तृणमूल कांग्रेस (TMC) की नेता महुआ मोइत्रा ने गुरुवार को दिल्ली हाईकोर्ट में नया आवेदन दायर किया। इसमें उन्होंने BJP सांसद निशिकांत दुबे और वकील जय अनंत देहाद्राय द्वारा उनके खिलाफ किए गए सोशल मीडिया पोस्ट को लेकर शिकायत दर्ज करवाई। लोकसभा सांसद महुआ मोइत्रा महुआ मोइत्रा की ओर से वकील समुद्र सरंगी उपस्थित हुए। उन्होंने कोर्ट को बताया कि देहाद्राय का ट्वीट दरअसल दुबे के फेसबुक पोस्ट का स्क्रीनशॉट है। अंतरिम आवेदन में मोइत्रा के वकील ने अदालत से दुबे और देहाद्राय को पोस्ट हटाने का निर्देश देने का आग्रह किया। दुबे के वकील ने कहा कि यह पोस्ट मोइत्रा के खिलाफ उनकी शिकायत पर लोकपाल के फैसले पर आधारित थी। अदालत ने कहा कि दुबे ने लोकपाल फैसले पर जो भरोसा किया, वह प्रथम दृष्टया मोइत्रा के खिलाफ उनके आरोपों का समर्थन नहीं करता। इसलिए दुबे को अपनी पोस्ट हटा लेना चाहिए। वहीं, सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस पीएस अरोड़ा ने दुबे के वकील से पूछा कि क्या भाजपा सांसद फिलहाल पोस्ट को डिलीट करने के लिए तैयार हैं। लंच के बाद दोबारा शुरू हुई सुनवाई में दुबे के वकील ने कोर्ट से कहा कि उनका भाजपा नेता से संपर्क नहीं हो सका है। इसके चलते अदालत ने सुनवाई 9 मई के लिए स्थगित कर दी। क्या है मामला?
भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने 15 अक्टूबर, 2023 को लोकसभा स्पीकर ओम बिड़ला को चिट्ठी लिखी थी। इसमें उन्होंने आरोप लगाए थे कि महुआ ने संसद में सवाल पूछने के लिए बिजनेसमैन दर्शन हीरानंदानी से पैसे और तोहफे लिए थे। इस मामले स्पीकर ने एथिक्स कमेटी को भेज दिया था। इसके बाद मोइत्रा की सांसदी चली गई थी। इसके कैश फॉर क्वेरी मामले में लोकपाल ने मोइत्रा के खिलाफ सीबीआई जांच का आदेश दिया था। टट इसी को लेकर भाजपा नेता और झारखंड के गोड्डा से सांसद निशिकांत दुबे ने 19 मार्च, 2024 की रात महुआ मोइत्रा को लेकर पोस्ट किया था। निशिकांत ने X पर लिखा- आज मेरी शिकायत को सही मानते हुए लोकपाल ने महुआ मोइत्रा के खिलाफ CBI को जांच करने का आदेश दिया यानी चंद पैसों के लिए तृणमूल कांग्रेस की पूर्व सांसद मोइत्रा ने कारोबारी हीरानंदानी के साथ भ्रष्टाचार व देश की सुरक्षा को गिरवी रखा। भाजपा सांसद डॉ. निशिकांत दुबे ने CBI जांच के आदेश का लेटर ट्वीट किया था BJP सांसद ने लगाए थे महुआ पर आरोप BJP सांसद निशिकांत दुबे ने आरोप लगाया था कि महुआ ने लोकसभा में पैसे लेकर सवाल पूछे हैं। निशिकांत ने इसकी शिकायत लोकसभा स्पीकर ओम बिड़ला से की थी। मामले की जांच के लिए एथिक्स कमेटी बनाई गई थी। एथिक्स कमेटी की रिपोर्ट में महुआ को दोषी माना गया था, जिसके बाद महुआ के निष्कासन का प्रस्ताव 8 दिसंबर 2023 को लोकसभा में पेश हुआ था। महुआ के निष्कासन पर लोकसभा में पक्ष-विपक्ष के बीच तीखी बहस हुई थी। आखिर में प्रस्ताव पर वोटिंग हुई, जिसमें विपक्ष ने वॉकआउट किया था। वोटिंग में महुआ को लोकसभा से निष्कासित करने का प्रस्ताव पास हो गया था।
TMC नेता महुआ मोइत्रा निशिकांत दुबे के खिलाफ पहुंची हाईकोर्ट:मीडिया पोस्ट को लेकर शिकायत दर्ज करवाई, कोर्ट ने BJP सांसद से पूछा- क्या पोस्ट हटाएंगे
