सहरसा में पुलिस की वर्दी का दुरुपयोग करने का मामला सामने आया है। एसपी हिमांशु ने बैजनाथपुर के थानाध्यक्ष अमर ज्योति को निलंबित कर लाइन हाजिर कर दिया है। उन पर रंगदारी वसूलने, मारपीट और जबरन पैसे लेने का आरोप है। गुरुवार को इस मामले में उनके खिलाफ बैजनाथपुर थाना मे FIR दर्ज हुई। इसकी जानकारी सिमरी बख्तियारपुर एसडीपीओ मुकेश कुमार ठाकुर ने दीं। दरअसल, मामला 3 मई का है। मधेपुरा के परमानंदपुर पथराहा निवासी अविनाश कुमार पटना से सहरसा पहुंचे थे। वह पटना में बीपीएससी की तैयारी कर रहे हैं। सहरसा स्टेशन पर मधेपुरा जाने वाली ट्रेन का इंतजार कर रहे थे। इसी दौरान 5-6 लोगों ने उन्हें पकड़ लिया। उनका मोबाइल छीन लिया और स्कॉर्पियो में बैठा लिया। स्कॉर्पियो पर पुलिस का बोर्ड लगा था। गाड़ी में बैठे लोगों ने खुद को थानाध्यक्ष अमर ज्योति और अन्य पुलिसकर्मी बताया। अविनाश को मुसहनियां, पथराहा ले जाया गया। वहां तीन घंटे तक उनसे गाली-गलौज की गई। एक लाख रुपए की मांग की गई। धमकी दी गई कि पैसे नहीं देने पर बैग में कोरेक्स और पाउडर डालकर जेल भेज दिए जाने की धमकी दीं। कमरे में बंदकर युवक को पीटा इसके बाद में अविनाश को बैजनाथपुर थाने ले जाया गया। वहां एक कमरे में बंद कर मारपीट की गई। परिजनों से पैसे मंगवाने को कहा गया। परिजनों ने 29 हजार रुपए नकद और 50 हजार रुपए दो फोन नंबर पर ट्रांसफर किए। पैसे मिलने के बाद अविनाश को छोड़ दिया गया, लेकिन उनका मोबाइल वापस नहीं किया गया। जांच रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई वही पीड़ित ने सहरसा डी आईजी से लेकर पुलिस अधीक्षक को आवेदन देकर जांच कर कार्रवाई की मांग की। सहरसा एसपी हिमांशु को शिकायत मिलने पर सहरसा सदर एसडीपीओ आलोक कुमार को जांच सौंपी गई। जांच रिपोर्ट के आधार पर थानाध्यक्ष के खिलाफ कार्रवाई की गई है। गुरुवार को बैजनाथपुर थाना में प्राथमिकी दर्ज किया गया है। सिमरी बख्तियारपुर एसडीपीओ मुकेश कुमार ठाकुर को इस केस को जांच करने का जिम्मा सौंपा गया है। सहरसा में पुलिस की वर्दी का दुरुपयोग करने का मामला सामने आया है। एसपी हिमांशु ने बैजनाथपुर के थानाध्यक्ष अमर ज्योति को निलंबित कर लाइन हाजिर कर दिया है। उन पर रंगदारी वसूलने, मारपीट और जबरन पैसे लेने का आरोप है। गुरुवार को इस मामले में उनके खिलाफ बैजनाथपुर थाना मे FIR दर्ज हुई। इसकी जानकारी सिमरी बख्तियारपुर एसडीपीओ मुकेश कुमार ठाकुर ने दीं। दरअसल, मामला 3 मई का है। मधेपुरा के परमानंदपुर पथराहा निवासी अविनाश कुमार पटना से सहरसा पहुंचे थे। वह पटना में बीपीएससी की तैयारी कर रहे हैं। सहरसा स्टेशन पर मधेपुरा जाने वाली ट्रेन का इंतजार कर रहे थे। इसी दौरान 5-6 लोगों ने उन्हें पकड़ लिया। उनका मोबाइल छीन लिया और स्कॉर्पियो में बैठा लिया। स्कॉर्पियो पर पुलिस का बोर्ड लगा था। गाड़ी में बैठे लोगों ने खुद को थानाध्यक्ष अमर ज्योति और अन्य पुलिसकर्मी बताया। अविनाश को मुसहनियां, पथराहा ले जाया गया। वहां तीन घंटे तक उनसे गाली-गलौज की गई। एक लाख रुपए की मांग की गई। धमकी दी गई कि पैसे नहीं देने पर बैग में कोरेक्स और पाउडर डालकर जेल भेज दिए जाने की धमकी दीं। कमरे में बंदकर युवक को पीटा इसके बाद में अविनाश को बैजनाथपुर थाने ले जाया गया। वहां एक कमरे में बंद कर मारपीट की गई। परिजनों से पैसे मंगवाने को कहा गया। परिजनों ने 29 हजार रुपए नकद और 50 हजार रुपए दो फोन नंबर पर ट्रांसफर किए। पैसे मिलने के बाद अविनाश को छोड़ दिया गया, लेकिन उनका मोबाइल वापस नहीं किया गया। जांच रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई वही पीड़ित ने सहरसा डी आईजी से लेकर पुलिस अधीक्षक को आवेदन देकर जांच कर कार्रवाई की मांग की। सहरसा एसपी हिमांशु को शिकायत मिलने पर सहरसा सदर एसडीपीओ आलोक कुमार को जांच सौंपी गई। जांच रिपोर्ट के आधार पर थानाध्यक्ष के खिलाफ कार्रवाई की गई है। गुरुवार को बैजनाथपुर थाना में प्राथमिकी दर्ज किया गया है। सिमरी बख्तियारपुर एसडीपीओ मुकेश कुमार ठाकुर को इस केस को जांच करने का जिम्मा सौंपा गया है।
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