डिंडौरी में स्वास्थ्य विभाग के कार्यों की समीक्षा:कलेक्टर बोलीं- उत्कृष्ट कार्य करने वालों को सम्मान, लापरवाही पर होगी कार्रवाई

डिंडौरी में स्वास्थ्य विभाग के कार्यों की समीक्षा:कलेक्टर बोलीं- उत्कृष्ट कार्य करने वालों को सम्मान, लापरवाही पर होगी कार्रवाई

डिंडौरी कलेक्टर अंजू पवन भदौरिया ने रविवार को कलेक्ट्रेट ऑडिटोरियम में स्वास्थ्य विभाग की योजनाओं की समीक्षा की। बैठक में उन्होंने स्पष्ट निर्देश दिए कि स्वास्थ्य सेवाओं में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले कम्युनिटी हेल्थ ऑफिसर्स और अन्य कर्मचारियों को सम्मानित किया जाएगा, जबकि लापरवाही पाए जाने पर कड़ी कार्रवाई होगी। उन्होंने कहा कि अंतिम व्यक्ति तक गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएं पहुंचाना सभी की सामूहिक जिम्मेदारी है। मातृत्व, शिशु स्वास्थ्य और स्क्रीनिंग पर जोर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. मनोज पांडेय ने मातृत्व सेवाओं, शिशु स्वास्थ्य सेवाओं और विभिन्न योजनाओं की स्थिति की जानकारी प्रस्तुत की। वहीं, डॉ. मनोज उरैती ने सिकल सेल और टीबी की सौ प्रतिशत स्क्रीनिंग सुनिश्चित करने पर जोर दिया। उन्होंने संबंधित पोर्टल पर समय पर डेटा एंट्री को भी जरूरी बताया। गर्भवती माताओं की जांच और एनीमिया स्क्रीनिंग अनिवार्य मूल्यांकन अधिकारी राजेश मरावी ने बताया कि गर्भवती महिलाओं का प्रथम तिमाही में पंजीयन और चौथी जांच समय पर सीएचओ व डॉक्टर द्वारा की जानी चाहिए। उन्होंने एनीमिया की 100 प्रतिशत स्क्रीनिंग को भी अनिवार्य बताया। किशोर स्वास्थ्य और जन्मजात विकृत बच्चों की पहचान पर चर्चा जिला समन्वयक ओमप्रकाश उरैती ने राष्ट्रीय किशोर स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत 10 से 19 वर्ष के किशोरों में होने वाले शारीरिक, मानसिक और भावनात्मक बदलावों पर जानकारी दी। उन्होंने बताया कि किशोर उमंग स्वास्थ्य केंद्रों पर परामर्श ले सकते हैं। इसके साथ ही 0 से 18 वर्ष के जन्मजात विकृत बच्चों की स्क्रीनिंग कर उन्हें जिला अर्ली इंटरवेंशन सेंटर भेजने के निर्देश दिए, ताकि उन्हें समय पर उपचार मिल सके। यह रहे उपस्थित समीक्षा बैठक में आनंद मोहरे, सौरभ जैन, यादवेंद्र परिहार, जिला जनसंपर्क अधिकारी सहित स्वास्थ्य विभाग का स्टाफ मौजूद रहा।

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