कजरा पौधशाला में किसानों के लिए पौधे उपलब्ध:मुख्यमंत्री कृषि वानिकी योजना के तहत वितरण जारी

कजरा पौधशाला में किसानों के लिए पौधे उपलब्ध:मुख्यमंत्री कृषि वानिकी योजना के तहत वितरण जारी

लखीसराय के कजरा स्थित स्थायी पौधशाला में मुख्यमंत्री कृषि वानिकी योजना के तहत सैकड़ों किसानों के लिए विभिन्न किस्म के पौधे उपलब्ध कराए गए हैं। कजरा पौधशाला के फॉरेस्टर अनुभव कुमार ने बताया कि किसानों को हर साल जुलाई से पौधे वितरित किए जाते हैं। सरकार तीन साल तक सुरक्षित रहने वाले प्रत्येक पौधे के लिए किसानों को 60 रुपये की अनुदान राशि सीधे उनके बैंक खाते में देती है। इसका उद्देश्य किसानों को वृक्षारोपण के लिए प्रोत्साहित करना है। पर्यावरण में ग्लोबल वार्मिंग के कारण मौसम में बड़े बदलाव देखे जा रहे हैं। वृक्षारोपण को इसका एक महत्वपूर्ण समाधान माना जाता है। पेड़ कार्बन डाइऑक्साइड जैसी जहरीली गैसों को ग्रहण कर वातावरण में स्वच्छ ऑक्सीजन छोड़ते हैं, जिससे पर्यावरण संतुलित रहता है। फॉरेस्टर अनुभव कुमार ने आगे बताया कि सूर्यगढ़ा प्रखंड की सभी पंचायतों के साथ-साथ सरकारी और निजी विद्यालयों को भी ‘जल-जीवन-हरियाली योजना’ और ‘एक पेड़ अपनी मां के नाम’ अभियान के तहत मुफ्त में पौधे दिए गए हैं। अब तक कुल 25,580 पौधों का वितरण किया जा चुका है और यह प्रक्रिया अभी भी जारी है। लखीसराय के कजरा स्थित स्थायी पौधशाला में मुख्यमंत्री कृषि वानिकी योजना के तहत सैकड़ों किसानों के लिए विभिन्न किस्म के पौधे उपलब्ध कराए गए हैं। कजरा पौधशाला के फॉरेस्टर अनुभव कुमार ने बताया कि किसानों को हर साल जुलाई से पौधे वितरित किए जाते हैं। सरकार तीन साल तक सुरक्षित रहने वाले प्रत्येक पौधे के लिए किसानों को 60 रुपये की अनुदान राशि सीधे उनके बैंक खाते में देती है। इसका उद्देश्य किसानों को वृक्षारोपण के लिए प्रोत्साहित करना है। पर्यावरण में ग्लोबल वार्मिंग के कारण मौसम में बड़े बदलाव देखे जा रहे हैं। वृक्षारोपण को इसका एक महत्वपूर्ण समाधान माना जाता है। पेड़ कार्बन डाइऑक्साइड जैसी जहरीली गैसों को ग्रहण कर वातावरण में स्वच्छ ऑक्सीजन छोड़ते हैं, जिससे पर्यावरण संतुलित रहता है। फॉरेस्टर अनुभव कुमार ने आगे बताया कि सूर्यगढ़ा प्रखंड की सभी पंचायतों के साथ-साथ सरकारी और निजी विद्यालयों को भी ‘जल-जीवन-हरियाली योजना’ और ‘एक पेड़ अपनी मां के नाम’ अभियान के तहत मुफ्त में पौधे दिए गए हैं। अब तक कुल 25,580 पौधों का वितरण किया जा चुका है और यह प्रक्रिया अभी भी जारी है।  

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