Sparsh Himalaya Festival 2025 | हिमालय केवल पर्वत नहीं बल्कि भारत की शक्ति, आध्यात्मिकता और पहचान का प्रतीक: किरेन रीजीजू

Sparsh Himalaya Festival 2025 | हिमालय केवल पर्वत नहीं बल्कि भारत की शक्ति, आध्यात्मिकता और पहचान का प्रतीक: किरेन रीजीजू

केंद्रीय संसदीय कार्य एवं अल्पसंख्यक कार्य मंत्री किरेन रीजीजू ने सोमवार को कहा कि हिमालय केवल पर्वत नहीं बल्कि भारत की शक्ति, आध्यात्मिकता और राष्ट्रीय पहचान का प्रतीक है।
वह यहां ‘लेखक गांव’ में आयोजित ‘स्पर्श हिमालय महोत्सव 2025’ में बतौर मुख्य अतिथि बोल रहे थे।
रीजीजू ने कहा कि वह अरुणाचल प्रदेश से होने के कारण हिमालय से भावनात्मक रूप से गहराई से जुड़े हुए हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘हिमालय केवल पर्वत नहीं, बल्कि भारत की शक्ति, आध्यात्मिकता और पहचान का प्रतीक है।’’

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केंद्रीय मंत्री ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में सीमा क्षेत्रों, विशेषकर उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिले के गुंजी क्षेत्र में सड़क संपर्क और अवसंरचना के विस्तार के लिए किए जा रहे कार्यों की सराहना की।
उन्होंने कहा कि भारत की सुंदरता इसकी विविधता में निहित है।

रीजीजू ने कहा, ‘‘हम भले ही अलग-अलग भाषाएं बोलते हों और अलग परंपराएं निभाते हों, परंतु हमारे मूल्य और दृष्टि हमें एक सूत्र में बांधती है।’’
उन्होंने उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ की ‘लेखक गांव’ पहल की सराहना करते हुए इसे भारत के सांस्कृतिक, साहित्यिक और पारिस्थितिक पुनर्जागरण का जीवंत उदाहरण बताया।
इस महोत्सव का विषय ‘अंतरराष्ट्रीय साहित्य, संस्कृति एवं कला महोत्सव’ था।

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निशंक ने इस आयोजन को उत्तराखंड राज्य के गठन के 25 वर्ष एवं पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के ‘लेखक गांव’ के स्वप्न को समर्पित किया।
कार्यक्रम में डॉ. निशंक ने केंद्रीय मंत्री का स्वागत करते हुए कहा कि ‘लेखक गांव’ पहल का उद्देश्य गांवों को रचनात्मकता, संस्कृति और शिक्षा के केंद्रों में विकसित करना है।

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