हरियाणा के पहले CM के घर पर लिखा-यह बिकाऊ नहीं:खरीदारों से तंग आया परिवार, बहू बोली- 2 बार हम इसकी डील रुकवा चुके

हरियाणा के पहले CM के घर पर लिखा-यह बिकाऊ नहीं:खरीदारों से तंग आया परिवार, बहू बोली- 2 बार हम इसकी डील रुकवा चुके

हरियाणा के पहले मुख्यमंत्री पंडित भगवत दयाल शर्मा का पुश्तैनी घर सुर्खियों में आया है। इसी घर में उनका जन्म हुआ था। उनकी बहू ने आरोप लगाया कि इस घर को गलत तरीके से बेचने की कोशिश की जा रही है। बार-बार विवाद और खरीदारों के आने से वह तंग आ चुके हैं। इससे परेशान होकर उन्होंने घर के ऊपर पक्के तौर पर ही पेंट से लिखवा दिया- “यह मकान बिकाऊ नहीं है, संपर्क करें”। दैनिक भास्कर से बातचीत में पंडित शर्मा के छोटे बेटे महादेव शर्मा की पत्नी आशा शर्मा ने कहा- ”कुछ लोग बार-बार इस ऐतिहासिक संपत्ति को खरीदने का प्रयास कर रहे हैं, जबकि मकान को बेचा ही नहीं जा रहा। यह मकान पूर्व मुख्यमंत्री की विरासत है। परिवार इससे जुड़े भावनात्मक रिश्तों को खत्म नहीं करना चाहता।” 3 पॉइंट्स में जानिए संपत्ति को लेकर आशा ने क्या कहा… 1. पुश्तैनी जमीन में 300 गज का प्लाट, 150 गज जगह मकान की
आशा शर्मा ने बताया कि हरियाणा के पहले मुख्यमंत्री बेरी गांव के रहने वाले थे। उनका जन्म 26 जनवरी 1918 हो हुआ था। बेरी गांव में आज भी उनकी पुश्तैनी विरासत है, जिसमें 300 गज का एक प्लाट है, जो कि खाली पड़ा है। इसके अलावा जिस घर में वे रहते थे, वह करीब 150 गज जगह है। इस संपत्ति पर परिवार में विवाद भी चला हुआ है। इसी जमीन को कुछ बेचने और खरीदने की कोशिश करते रहते हैं। 2. दो बार हुआ प्रयास, बयाना भी दे दिया गया था
आशा शर्मा ने आगे बताया कि पहले पूर्व मुख्यमंत्री के मकान को 2 बार बेचने का प्रयास किया जा चुका है। 2 बार खरीददारों की ओर से बयाना भी दिया जा चुका था। मगर, हमने हर बार यह डील रुकवा दी। अब हमारा परिवार लगातार आने वाले ग्राहकों से परेशान हो चुका है। क्योंकि गांव की यह जमीन हमारी ऐतिहासिक विरासत है। पुश्तैनी मकान को बेचने का कोई सवाल ही नहीं उठता। 3. भविष्य में बनेगा सार्वजनिक स्थल और लाइब्रेरी
आशा शर्मा ने आगे कहा पंडित भगवत दयाल शर्मा पूरे हरियाणा की शान हैं। हालांकि पूरा परिवार अब बेरी से बाहर रहता है, फिर भी इस ऐतिहासिक मकान से भावनात्मक जुड़ाव बरकरार है। यह मकान एक सांस्कृतिक धरोहर है, जिसे सहेजना उनका कर्तव्य है। परिवार की योजना है कि इस मकान में लाइब्रेरी और बुजुर्गों के बैठने की जगह बनाई जाए। उद्देश्य है कि आने वाली पीढ़ियां भी प्रदेश के पहले मुख्यमंत्री की विरासत को जान सकें। ग्रामीण बोले- जन्म जरूर हुआ लेकिन जमीन उनकी नहीं
वहीं इस मामले पर जब गांव के लोगों से बात की गई तो कैमरे के सामने तो कोई नहीं आया। हालांकि उन्होंने इतना जरूर कहा कि इस मकान में पंडित भगवत दयाल का जन्म जरूर हुआ था लेकिन यह उनके हिस्से की जमीन नहीं है। यह मकान बैनी प्रसाद के परिवार का है। पंडित भगवत दयाल को रोहतक में उनकी बुआ ने गोद लिया हुआ था। जिसके बाद उनका जमीन से कोई संबंध नहीं रहा। मुरारी लाल शर्मा ने भगवत दयाल को गोद लिया था
पंडित हीरालाल शर्मा के 2 बेटे बड़ा बेटा पंडित उमराव सिंह और छोटे बेटा पंडित भगवत दयाल शर्मा थे। उमराव सिंह के दो बेटे बैनी प्रसाद और पंडित श्रीनिवास और दो बेटियां कैलाश शर्मा और प्रकाश शर्मा थीं। वहीं पंडित भगवत दयाल शर्मा के 3 बेटे राजेश शर्मा, भारत शर्मा, महादेव शर्मा और 3 ही बेटियां थीं। पंडित भगवत दयाल शर्मा को रोहतक के पंडित मुरारी लाल शर्मा ने गोद लिया था। कौन थे पंडित भगवत दयाल शर्मा 2 इन्फोग्राफिक्स देखें… ——————————– पंडित भगवत दयाल शर्मा से जुड़ी ये खबर भी पढ़ें… मैं हरियाणा का CM : जो पंजाब बंटवारे के खिलाफ थे,वही पहले CM बने:अफसर से देवीलाल-बंसीलाल को हराने को कहा; इंदिरा के न चाहते हुए भी बने मुख्यमंत्री 26 जनवरी 1918, संयुक्त पंजाब के जींद जिले के बैरो गांव में एक बच्चे का जन्म हुआ। सवा साल बाद उसकी मां नहीं रहीं। पिता हीरालाल शास्त्री ने कुछ साल बच्चे को संभाला, फिर रोहतक के मुरारीलाल को गोद दे दिया। गांव वालों की मौजूदगी में गोद देने कार्यक्रम भी हुआ। बच्चा 16 साल का हुआ, तो उसकी शादी करा दी गई। उसके बाद वो आजादी के आंदोलन में कूद गया, जेल भी गया। (पूरी खबर पढ़ें)

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