1. सुविधा और सरलता: इंटरनेट के माध्यम से आप अपने घर बैठे टर्म इंश्योरेंस की जानकारी प्राप्त कर सकते हैं और पॉलिसी खरीद सकते हैं।
2. विविध योजनाओं की तुलना: ऑनलाइन प्लेटफॉर्म आपको विभिन्न बीमा योजनाओं की तुलना करने का अवसर देते हैं। इससे आप अपनी आवश्यकताओं और बजट के अनुसार सही योजना का चयन कर सकते हैं।
3. कम प्रीमियम लागत: डिजिटल प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध योजनाओं में एजेंट की कमी के कारण प्रीमियम कम होता है।
4. तेज और पेपरलेस प्रक्रिया: डिजिटल तकनीक के कारण अब दस्तावेज़ीकरण प्रक्रिया आसान हो गई है।
5. पॉलिसी की पारदर्शिता: ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर हर योजना की शर्तें और लाभ स्पष्ट रूप से उपलब्ध होते हैं।
1. सस्ती प्रीमियम दरें: टर्म इंश्योरेंस अन्य बीमा योजनाओं की तुलना में किफायती है। यह न्यूनतम प्रीमियम में अधिक कवरेज प्रदान करता है।
2. उच्च कवरेज: आप कम प्रीमियम के साथ बड़ा कवरेज प्राप्त कर सकते हैं, जो आपके परिवार की सभी वित्तीय आवश्यकताओं को पूरा कर सकता है।
3. टैक्स बचत: टर्म इंश्योरेंस प्रीमियम पर आयकर अधिनियम की धारा 80C और क्लेम राशि पर धारा 10(10D) के तहत टैक्स लाभ प्रदान करता है।
4. लचीलापन: टर्म इंश्योरेंस में अलग-अलग योजनाएं और ऐड-ऑन राइडर्स शामिल हो सकते हैं, जैसे कि क्रिटिकल इलनेस कवर, एक्सीडेंटल डेथ बेनिफिट, आदि।
5. मनोवैज्ञानिक सुरक्षा: टर्म इंश्योरेंस यह सुनिश्चित करता है कि आपकी अनुपस्थिति में आपके परिवार को वित्तीय समस्याओं का सामना नहीं करना पड़ेगा।
1. कवरेज की पर्याप्तता का निर्धारण: अपनी आय, वित्तीय जिम्मेदारियों और परिवार की आवश्यकताओं के आधार पर सही कवरेज चुनें।
2. बीमा अवधि का चयन: अपनी सेवानिवृत्ति आयु और दीर्घकालिक वित्तीय लक्ष्यों को ध्यान में रखकर योजना की अवधि तय करें।
3. कंपनी की साख की जांच: बीमा कंपनी के Claim Settlement Ratio को जरूर जांचें।
4. राइडर्स का चयन: गंभीर बीमारियों, दुर्घटना मृत्यु या विकलांगता जैसे जोखिमों से सुरक्षा के लिए ऐड-ऑन राइडर्स जोड़ें।
5. प्रीमियम की तुलना: विभिन्न कंपनियों द्वारा प्रदान किए गए प्रीमियम और लाभों की तुलना करें।
1. क्रिटिकल इलनेस राइडर: कैंसर, हार्ट अटैक जैसी बीमारियों के इलाज के लिए कवर।
2. एक्सीडेंटल डेथ बेनिफिट राइडर: दुर्घटना में मृत्यु होने पर अतिरिक्त लाभ।
3. डिसएबिलिटी राइडर: विकलांगता के मामले में आय का संरक्षण।
4. वॉवर ऑफ प्रीमियम राइडर: गंभीर बीमारी या विकलांगता के मामले में प्रीमियम से छूट।