मुंबई के शिवाजी पार्क में बुधवार सुबह बड़ा विवाद खड़ा हो गया, जब शिवसेना संस्थापक बाल ठाकरे की दिवंगत पत्नी मीनाताई ठाकरे की प्रतिमा को किसी ने लाल ऑयल पेंट फेंक दिया। सुबह करीब साढ़े छह बजे एक राहगीर ने प्रतिमा पर रंग देखा। खबर फैलते ही उद्धव ठाकरे गुट के शिवसेना कार्यकर्ता मौके पर पहुंचे और प्रतिमा की सफाई शुरू कर दी। पुलिस को भी इस बारे में सूचना दी गई।
पुलिस ने तुरंत कार्रवाई करते हुए आठ टीमें बनाई और इलाके में लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगालनी शुरू की। जांच में आरोपी की पहचान उपेंद्र पावसकर (Upendra Pawaskar) के रूप में हुई, जिसे रात में ही गिरफ्तार कर लिया गया। चौंकाने वाली बात यह है कि वह शिवसेना (उबाठा) के एक कार्यकर्ता का चचेरा भाई बताया जा रहा है। शुरुआती पूछताछ में आरोपी ने संपत्ति विवाद का जिक्र किया और कहा कि उद्धव और आदित्य ठाकरे उसमें दखल दे रहे थे।

बुधवार को घटना के बाद माहौल तनावपूर्ण हो गया। शिवसेना (उद्धव ठाकरे गुट) और मनसे कार्यकर्ताओं में भारी रोष दिखा। उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे दोनों ही शिवाजी पार्क पहुंचे और पुलिस से कार्रवाई की मांग की। उद्धव ठाकरे ने इसे महाराष्ट्र में अशांति फैलाने की साजिश बताया।
दंगा फसाद कराने की साजिश- उद्धव
शिवसेना (उबाठा) प्रमुख उद्धव ठाकरे ने कहा, “मुझे लगता है कि इसके पीछे दो तरह के लोग हो सकते हैं। एक तो ऐसे लोग, जिन्हें अपने माता-पिता का नाम लेने में भी शर्म आती है, ऐसे लावारिस व्यक्ति ने किया होगा और जिस तरह से बिहार में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मां का अपमान हुआ और उसके बाद बिहार बंद कराने की असफल कोशिश की गई, ठीक उसी तरह इस पूरे घटनाक्रम के जरिए महाराष्ट्र में कुछ दंगा फसाद कराने की साजिश हो सकती है।”
उन्होंने आगे कहा, “हमारी भावनाएं बेहद तीव्र हैं। हमने सभी से शांत रहने की अपील की है। पुलिस आरोपियों की तलाश कर रही है। पुलिस का कहना है कि वे आरोपियों को ढूंढ निकालेंगे… आगे क्या होता है, देखते है।”
मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने भी इस घटना की निंदा की। सीएम फडणवीस ने कहा कि दोषियों को कानून के तहत कड़ी सजा मिलेगी और इस मामले को राजनीतिक रंग देने की कोई जरूरत नहीं है। वहीं शिंदे ने स्पष्ट किया कि किसी भी दोषी को बख्शा नहीं जाएगा। फिलहाल मुंबई पुलिस आरोपी से गहन पूछताछ कर रही है।


