सदर के पैथोलॉजी केंद्र को एनएबीएल सर्टिफिकेट, राज्य के पहले सरकारी अस्पताल के नाम उपल​िब्ध​​

हेल्थ रिपोर्टर|रांची सदर अस्पताल रांची ने एक और उपलब्धि अपने नाम कर ली है। अस्पताल के डिपार्टमेंट ऑफ लेबोरेट्री मेडिसिन (पैथोलॉजी विभाग) को एनएबीएल (नेशनल एक्रिडिटेशन बोर्ड फॉर टेस्टिंग एंड केलिब्रेशन लेबोरेट्री) का सर्टिफिकेट मिला है। इस सर्टिफिकेट के साथ रांची सदर अस्पताल झारखंड का पहला सरकारी अस्पताल बन गया है, जिसे एनएबीएल की मान्यता मिली है। सिविल सर्जन डॉ. प्रभात कुमार ने बताया कि यह प्रमाण-पत्र अस्पताल की सेवाओं की गुणवत्ता और विश्वसनीयता को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि सदर अस्पताल में स्वास्थ्य सेवाओं को लगातार सशक्त बनाने की दिशा में काम हो रहा है। आने वाले समय में रेडियोलॉजी की सभी जांचें भी कम से कम दरों पर उपलब्ध कराने की योजना है, ताकि अधिक से अधिक मरीज लाभान्वित हो सकें। डॉ. विमलेश ने बताया कि अस्पताल में उच्च गुणवत्ता वाले उपकरणों और प्रशिक्षित तकनीशियनों की टीम काम कर रही है। यही कारण है कि सदर अस्पताल पर हर वर्ग के मरीज भरोसा जताते हैं। एनएबीएल प्रमाणन मिलने के बाद अस्पताल की पैथोलॉजी सेवाएं राष्ट्रीय मानकों के अनुरूप और अधिक पारदर्शी तथा विश्वसनीय बनेंगी। यह उपलब्धि न सिर्फ रांची बल्कि पूरे झारखंड के लिए गर्व की बात है। इससे सरकारी अस्पतालों में गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाओं के विस्तार को नई दिशा मिलेगी। सदर अस्पताल के उपाधीक्षक सह डिपार्टमेंट ऑफ लेबोरेट्री मेडिसिन के प्रमुख डॉ. विमलेश सिंह ने बताया कि सदर अस्पताल के पैथोलॉजी केंद्र में प्रतिदिन 5000 से अधिक जांच की जाती हैं। वर्तमान में यहां 414 प्रकार की जांच उपलब्ध हैं। उन्होंने बताया कि बीते एक महीने में करीब 1.58 लाख जांच की गई हैं। अस्पताल में ट्यूमर मार्कर, एफएनएसी, हिस्टोपैथोलॉजी, साइटोपैथोलॉजी, हार्मोनल टेस्ट सहित पैथोलॉजी के सभी प्रमुख जांच किए जाते हैं। विशेष रूप से थैलेसीमिया और सिकल सेल जैसी जटिल बीमारियों की जांच एचपीएलसी मशीन से की जाती है। हेल्थ रिपोर्टर|रांची सदर अस्पताल रांची ने एक और उपलब्धि अपने नाम कर ली है। अस्पताल के डिपार्टमेंट ऑफ लेबोरेट्री मेडिसिन (पैथोलॉजी विभाग) को एनएबीएल (नेशनल एक्रिडिटेशन बोर्ड फॉर टेस्टिंग एंड केलिब्रेशन लेबोरेट्री) का सर्टिफिकेट मिला है। इस सर्टिफिकेट के साथ रांची सदर अस्पताल झारखंड का पहला सरकारी अस्पताल बन गया है, जिसे एनएबीएल की मान्यता मिली है। सिविल सर्जन डॉ. प्रभात कुमार ने बताया कि यह प्रमाण-पत्र अस्पताल की सेवाओं की गुणवत्ता और विश्वसनीयता को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि सदर अस्पताल में स्वास्थ्य सेवाओं को लगातार सशक्त बनाने की दिशा में काम हो रहा है। आने वाले समय में रेडियोलॉजी की सभी जांचें भी कम से कम दरों पर उपलब्ध कराने की योजना है, ताकि अधिक से अधिक मरीज लाभान्वित हो सकें। डॉ. विमलेश ने बताया कि अस्पताल में उच्च गुणवत्ता वाले उपकरणों और प्रशिक्षित तकनीशियनों की टीम काम कर रही है। यही कारण है कि सदर अस्पताल पर हर वर्ग के मरीज भरोसा जताते हैं। एनएबीएल प्रमाणन मिलने के बाद अस्पताल की पैथोलॉजी सेवाएं राष्ट्रीय मानकों के अनुरूप और अधिक पारदर्शी तथा विश्वसनीय बनेंगी। यह उपलब्धि न सिर्फ रांची बल्कि पूरे झारखंड के लिए गर्व की बात है। इससे सरकारी अस्पतालों में गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाओं के विस्तार को नई दिशा मिलेगी। सदर अस्पताल के उपाधीक्षक सह डिपार्टमेंट ऑफ लेबोरेट्री मेडिसिन के प्रमुख डॉ. विमलेश सिंह ने बताया कि सदर अस्पताल के पैथोलॉजी केंद्र में प्रतिदिन 5000 से अधिक जांच की जाती हैं। वर्तमान में यहां 414 प्रकार की जांच उपलब्ध हैं। उन्होंने बताया कि बीते एक महीने में करीब 1.58 लाख जांच की गई हैं। अस्पताल में ट्यूमर मार्कर, एफएनएसी, हिस्टोपैथोलॉजी, साइटोपैथोलॉजी, हार्मोनल टेस्ट सहित पैथोलॉजी के सभी प्रमुख जांच किए जाते हैं। विशेष रूप से थैलेसीमिया और सिकल सेल जैसी जटिल बीमारियों की जांच एचपीएलसी मशीन से की जाती है।  

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