महाराष्ट्र में किसानों की आत्महत्या (Farmers Suicide) की घटनाएं बढ़ती जा रही हैं। राज्य सरकार की तमाम योजनाओं के बावजूद मराठवाडा और विदर्भ क्षेत्र में किसानों की आत्महत्याएं रुकने का नाम नहीं ले रही हैं। इस बीच होली से ठीक एक दिन पहले बुलढाणा में एक और अन्नदाता ने अपनी जान दे दी। चौंकाने वाली बात यह है कि मृतक किसान को कुछ साल पहले राज्य सरकार ने कृषि पुरस्कार से नवाजा था।
महाराष्ट्र के बुलढाणा जिले के अंढेरा पुलिस थाने की सीमा में यह दुखद घटना हुई। एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि महाराष्ट्र सरकार का 2020 का ‘युवा शेतकारी’ पुरस्कार पाने वाले किसान कैलाश नागरे (42) ने आज (13 मार्च) सुबह जहर खाकर आत्महत्या कर ली। कथित तौर पर फसल और सिंचाई संबंधी समस्याओं के चलते नागरे ने अपनी जीवन लीला समाप्त कर ली।
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अंढेरा पुलिस स्टेशन के एक अधिकारी ने बताया कि 42 वर्षीय कैलाश नागरे का शव उनके खेत में मिला। नागरे ने आज सुबह देउलगांवराजा तहसील के शिवनी आरमाल गांव में अपने खेत में जहरीला पदार्थ खा लिया। पुलिस को मौके से चार पन्नों का सुसाइड नोट मिला है।
अधिकारी के मुताबिक, मृतक किसान कैलाश नागरे ने 2020 में ‘युवा शेतकारी’ पुरस्कार जीता था। उनके चार पन्नों के सुसाइड नोट में फसल पैदावार की कमी और सिंचाई के लिए पानी की कमी की बात कही गई है। नागरे चाहते थे कि सरकार खेतों में पानी की आपूर्ति की कमी का समाधान निकाले। हालांकि उन्होंने सुसाइड नोट में अपने इस कदम के लिए किसी को जिम्मेदार नहीं ठहराया गया है।
पुलिस ने फ़िलहाल दुर्घटनावश मौत की रिपोर्ट दर्ज की है और मामले की आगे की जांच जारी है। नागरे की आत्महत्या से इलाके में दुख की लहर दौड़ पड़ी है।
2700 किसानों ने की आत्महत्या!
हाल ही में विपक्ष ने महाराष्ट्र विधानसभा में किसानों की आत्महत्या का मुद्दा उठाया था। कांग्रेस नेता विजय वडेट्टीवार ने कहा कि चुनाव से पहले बीजेपी नीत महायुति सरकार ने किसानों को कहा था कि उनका कर्जा माफ करेंगे। लेकिन ऐसा नहीं हुआ। 2700 किसानों ने एक साल के भीतर आत्महत्या की। इसके बावजूद सरकार गंभीर नहीं हुई है और किसानों का कर्जा माफ नहीं कर रही है।
बता दें कि सोमवार को महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री व वित्तमंत्री अजित पवार ने वित्त वर्ष 2025-26 के लिए 7.50 लाख करोड़ रुपये का बजट पेश किया। उन्होंने सभी क्षेत्रों में विकास को बढ़ावा देकर महाराष्ट्र को एक ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने का रोडमैप दिखाया है। हालांकि राज्य के बजट में आर्थिक संकट से जूझ रहे किसानों की कर्ज माफी के संबंध में कोई घोषणा नहीं की गई।
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