सम्पादकीय : आतंकी संगठनों व उनके आकाओं को कड़ा संदेश

सम्पादकीय : आतंकी संगठनों व उनके आकाओं को कड़ा संदेश

भारतीय वायुसेना ने पहलगाम में पर्यटकों पर हुए कू्र हमले के बाद दो हफ्ते में ही लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद के आतंकी शिविरों को ध्वस्त कर आतंकी संगठनों और पाकिस्तान को कड़ा संदेश दिया है। पाकिस्तान ने कई बार प्रमाण देने के बाद भी न तो किसी आतंकी और न ही किसी आतंकी संगठन पर कार्रवाई करना जरूरी समझा। भारतीय वायुसेना की यह एयर स्ट्राइक 2016 और 2019 में आतंकी शिविरों को नष्ट करने के लिए की गई कार्रवाई से बिल्कुल अलग है क्योंकि वायुसेना के विमानों ने नियंत्रण रेखा पार किए बिना ही आतंकी शिविरों को ध्वस्त कर दिया। सेना ने संयम से काम लेते हुए सिर्फ आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया गया। विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने कहा भी है कि यह कार्रवाई नपी तुली, जिम्मेदारी भरी और गैर उकसावे वाला रही।
साफ है कि इस कार्रवाई के दौरान यह ध्यान रखा गया कि किसी भी नागरिक को कोई भी नुकसान न हो। वहीं सेना की प्रेस कांफ्रेंस में सेना की कार्रवाई की जानकारी देने के लिए आर्मी अफसर कर्नल सोफिया कुरैशी और विंग कमांडर व्योमिका का आना सेना में नारी शक्ति की ताकत का भी प्रतीक है। ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के माध्यम से यह संदेश भी देश की हर महिला के स्वाभिमान, सम्मान और प्रतिष्ठा की रक्षा के लिए सेना सदैव साथ है। सच तो यह है कि पाकिस्तान ने भारत को इस कठोर कार्रवाई के लिए मजबूर किया है। आतंकी संगठन द रेजिस्टेंस फ्रंट (टीआरएफ) से जुड़े आतंकियों ने जिस तरह पहलगाम में पर्यटकों से धर्म पूछकर गोली, उससे तो बर्दाश्त की सभी सीमाएं पार हो गईं। ऐसे में जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर-ए-तैयबा के आतंकियों और उनके ठिकानों को सीमा पार निशाना बनाना सेना का मुंहतोड़ जवाब कहा जाएगा। ऐसी कार्रवाई अभी तक अमरीका और इजराइल करते थे, लेकिन अब भारत ने भी आतंकवाद के खिलाफ अपनी रणनीति को बदल दिया है। टीआरएफ की ओर से हमले की जिम्मेदारी लेने के बाद भी पाकिस्तान निर्लज्जता के साथ उसके मुख्य संगठन लश्कर-ए-तैयबा को बचाने में जुटा था। भारत ने पहले सिंधु जल संधि निलंबित की, राजनयिकों की संख्या घटाई, आयात-निर्यात पर प्रतिबंध लगाया और एयरस्पेस बंद किया। अब आतंकियों पर सीधा वार कर संदेश दे दिया है कि आतंकियों और उनके मददगारों को किसी भी सूरत में बक्शा नहीं जाएगा।
आने वाले दिनों में भारत की कोशिश होगी कि जल्द होने वाली एफएटीएफ (फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स) की बैठक में पाकिस्तान को घेरा जाए। उसको मिलने वाली आर्थिक मदद को रोका जाए ताकि आतंकियों को मिलने वाली रकम पर लगाम लग सके। पाकिस्तान दुनिया के सामने आतंक की फैक्टरी के रूप में बेनकाब हो चुका है लेकिन इस कार्रवाई के बाद हमें बेहद सतर्क रहना होगा। दुनिया में अलग-थलग पड़ा पाकिस्तान सरहद पर फिर भडक़ाने वाली हरकत कर सकता है।

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