भास्कर न्यूज| गयाजी जिले के परैया प्रखंड के गनौरी टिल्हा गांव में साउथ की तर्ज पर भव्य शिव मंदिर बन कर तैयार है। अब यानि आज से शिवादि सर्वदेव प्रतिष्ठाल्यक समाराधन समन्वित महारुद्र यज्ञ कलश यात्रा के साथ शुरू होगा। 11 दिवसीय महारुद्र यज्ञ का समापन 31 मई को मूर्ति प्रतिष्ठा, देवता होम, पूर्णाहूति, आरती, विसर्जन, ब्राह्मण भोजन व भंडारे के साथ होगी। बता दें कि परैया में साउथ के तर्ज पर बने इस भव्य मंदिर का निर्माण गांव के युवक रंजीत कुमार ने किया है। स्थानीय लोगों की माने तो 12 साल पहले गांव छोड़ चेन्नई गए रंजीत ने कारपेंटर की नौकरी की। संघर्ष के दिनों में भाई राम मंगल प्रसाद के साथ मिल अपनी कंपनी खड़ी की। आज उनकी कंपनी में करीब तीन हजार लोग काम करते हैं। इनमें 100 से ज्यादा लोग उनके गांव के हैं। गांव लौटने पर रंजीत को एक भी मंदिर नहीं दिखा। यह देखकर उन्होंने मंदिर निर्माण का प्रस्ताव रखा। गांव वालों ने खुशी जताई। इसके बाद रामेश्वरम की तर्ज पर साउथ के कारीगरों से मंदिर बनाना शुरु किया। मंदिर में स्थापित होगा ढाई टन का शिवलिंग इस संदर्भ में रंजीत ने बताया कि मंदिर में ढाई टन का शिवलिंग स्थापित होगा, साथ ही दुर्गा माता, बजरंगबली, गणेश जी, कार्तिकेय समेत अन्य देवी-देवताओं की प्रतिमाएं भी विराजमान होंगी। यह मंदिर गयाजी में अपनी तरह का अनोखा होगा। उन्होंने बताया कि मंदिर लगभग तैयार है। 21 मई से महारुद्र यज्ञ शुरू होगा। 31 मई तक नित्य पूजन और मूर्ति प्रतिष्ठा का कार्यक्रम चलेगा। भास्कर न्यूज| गयाजी जिले के परैया प्रखंड के गनौरी टिल्हा गांव में साउथ की तर्ज पर भव्य शिव मंदिर बन कर तैयार है। अब यानि आज से शिवादि सर्वदेव प्रतिष्ठाल्यक समाराधन समन्वित महारुद्र यज्ञ कलश यात्रा के साथ शुरू होगा। 11 दिवसीय महारुद्र यज्ञ का समापन 31 मई को मूर्ति प्रतिष्ठा, देवता होम, पूर्णाहूति, आरती, विसर्जन, ब्राह्मण भोजन व भंडारे के साथ होगी। बता दें कि परैया में साउथ के तर्ज पर बने इस भव्य मंदिर का निर्माण गांव के युवक रंजीत कुमार ने किया है। स्थानीय लोगों की माने तो 12 साल पहले गांव छोड़ चेन्नई गए रंजीत ने कारपेंटर की नौकरी की। संघर्ष के दिनों में भाई राम मंगल प्रसाद के साथ मिल अपनी कंपनी खड़ी की। आज उनकी कंपनी में करीब तीन हजार लोग काम करते हैं। इनमें 100 से ज्यादा लोग उनके गांव के हैं। गांव लौटने पर रंजीत को एक भी मंदिर नहीं दिखा। यह देखकर उन्होंने मंदिर निर्माण का प्रस्ताव रखा। गांव वालों ने खुशी जताई। इसके बाद रामेश्वरम की तर्ज पर साउथ के कारीगरों से मंदिर बनाना शुरु किया। मंदिर में स्थापित होगा ढाई टन का शिवलिंग इस संदर्भ में रंजीत ने बताया कि मंदिर में ढाई टन का शिवलिंग स्थापित होगा, साथ ही दुर्गा माता, बजरंगबली, गणेश जी, कार्तिकेय समेत अन्य देवी-देवताओं की प्रतिमाएं भी विराजमान होंगी। यह मंदिर गयाजी में अपनी तरह का अनोखा होगा। उन्होंने बताया कि मंदिर लगभग तैयार है। 21 मई से महारुद्र यज्ञ शुरू होगा। 31 मई तक नित्य पूजन और मूर्ति प्रतिष्ठा का कार्यक्रम चलेगा।
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