अपने हाथ में रखना चहाती है। एक महिला अध्यापिका के पावर हासिल करने की ऐसी ही जुगत इन दिनों बुद्धिजीवियों के बीच खूब चर्चा का विषय बना हुआ है। मैडम की हनक केवल टीचर्स के कॉरिडोर तक ही सीमित नहीं है। पावर सेंटर में भी उनकी पकड़ मजबूत है। ऐसे में अब प्राध्यापिका से प्रिंसपिल बनना उनका तय माना जा रहा है। क्योंकि उनकी लॉबिंग में उनके IAS पति भी जुट गए हैं। बोला जाता है वो अधिकारी बाबू राज्य के बड़का साहब के दुलरुआ भी हैं। लेकिन जब अब मामला सामने आ गया है तो सरकार भी नोटिफिकेशन जारी करने के पहले फूंक-फूंक कर कदम उठा रही है। काहे कि ऐसे ही माननीय के भरोसेमंद उनकी किरकिरी कराए हुए हैं। अब देखना होगा कि मैडम की मुराद पूरी होती है या उनकी उम्मीदों पर चुनावी साल का पानी फिर जाता है। ओवर कॉन्फिडेंस में गच्चा खा गए सीआई के जवान विधानसभा का बजट सत्र लगभग समाप्ति की ओर था। भीतर बाहर सैकड़ों जवान माननीय की सुरक्षा में मुस्तैद थे। तैयारी ऐसी कि परिंदा भी पर न मार सके। इसी बीच सूचना मिली कि ग्राम रक्षा दल के कुछ जवान विधानसभा में प्रदर्शन करने की तैयारी कर रहे हैं। विधानसभा के सभी जवान अलर्ट मोड में थे। इसी बीच ग्राम रक्षा दल के कार्यकर्ता दो-दो की टुकड़ी में विधानसभा के पास पहुंचने लगे। पूछने पर उन्होंने जवानों को बताया कि वे मच्छरदानी बेचने वाले हैं। ऐसा करके 6 लोग पहुंचे। इसके बाद 4 लोग उस मच्छरदानी को खरीदने पहुंचे। देखते ही देखते इनकी संख्या 10 से ज्यादा हो गई। अचानक इन्होंने विधानसभा के मुख्य द्वार पर अपनी मांगों का बैनर लहरा दिया। पूरे पुलिस महकमा में हड़कंप मच गया। भीतर माननीय थे और बाहर प्रदर्शन। आनन-फानन में विधानसभा के दरवाजे को बंद किया गया, शुक्र था कि उस दौरान एक भी माननीय नहीं पहुंचे। खैर किसी तरह इन्हें विधानसभा के गेट से हटाया गया। इसके बाद गेट पर तैनात पुलिसकर्मी और स्पेशल जवान आपस में ही उलझ गए। बात इतनी बिगड़ी की मामला गाली-गलौज तक पहुंच गई। जब माननीय ने मंत्री जी को बताई अपनी डिग्री बिहार विधान परिषद में एमएलसी विजय कुमार सिंह ने बांका के चांदन में आठ एकड़ जमीन पर लगे 60 सागवान के पेड़ काटकर बेचने का आरोप थानाध्यक्ष और अंचलाधिकारी पर लगाया। अधिकारियों पर जमीन कब्जा करने का आरोप भी मढ़ा और सरकार से जवाब मांगा। पहली बार मंत्री बने सुनील कुमार सिंह ने समझाना शुरू किया। मंत्री ने कड़क तेवर में जवाब दिया और आरोप का खंडन किया। विजय कुमार सिंह का पारा चढ़ गया। सदन में ही कह दिया कि यह जवाब देने का ठीक तरीका नहीं है। सदन में तो गुस्से का इजहार किया ही, सदन से बाहर निकले तो फिर से समझाया, जवाब देने का यह तरीका ठीक नहीं है, हम आपसे कम पढ़े-लिखे नहीं है, इंजीनियर हैं। मंत्री ने कहा- इसमें पढ़ाई- लिखाई की तो कोई बात नहीं। एमएलसी ने कहा- आपको अफसरों ने गलत जवाब थमा दिया है, अपने साथ वाले लोगों से कैसे बात करनी है, यह जानना जरूरी है। सदन में इस तरह नहीं बोलना चाहिए। बतकही में पिछले सप्ताह भी कई किस्से थे, पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें बड़का राजनीतिक परिवार में भारी झगड़ा, घर छोड़कर निकली बेटी:CM की हरकत के बाद टेंशन में भूंजा पार्टी, थूक पड़ने पर मंत्रीजी को पड़ी डांट
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