हरदा में राज्य शिक्षक संघ मध्यप्रदेश की ब्लॉक इकाई ने रविवार को मुख्यमंत्री के नाम एक ज्ञापन सौंपा। यह ज्ञापन एसडीएम अशोक कुमार डेहरिया को दिया गया। इसमें शिक्षकों ने नियुक्ति दिनांक से वरिष्ठता बहाली और ई-अटेंडेंस प्रणाली को बंद करने की मांग की है। शिक्षक संघ जिला अध्यक्ष रामनिवास जाट ने ई-अटेंडेंस प्रणाली से शिक्षकों को हो रही परेशानियों पर बताया कि शिक्षक दूरदराज के गांवों से आते-जाते हैं, जहां निवास की व्यवस्था नहीं है। इससे उन्हें समय पर स्कूल पहुंचने में कठिनाई होती है। इन समस्याओं से ई-अटेंडेंस में आ रहीं बाधाएं शिक्षकों को बीएलओ, डाक वितरण, जानकारी भेजने और परीक्षा ड्यूटी जैसे कई गैर-शैक्षणिक कार्य भी करने पड़ते हैं। ऐसे में समय पर स्कूल परिसर पहुंचकर ई-अटेंडेंस लगाना मुश्किल हो जाता है। ग्रामीण क्षेत्रों में बारिश, नदी-नाले और खराब मौसम के कारण स्कूल पहुंचना चुनौतीपूर्ण होता है, और अक्सर इंटरनेट की सुविधा भी उपलब्ध नहीं होती। लेट होने पर लगता है हाफ डे समय पर ई-अटेंडेंस न लगाने पर हाफ-डे का अवकाश काटा जाता है या अनुपस्थिति मानी जाती है, जो कि गलत है। उन्होंने तर्क दिया कि यह व्यवस्था अन्य विभागों में लागू नहीं है और सिर्फ शिक्षकों पर इसे थोपना पक्षपातपूर्ण है। यह नियम टीचर्स के मनोबल को तोड़ता है, सौतेला व्यवहार दर्शाता है और मानवीय गरिमा का अपमान है। मुख्यमंत्री ई-अटेंडेंस की अनिवार्यता तत्काल निरस्त करें। इस दौरान टीचर दीपक सोनी, विनोद खुरसंगे, देवीलाल विश्वकर्मा, नरेश कुमार विश्वकर्मा, ललित मिश्रा, कुंदन लाल साहू, कुंवर सिंह कुशवाहा, अजय पाराशर, महेश नागराज, गोपाल शर्मा, शिवदान सिंह अटकवार और देवेश्वर जाटव सहित कई शिक्षक मौजूद रहे।


