बिहार विधानसभा आम निर्वाचन 2025 के तहत नालंदा जिले में 6 नवंबर को होने वाले मतदान से 48 घंटे पूर्व से सभी प्रकार के चुनावी प्रचार-प्रसार पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया जाएगा। जिला निर्वाचन पदाधिकारी सह जिला पदाधिकारी कुंदन कुमार ने इस संबंध में आदेश जारी कर सभी संबंधित अधिकारियों को सख्ती से पालन सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं। लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 की धारा 126 के प्रावधानों के अनुसार, नालंदा जिले में आज संध्या 6 बजे के बाद से किसी भी प्रकार का चुनावी प्रचार-प्रसार वर्जित होगा। इस 48 घंटे की अवधि को ‘साइलेंस पीरियड’ के रूप में जाना जाता है, जिसके दौरान मतदाताओं को निष्पक्ष रूप से अपने मताधिकार का प्रयोग करने का अवसर मिलता है। क्या-क्या होगा प्रतिबंधित जारी किए गए आदेश के अनुसार साइलेंस पीरियड के दौरान किसी भी राजनीतिक दल, उम्मीदवार या व्यक्ति द्वारा चुनाव से संबंधित कोई सार्वजनिक सभा या जुलूस आयोजित नहीं किया जा सकेगा। इन कार्यक्रमों में उपस्थित होना या इन्हें संबोधित करना भी प्रतिबंधित रहेगा। चलचित्र, टेलीविजन या किसी अन्य प्रसार माध्यम द्वारा जनता के समक्ष निर्वाचन संबंधी किसी भी बात का प्रदर्शन नहीं किया जा सकेगा। मतदाताओं को आकर्षित करने के उद्देश्य से कोई संगीत समारोह, नाट्य अभिनय, नुक्कड़ नाटक या अन्य मनोरंजन कार्यक्रम आयोजित नहीं किए जा सकेंगे, यदि इनका उद्देश्य चुनाव परिणाम को प्रभावित करना हो। बाहरी मतदाताओं को भी लौटना होगा विशेष रूप से बिहार विधानसभा क्षेत्र के बाहर के जो मतदाता प्रचार-प्रसार करने के उद्देश्य से नालंदा जिले में उपस्थित हैं, उन्हें भी साइलेंस पीरियड शुरू होने से पहले जिला छोड़ना होगा। सख्त निगरानी के निर्देश जिला निर्वाचन पदाधिकारी ने सभी FST, SST, सेक्टर-कम-जोनल मजिस्ट्रेट, चेक पोस्ट के दंडाधिकारी, पुलिस पदाधिकारी, थानाध्यक्ष के साथ-साथ सभी अनुमंडल पदाधिकारी और अनुमंडल पुलिस पदाधिकारियों को निर्देश दिया है कि वे लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम की धारा 126 के तहत दिए गए इन निर्देशों का अक्षरशः अनुपालन सुनिश्चित कराएं। साइलेंस पीरियड का उद्देश्य मतदाताओं को किसी भी दबाव या प्रभाव से मुक्त रखते हुए स्वतंत्र और निष्पक्ष रूप से अपने मत का प्रयोग करने का अवसर प्रदान करना है। यह लोकतांत्रिक प्रक्रिया का एक महत्वपूर्ण पहलू माना जाता है। किसी भी प्रकार के उल्लंघन की स्थिति में कड़ी कार्रवाई की जाएगी। प्रशासन ने सभी राजनीतिक दलों और उम्मीदवारों से इन नियमों का पालन करने की अपील की है। बिहार विधानसभा आम निर्वाचन 2025 के तहत नालंदा जिले में 6 नवंबर को होने वाले मतदान से 48 घंटे पूर्व से सभी प्रकार के चुनावी प्रचार-प्रसार पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया जाएगा। जिला निर्वाचन पदाधिकारी सह जिला पदाधिकारी कुंदन कुमार ने इस संबंध में आदेश जारी कर सभी संबंधित अधिकारियों को सख्ती से पालन सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं। लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 की धारा 126 के प्रावधानों के अनुसार, नालंदा जिले में आज संध्या 6 बजे के बाद से किसी भी प्रकार का चुनावी प्रचार-प्रसार वर्जित होगा। इस 48 घंटे की अवधि को ‘साइलेंस पीरियड’ के रूप में जाना जाता है, जिसके दौरान मतदाताओं को निष्पक्ष रूप से अपने मताधिकार का प्रयोग करने का अवसर मिलता है। क्या-क्या होगा प्रतिबंधित जारी किए गए आदेश के अनुसार साइलेंस पीरियड के दौरान किसी भी राजनीतिक दल, उम्मीदवार या व्यक्ति द्वारा चुनाव से संबंधित कोई सार्वजनिक सभा या जुलूस आयोजित नहीं किया जा सकेगा। इन कार्यक्रमों में उपस्थित होना या इन्हें संबोधित करना भी प्रतिबंधित रहेगा। चलचित्र, टेलीविजन या किसी अन्य प्रसार माध्यम द्वारा जनता के समक्ष निर्वाचन संबंधी किसी भी बात का प्रदर्शन नहीं किया जा सकेगा। मतदाताओं को आकर्षित करने के उद्देश्य से कोई संगीत समारोह, नाट्य अभिनय, नुक्कड़ नाटक या अन्य मनोरंजन कार्यक्रम आयोजित नहीं किए जा सकेंगे, यदि इनका उद्देश्य चुनाव परिणाम को प्रभावित करना हो। बाहरी मतदाताओं को भी लौटना होगा विशेष रूप से बिहार विधानसभा क्षेत्र के बाहर के जो मतदाता प्रचार-प्रसार करने के उद्देश्य से नालंदा जिले में उपस्थित हैं, उन्हें भी साइलेंस पीरियड शुरू होने से पहले जिला छोड़ना होगा। सख्त निगरानी के निर्देश जिला निर्वाचन पदाधिकारी ने सभी FST, SST, सेक्टर-कम-जोनल मजिस्ट्रेट, चेक पोस्ट के दंडाधिकारी, पुलिस पदाधिकारी, थानाध्यक्ष के साथ-साथ सभी अनुमंडल पदाधिकारी और अनुमंडल पुलिस पदाधिकारियों को निर्देश दिया है कि वे लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम की धारा 126 के तहत दिए गए इन निर्देशों का अक्षरशः अनुपालन सुनिश्चित कराएं। साइलेंस पीरियड का उद्देश्य मतदाताओं को किसी भी दबाव या प्रभाव से मुक्त रखते हुए स्वतंत्र और निष्पक्ष रूप से अपने मत का प्रयोग करने का अवसर प्रदान करना है। यह लोकतांत्रिक प्रक्रिया का एक महत्वपूर्ण पहलू माना जाता है। किसी भी प्रकार के उल्लंघन की स्थिति में कड़ी कार्रवाई की जाएगी। प्रशासन ने सभी राजनीतिक दलों और उम्मीदवारों से इन नियमों का पालन करने की अपील की है।


