गहरे नीले रंग की स्कर्ट-पैंट, आसमानी रंग की शर्ट, उस पर लगी टाई और गहरे नीले रंग की ही ब्लेजर के साथ चमकते काले जूते पहने स्टूडेंट सफेद दाढ़ी मूंछ और सिर पर बकेट स्टाइल की टोपी पहने शख्य से फर्राट से अंग्रेजी में बात कर रहे हैं। यह महासमुंद के पटेवा के एक सरकारी स्कूल का नजारा है। यहां छात्रों का अनुशासन भी देखने लायक है। सरकारी स्कूल को ऐसा गढ़ पाने के पीछे 14 साल की मेहनत है और मेहनत करने वाले शख्स हैं समीर चंद्र प्रधान। इस स्कूल के प्रिंसिपल। प्राचार्य समीर चंद्र प्रधान ने महासमुंद के शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय पटेवा में साल 2011 में प्राचार्य की जिम्मेदारी संभाली। उन्होंने पहले ही दिन से स्कूल में अनुशासन और बच्चों में सीखने की ऐसी ललक भरी कि अब पटेवा स्कूल में महासमुंद शहर समेत रायपुर जिले के बच्चे भी दाखिले के लिए फॉर्म जमा करने पहुंच जाते हैं। स्कूल का नाम अब स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट विद्यालय हो चुका बड़ी संख्या में स्कूल में पढ़ने वाले 10वीं व 12वीं के विद्यार्थी साल 2014 है। से ही हर साल 90 फीसदी से ज्यादा अंक लाते ही हैं। इतना ही नहीं प्राचार्य समीर चंद्र से पढ़े हुए लगभग 2000 से ज्यादा विद्यार्थी आज उच्च शासकीय पदों के साथ विदेशों में भी मल्टी नेशनल कंपनीज में काम कर रहे हैं। आरबीआई से लेकर एमएनसी में भी काम कर रहे इनके छात्र शिक्षक समीर चंद्र से पढ़े हुए ही एक छात्र गगन बरिया भी हैं। उन्होंने आईईएस किया, आईआईटीयन हैं। बीएचयू से मास्टर्स किया है। गगन बताते हैं कि समीर सर से पढ़े हुए ऐसे विद्यार्थी बड़ी संख्या में हैं, जिन्होंने आज बेहतर मुकाम पाया है। उनकी पढ़ाई हुई छात्रा अमृता श्रीवास्तव पेशे से पेंटर हैं और उनके पेंटिंग्स के एग्जीबिशन लगते हैं। आशीष राठौर कनाडा में मल्टी नेशनल कंपनी में कार्यरत हैं। डॉ. मयंक चंद्राकर, महासमुंद मेडिकल कॉलेज में कार्यरत हैं। आलोक शुक्ला इंजीनियर हैं और वे जल संसाधन विभाग में पदस्थ हैं। गोविंद साहू एसबीआई में जोनल ऑफिसर हैं। प्राचार्यों की लीडरशिप के मास्टर ट्रेनर, अंग्रेजी के पाठ्यक्रम भी तय करते हैं शिक्षक समीर चंद्र राज्य स्तरीय मास्टर ट्रेनर भी हैं। वे प्रदेश के प्राचार्यों की लीडरशिप व प्रबंधन के प्रशिक्षण को लेकर बनाए गए कोर ग्रुप में शामिल हैं। उनके ट्रेनिंग की विशिष्ट शैली के कारण उनकी पूछ-परख है। एससीईआरटी प्रशिक्षक के रूप में लगातार उनकी सेवा लेती है। प्रशिक्षण की रूपरेखा निर्धारित करने में, अंग्रेजी के पाठ्यक्रम का विश्लेषण करने में उनकी भूमिका रहती है। सेवा के 35 साल में से 33 साल प्रिंसिपल या प्रभारी प्रिंसिपल समीर चंद्र प्रधान कुल सेवा के 35 वर्ष में 32 साल प्राचार्य या प्रभारी प्राचार्य रहे। 1990 में बुंदेलखंड में 12 वर्ष अध्यापन किया। इस दौरान वे सागर जिले में गर्ल्स स्कूल केसली, तहसील देवरी में पदस्थ रहे। 2002 में महासमुंद के स्कूल में पदस्थ हुए। इसके बाद साल 20011 से पटेवा स्कूल में पदस्थ हैं। वे 1990 से 2011 तक लगातार व्याख्याता रहे। सेवा के 17 साल तक अतिरिक्त प्रभार के रूप में प्रभारी प्राचार्य की भूमिका निभाते रहे। 2011 से वे प्राचार्य हैं।


