पिता-पुत्र की गिरफ्तारी का मामला, पूर्व निगम आयुक्त ने दर्ज करवाई थी रिपोर्ट
अजमेर. उच्चतम न्यायालय ने अजमेर के पुलिस अधीक्षक से आरटीई एक्टिविस्ट व पूर्व पार्षद अशेाक मलिक व उसके पुत्र द्रुपद मलिक की गिरफ्तारी से जुड़े तथ्यों व साक्ष्यों की रिपोर्ट मांगी है।
अशोक मलिक ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट ने द्रुपद मलिक द्वारा दायर याचिका को 6 दिसंबर 2024 को संज्ञान में लिया था। पत्र में सुप्रीम कोर्ट ने अजमेर पुलिस की रिपोर्ट और साक्ष्यों के आधार पर कानूनी कार्रवाई करने का उल्लेख किया है।
यह मामला तब प्रकाश में आया जब सीजेआई बनने के बाद जस्टिस संजीव खन्ना ने अपने वक्तव्य में युवा वकीलों को कॉर्पोरेट लॉ फर्मों की ओर जाने की बजाय सार्वजनिक हित याचिकाओं से जुड़कर समाज सेवा करने की सीख दी थी। सीजेआई की इस सलाह पर विधि छात्र द्रुपद मलिक ने सीजेआई को पत्र लिखकर नगर निगम के तत्कालीन आयुक्त सुशील कुमार द्वारा ने दुर्भावनापूर्ण प्राथमिकी दर्ज करवाने व साक्ष्यों के साथ छेड़छाड़ करने की जानकारी दी थी। मलिक ने बताया कि अब सुप्रीम कोर्ट ने इस प्रकरण में पुलिस अधीक्षक से विस्तृत तथ्यात्मक रिपोर्ट और साक्ष्य मांगे हैं।
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