14 की उम्र में ‘हम नौजवान’ में रेप पीड़ित प्रिया का किरदार निभाने वाली तब्बू आज भारतीय सिनेमा की सबसे दमदार अभिनेत्रियों में गिनी जाती है। ‘विजयपथ’ से पहचान मिली और इसके बाद ‘माचिस’, ‘चांदनी बार’, ‘हैदर’ और ‘अंधाधुन’ जैसी फिल्मों ने उन्हें राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय पहचान दी। तब्बू ने हर किरदार में नई चुनौती स्वीकार कर सिनेमा को समृद्ध किया। निजी जीवन की उतार-चढ़ाव भरी यात्रा और विवादों के बावजूद उन्होंने संतुलन बनाए रखा। पद्मश्री सम्मान से नवाजी गईं तब्बू आज भी अपने सशक्त अभिनय, सादगी और गहरी सोच से प्रेरणा बनकर सामने आती हैं। तब्बू आज 54 साल की हो गई हैं, आइए उनके जीवन और करियर की कुछ खास बातें जानते हैं। पिता का चेहरा तक नहीं देखना चाहतीं हैदराबाद में 4 नवंबर 1971 को जन्मी तबस्सुम फातिमा हाशमी को आज दुनिया तब्बू के नाम से जानती है। बचपन में ही उन्हें पिता का साया नहीं मिला। जब मां रिजवाना और पिता जमाल हाशमी के रिश्ते टूटे, तब घर की दुनिया बदल गई। तब्बू ने साल 2015 में सिमी गरेवाल को दिए एक इंटरव्यू में कहा था कि वह अपने पिता का चेहरा तक नहीं देखना चाहतीं, क्योंकि उनके लिए मां ही पूरी दुनिया हैं। तब्बू जब तीन साल की थीं, तब उनके पिता जमाल हाशमी ने उनकी मां को तलाक दे दिया था और दूसरी शादी कर ली थी। इसके बाद तब्बू ने कभी अपने पिता को नहीं देखा और न ही उनसे मिलने की इच्छा जताई। मां रिजवाना ने बेटियों फराह और तबस्सुम दोनों को अकेले पाला। हैदराबाद से स्कूल की पढ़ाई के बाद तब्बू मुंबई आ गईं, जहां उन्होंने सेंट जेवियर्स कॉलेज से पढ़ाई की और फिर धीरे-धीरे फिल्मों की ओर कदम बढ़ाया। सिर्फ 14 की उम्र में निभाया रेप पीड़ित का किरदार तब्बू महज 12 साल की उम्र में पढ़ाई के लिए मुंबई आई थीं। दो साल तक सेंट जेवियर्स कॉलेज में पढ़ने के बाद किसे पता था कि सिर्फ 14 की उम्र में वो देव आनंद की फिल्म ‘हम नौजवान’ में एक रेप पीड़ित का बेहद संवेदनशील किरदार निभा लेंगी। इतनी कम उम्र में इतना कठिन रोल चुनना हर किसी के बस की बात नहीं थी। यह तब्बू जैसी समझदार और गहरी सोच रखने वाली अदाकारा ही कर सकती थीं। हालांकि तब्बू इससे पहले फिल्म ‘‘बाजार’ में चाइल्ड आर्टिस्ट के तौर पर नजर आ चुकी थीं। लीड एक्ट्रेस के तौर पर तब्बू की पहली फिल्म तेलुगु की ‘कुली नंबर वन’ रही, जिसने उनके अभिनय सफर की असली शुरुआत की। तब्बू ने अनुपम खेर के शो में बताया कि बचपन में एक बर्थडे पार्टी में उनकी मुलाकात देव आनंद की साली सुषमा आंटी से हुई। उन्होंने तब्बू को देखा और बताया कि देव साहब को फिल्म के लिए एक चाइल्ड आर्टिस्ट चाहिए। कुछ दिन बाद शबाना आजमी स्कूल आईं और तब्बू को यह ऑफर बताया। तब्बू को फिल्मी दुनिया की जानकारी नहीं थी, फिर भी उन्होंने शबाना आंटी के कहने पर हामी भर दी। स्क्रीन टेस्ट के बाद उन्हें देव आनंद की फिल्म ‘हम नौजवान’ (1985) में उनकी बेटी का रोल मिल गया और इस तरह उनका फिल्मी सफर शुरू हुआ। जैकी श्रॉफ पर लगाया छेड़छाड़ का आरोप 1986 में मॉरीशस में तब्बू की बहन फराह नाज फिल्म “दिलजला” की शूटिंग कर रही थीं, तब वह अपनी बहन के साथ एक पार्टी में गई थीं। उस पार्टी में जैकी श्रॉफ शराब के नशे में थे और उन्होंने कथित तौर पर तब्बू को जबरदस्ती किस करने की कोशिश की थी। तब्बू ने इसका विरोध किया, लेकिन जैकी ने दबाव बनाना जारी रखा। इस दौरान अभिनेता डैनी डेन्जोंगपा ने बीच-बचाव कर स्थिति को संभाला और जैकी को तब्बू से दूर ले गए। टाइम्स ऑफ इंडिया में छपी रिपोर्ट के मुताबिक तब्बू की बहन फराह ने उस घटना के बाद मीडिया में जाकर इस घटना का आरोप लगाया था। हालांकि बाद में इस मामले को गलतफहमी बताकर सुलझा लिया गया। तब्बू ने अपने पूरे करियर में कभी जैकी श्रॉफ के साथ काम नहीं किया और इस घटनाक्रम का उन्होंने कभी सार्वजनिक रूप से जिक्र नहीं किया। डेब्यू फिल्म आठ साल के बाद हुई रिलीज 1987 में बोनी कपूर ने उन्हें अपनी फिल्म ‘प्रेम’ में साइन किया था। इस फिल्म में उनके अपोजिट अनिल कपूर के छोटे भाई संजय कपूर थे। फिल्म का ऐलान तो जल्दी हो गया, लेकिन बनते-बनते इसे पूरा होने में पूरे आठ साल लग गए। इस लंबे इंतजार के बीच तब्बू ने कुछ और फिल्में भी कीं, लेकिन कोई फिल्म दर्शकों के दिल तक नहीं पहुंच सकी। यही दौर था जब 1994 में उनके हाथ लगी फिल्म ‘विजयपथ’। इस फिल्म में तब्बू के साथ अजय देवगन नजर आए। अजय उस वक्त एक्शन हीरो के रूप में तेजी से आगे बढ़ रहे थे और तब्बू के साथ उनकी जोड़ी दर्शकों को खूब पसंद आई। ‘विजयपथ’ रिलीज होते ही बॉक्स ऑफिस पर छा गई। फिल्म सुपरहिट साबित हुई और तब्बू को भी बड़े पर्दे पर नई पहचान मिली। उनके अभिनय की तारीफ हर तरफ हुई और इसी फिल्म के लिए उन्हें फिल्मफेयर सर्वश्रेष्ठ नवोदित अभिनेत्री का पुरस्कार भी मिला। चीनी कम में बच्चन से इश्क, तो हैदर में बनी शाहिद की मां तब्बू हमेशा अपने अभिनय और किरदारों के चुनाव से दर्शकों को चौंकाती रही हैं। उन्होंने साबित किया है कि असली कलाकार वही होता है जो हर बार एक नई चुनौती स्वीकार करे। चाहे किरदार किसी भी उम्र, रूप या धारणा से जुड़ा हो। 2007 में फिल्म ‘चीनी कम’ में तब्बू ने 34 साल की महिला ‘निना’ का किरदार निभाया था, जिसे 64 साल के शेफ ‘बुद्धदेव गुप्ता’ (अमिताभ बच्चन) से प्यार हो जाता है। यह रिश्ता उम्र के फासले से परे था, मगर परदे पर दोनों की केमिस्ट्री इतनी सहज लगी कि दर्शक उम्र का अंतर भूल गए। तब्बू की सादगी भरी मुस्कान और मेच्योर एक्सप्रेशंस ने इस असामान्य प्रेम कहानी को विश्वसनीय बनाया। फिल्म ने यह भी दिखाया कि प्यार सिर्फ संख्याओं में नहीं, दिल की समझ में होता है। सात साल बाद, 2014 में फिल्म ‘हैदर’ में तब्बू ने कुछ ऐसा किया, जिसे देखकर इंडस्ट्री भी हैरान रह गई। उन्होंने शाहिद कपूर की मां का किरदार निभाने में कोई हिचक नहीं दिखाई। विशाल भारद्वाज की इस फिल्म में ‘गजाला मीर’ के उनके किरदार ने भावनाओं की परतें खोल दीं। एक ऐसी मां जो अपने बेटे और पति के बीच झूलती है और वक्त के साथ खुद के भीतर भी टूटती जाती है। फिल्म में उनके अभिनय को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सराहा गया। अपनी निजी जिंदगी को लेकर भी हमेशा सुर्खियों में रहीं तब्बू न सिर्फ अपने अभिनय बल्कि अपनी निजी जिंदगी को लेकर भी हमेशा सुर्खियों में रही हैं। उनके अफेयर की चर्चा भी कम नहीं रही। कभी संजय कपूर के साथ नाम जुड़ा, तो कभी साजिद नाडियाडवाला के साथ रिश्ते की खबरें उड़ीं। बात शादी तक पहुंची ही थी कि नागार्जुन की एंट्री ने तब्बू की जिंदगी का रुख ही बदल दिया। नागार्जुन और तब्बू की नजदीकियां इंडस्ट्री में खुलेआम चर्चा का विषय बन गईं। दोनों के बीच गहरा रिश्ता था, लेकिन नागार्जुन पहले से शादीशुदा थे और अपनी पत्नी को तलाक नहीं देना चाहते थे। ऐसे में तब्बू ने दिल पर पत्थर रखकर इस रिश्ते से दूरी बना ली। तब्बू ने अपनी निजी जिंदगी और रिश्तों को आम तौर पर बहुत प्राइवेट रखा है और इस संबंध में उन्होंने अधिक खुलकर बात नहीं की है, लेकिन यह रिश्ता उनके जीवन में एक महत्वपूर्ण और संवेदनशील दौर था जिसे उन्होंने दिल पर पत्थर रखकर संभाला। हालांकि इस बारे में नागार्जुन ने 2017 में टाइम्स ऑफ इंडिया के साथ एक इंटरव्यू में बात की थी। उन्होंने कहा था कि तब्बू उनकी बहुत पुरानी और प्यारी दोस्त हैं और उनके बारे में छुपाने के लिए कुछ नहीं है। तब्बू का नाम कई लोगों से जोड़ा गया, लेकिन उन्हें अब तक सच्चा प्यार और जीवनसाथी नहीं मिला। अक्सर तब्बू से उनकी शादी को लेकर सवाल किया जाता है। शादी को लेकर पूछे जाने वाले सवालों पर तब्बू हमेशा अपने अंदाज में जवाब देती हैं और कहती है कि लोग मुझसे और सलमान खान से शादी के सवाल पूछना बंद करें। काले हिरण के मामले में बेवजह घसीटी गईं तब्बू का विवादों से भी नाता रहा है। 1998 में राजस्थान में फिल्म ‘हम साथ साथ हैं’ की शूटिंग के दौरान उन पर भी काले हिरण के अवैध शिकार का आरोप लगा था। इसमें फिल्म की बाकी स्टार-कास्ट सलमान खान, सैफ अली खान, करिश्मा कपूर, सोनाली बेंद्रे और नीलम को भी आरोपी बनाया गया था। हालांकि बाद में वो इस आरोप से बरी कर दी गईं। इस बारे में तब्बू ने 2018 में नवभारत टाइम्स से बातचीत के दौरान कहा था कि इस पूरे प्रकरण में बेवजह घसीटी गई थी। ———————————- बॉलीवुड से जुड़ी ये खबरें भी पढ़ें… शाहरुख@60; मां के सपने के लिए बने एक्टर:हेमा मालिनी ने कहा बदसूरत, पहली कमाई थी 50 रुपए, आज हैं दुनिया के सबसे अमीर एक्टर दिल्ली का एक लड़का, जिसका सपना था कि वह आर्मी में जाए और देश की सेवा करे। खेल-कूद में भी वह आगे था और अपनी कॉलेज की हॉकी टीम का कप्तान था, लेकिन एक दिन अचानक उसे चोट लग गई और उसके बाद उसका स्पोर्ट्स करियर खत्म हो गया। लेकिन वह जीरो को बहुत खास मानता है, क्योंकि जीरो एक नई शुरुआत देता है। इसके बाद उसने थिएटर में एक्टिंग शुरू की और कुछ सालों में बन गया बॉलीवुड का सुपरस्टार। जी हां, हम बात कर रहे हैं शाहरुख खान की। पूरी खबर पढ़ें….
तब्बू @54, पिता का चेहरा तक नहीं देखना चाहतीं:14 की उम्र में निभाया रेप पीड़ित का किरदार, हॉलीवुड फिल्मों ने अंतरराष्ट्रीय पहचान दिलाई


