गाजा युद्धविराम का काला साया: हमास की साजिश से टूटा अमन का सपना, ट्रंप की जीत पर भी खतरा मंडराया!

गाजा युद्धविराम का काला साया: हमास की साजिश से टूटा अमन का सपना, ट्रंप की जीत पर भी खतरा मंडराया!

Gaza Ceasefire Breaking: गाजा में मुश्किल से कायम हुई शांति (Gaza Ceasefire Breaking) अब दरकने लगी है। सिर्फ एक हफ्ते बाद ही हालात बिगड़ गए हैं। रविवार को इजरायल ने गाजा को भोजन और दवाओं की मदद रोक दी और हवाई हमले शुरू कर दिए। वजह? हमास के लड़ाकों ने दो इजरायली सैनिकों की हत्या कर दी। ये घटना बताती है कि युद्धविराम कितना नाजुक था। संयुक्त अरब अमीरात और सऊदी अरब जैसे देशों ने साफ कह दिया कि जब तक हमास सत्ता में है, वे गाजा (Hamas Blamed Gaza) के पुनर्निर्माण के लिए एक भी पैसा नहीं देंगे। हमास की क्रूरता के चलते गाजा के लोगों का भविष्य अभी अंधेरे में ही नजर आ रहा है, लेकिन पूरी जंग फिर शुरू होने की संभावना भी कम है। ट्रंप की डील (Trump Gaza Peace Deal) पर संकट गहरा गया है। इधर हमास अपने ही फिलिस्तीनियों को मार रहा है, वाइस प्रेसीडेंट जेडी वेंस उन्हें बचाने के लिए गाजा जा रहे हैं! यह सबकुछ ट्रंप प्रशासन की मेहनत को चुनौती दे रहा है।


The ceasefire in Gaza is failing.

गाजा में युद्धविराम नहीं चल पा रहा।

ट्रंप की सफलता और इजरायल का फायदा

इस संकट को एक तरह से राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की जीत कह सकते हैं। उन्होंने ही ये युद्धविराम करवाया था। इजरायल के लिए भी ये ठीक-ठाक नतीजा है, क्योंकि सभी जिंदा बंधकों को वापस मिल गया। मिडिल ईस्ट में शायद यही सबसे अच्छा हो सकता है। हमास की राजनीतिक ताकत अभी भी इजरायल से टकराव पर टिकी है। लेकिन इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू की लोकप्रियता बंधक डील से चरम पर है, इसलिए वे हमास के बहकावे में नहीं आएंगे। हमास इतना कमजोर हो चुका है कि इजरायल के लिए बड़ा खतरा नहीं रह गया। अगले कई सालों तक ये समस्या हल्की रहेगी। उपराष्ट्रपति जेडी वेंस मंगलवार से गुरुवार तक इलाके का दौरा करेंगे ताकि डील सही से चले।

हमास की आंतरिक जंग और कमजोरी

हमास अभी इतना दुर्बल है कि गाजा पर अपनी पकड़ बनाए रखने के लिए ही दूसरी फिलिस्तीनी गुटों को कुचल रहा है। 2007 में फतह से झड़प के बाद जैसा किया था, वैसा ही फिर शुरू हो गया। युद्धविराम की स्याही सूखने न पाते ही हमास के गुंडे भूमिगत बिलों से बाहर निकले। वे तरोताजा, अच्छे से खाए-पिए और साफ यूनिफॉर्म में दिखे। उन्होंने कम से कम चार फिलिस्तीनी कबीले घोषित कर दिए, जो कथित तौर पर इजरायल के साथ मिले थे। वीडियो में हमास के अफसर बंधे हुए मर्दों को सड़क पर गोली मारते या चोरों के पैरों में तीर चलाते दिख रहे हैं। ये सब खुले में हो रहा है, लेकिन अंदरूनी कहानी और भयानक होगी। शनिवार को अमेरिकी विदेश विभाग ने चेतावनी दी कि हमास फिलिस्तीनी नागरिकों पर हमला प्लान कर रहा है। गाजा की सुरक्षा और युद्धविराम बचाने के लिए कदम उठाए जाएंगे, लेकिन ये कैसे होगा, ये साफ नहीं।

गारंटर देशों की दुविधा

तुर्की और कतर, जो युद्धविराम के गारंटर हैं, भविष्य के फिलिस्तीनी राज्य में हमास की भूमिका देखते हैं। वे हमास से सीधे टकराव नहीं चाहेंगे, भले ही ये गुट फिलिस्तीन में गृहयुद्ध भड़का रहा हो। हमास की क्रूरता गाजा के बेजुबान लोगों को और दुख दे रही है। ये संगठन खुद को बचाने के चक्कर में अपने ही लोगों को निगल रहा है। क्रांतियां अंत में खुद को खा जाती हैं, लेकिन हमास अभी मौत के मुंह में नहीं पहुंचा। गाजा के मासूमों के लिए ये दर्दनाक है। इजरायल ने हमास को बुरी तरह पीटा है, लेकिन ये अभी भी आग की चिंगारी बाकी रखे हुए है।

आगे का रास्ता और उम्मीद

बहरहाल इस पूरे घटनाक्रम से साफ है कि मिडिल ईस्ट में शांति आसान नहीं। लेकिन ट्रंप का ये समझौता एक शुरुआत है। वेंस का दौरा महत्वपूर्ण होगा, जो डील को पटरी पर ला सकता है। गाजा के लोग चाहते हैं कि हमास जैसी हिंसा खत्म हो। क्या ये संभव होगा? समय बताएगा। दुनिया को हमास की कमजोरी का फायदा उठाना चाहिए ताकि असली शांति बने।

(वॉशिंग्टन पोस्ट का यह आलेख पत्रिका.कॉम पर दोनों समूहों के बीच विशेष अनुबंध के तहत पोस्ट किया गया है।)

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