सेना के दिवंगत जवान का पार्थिव शरीर गांव पहुंचा:अंतिम यात्रा में शामिल हुए गिरिराज सिंह, जबलपुर के अस्पताल में हुई थी मौत

सेना के दिवंगत जवान का पार्थिव शरीर गांव पहुंचा:अंतिम यात्रा में शामिल हुए गिरिराज सिंह, जबलपुर के अस्पताल में हुई थी मौत

मध्य प्रदेश के जबलपुर में असामयिक मौत के शिकार जवान का पार्थिव शरीर शनिवार को उनके नावकोठी थाना क्षेत्र स्थित छतौना गांव पहुंचा। दिवंगत आर्मी जवान पवन कुमार की गुरुवार रात हार्ट अटैक से जबलपुर के अस्पताल में मौत हो गई थी। पार्थिव शरीर पहुंचने के बाद गांव में अंतिम दर्शन के लिए लोगों की भीड़ जुट गई। जवान के अंतिम यात्रा में शामिल होने के लिए केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह भी पहुंचे। जवान के पार्थिव शरीर के आने की सूचना के बाद शनिवार सुबह से ही जवान पवन के घर के पास लोगों की भीड़ जुटी थी। पार्थिव शरीर के आने के बाद जवान के अंतिम यात्रा में शामिल सैकड़ों बाइक सवार युवाओं ने भारत माता की जय के नारे लगाए और हाथ में तिरंगा झंडा पकड़े रहे। उपेंद्र पंडित के बेटे 40 साल के पवन कुमार साल 2006 में भारतीय सेना में शामिल हुए। उनकी पोस्टिंग मध्य प्रदेश के जबलपुर में थी। वह जबलपुर में हथियार की मरम्मत करते थे। गुरुवार रात करीब 12 बजे तक उन्होंने हथियार की मरम्मत की। इसके बाद कैंप में स्थित आवास में सोने गए। तबीयत बिगड़ी तो अस्पताल लेकर पहुंचे साथी इसी दौरान अचानक सिर में तेज दर्द हुआ, बगल के कमरे में रहने वाले जवान उसे उठाकर इलाज के लिए मेडिकल यूनिट में डॉक्टर के पास ले गए। जहां इलाज के दौरान मौत हो गई। साथी जवान ने ही घटना की सूचना परिजनों को दी। घटना के संबंध में मृतक के पिता उपेंद्र पंडित ने बताया कि साल 2006 में पवन सेना में गए थे। उनके साथ काम करने वाले जवानों ने बताया है कि रात करीब 12 तेज सिर दर्द के बाद उन्हें अस्पताल ले जाया गया। जहां इलाज के दौरान मौत हो गई। मध्य प्रदेश के जबलपुर में असामयिक मौत के शिकार जवान का पार्थिव शरीर शनिवार को उनके नावकोठी थाना क्षेत्र स्थित छतौना गांव पहुंचा। दिवंगत आर्मी जवान पवन कुमार की गुरुवार रात हार्ट अटैक से जबलपुर के अस्पताल में मौत हो गई थी। पार्थिव शरीर पहुंचने के बाद गांव में अंतिम दर्शन के लिए लोगों की भीड़ जुट गई। जवान के अंतिम यात्रा में शामिल होने के लिए केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह भी पहुंचे। जवान के पार्थिव शरीर के आने की सूचना के बाद शनिवार सुबह से ही जवान पवन के घर के पास लोगों की भीड़ जुटी थी। पार्थिव शरीर के आने के बाद जवान के अंतिम यात्रा में शामिल सैकड़ों बाइक सवार युवाओं ने भारत माता की जय के नारे लगाए और हाथ में तिरंगा झंडा पकड़े रहे। उपेंद्र पंडित के बेटे 40 साल के पवन कुमार साल 2006 में भारतीय सेना में शामिल हुए। उनकी पोस्टिंग मध्य प्रदेश के जबलपुर में थी। वह जबलपुर में हथियार की मरम्मत करते थे। गुरुवार रात करीब 12 बजे तक उन्होंने हथियार की मरम्मत की। इसके बाद कैंप में स्थित आवास में सोने गए। तबीयत बिगड़ी तो अस्पताल लेकर पहुंचे साथी इसी दौरान अचानक सिर में तेज दर्द हुआ, बगल के कमरे में रहने वाले जवान उसे उठाकर इलाज के लिए मेडिकल यूनिट में डॉक्टर के पास ले गए। जहां इलाज के दौरान मौत हो गई। साथी जवान ने ही घटना की सूचना परिजनों को दी। घटना के संबंध में मृतक के पिता उपेंद्र पंडित ने बताया कि साल 2006 में पवन सेना में गए थे। उनके साथ काम करने वाले जवानों ने बताया है कि रात करीब 12 तेज सिर दर्द के बाद उन्हें अस्पताल ले जाया गया। जहां इलाज के दौरान मौत हो गई।  

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