सितंबर में रिटेल महंगाई करीब 8 साल के निचले स्तर 1.54% पर आ गई है। इससे पहले जून 2017 में भी ये इतनी थी। इसकी वजह खाने-पीने की कुछ वस्तुओं की कीमतों में गिरावट है। वहीं अगस्त में रिटेल महंगाई 2.07% रही थी। रिटेल महंगाई के आधिकारिक आंकड़े सरकार ने आज 13 अक्टूबर को जारी किए हैं। रिजर्व बैंक (RBI) का लक्ष्य महंगाई को 4% ±2% की सीमा में रखने का है। सितंबर में खाने-पीने के सामानों की कीमत घटी महंगाई कैसे बढ़ती-घटती है? महंगाई का बढ़ना और घटना प्रोडक्ट की डिमांड और सप्लाई पर निर्भर करता है। अगर लोगों के पास पैसे ज्यादा होंगे तो वे ज्यादा चीजें खरीदेंगे। ज्यादा चीजें खरीदने से चीजों की डिमांड बढ़ेगी और डिमांड के मुताबिक सप्लाई नहीं होने पर इन चीजों की कीमत बढ़ेगी। इस तरह बाजार महंगाई की चपेट में आ जाता है। सीधे शब्दों में कहें तो बाजार में पैसों का अत्यधिक बहाव या चीजों की शॉर्टेज महंगाई का कारण बनता है। वहीं अगर डिमांड कम होगी और सप्लाई ज्यादा तो महंगाई कम होगी। CPI से तय होती है महंगाई एक ग्राहक के तौर पर आप और हम रिटेल मार्केट से सामान खरीदते हैं। इससे जुड़ी कीमतों में हुए बदलाव को दिखाने का काम कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स यानी CPI करता है। हम सामान और सर्विसेज के लिए जो औसत मूल्य चुकाते हैं, CPI उसी को मापता है। ये खबर भी पढ़ें… सोना पुष्य नक्षत्र से पहले ₹2,244 महंगा, ₹1.23 लाख पार: चांदी की कीमत ₹8,625 बढ़कर ₹1.73 लाख पहुंची, दोनों ऑलटाइम हाई पर सोने और चांदी की कीमत पुष्य नक्षत्र से एक दिन पहले 13 अक्टूबर को अब तक के सबसे ऊंचे स्तर पर पहुंच गई हैं। इंडिया बुलियन एंड ज्वेलर्स एसोसिएशन (IBJA) के अनुसार, 10 ग्राम 24 कैरेट सोने के दाम 2,244 रुपए बढ़कर 1,23,769 रुपए हो गए हैं। इससे पहले शुक्रवार को ये 1,21,525 रुपए पर था। पूरी खबर पढ़ें…
रिटेल महंगाई 8 साल में सबसे कम:सितंबर में घटकर 1.54% पर आई, खाने-पीने का सामान सस्ता होने का असर; अगस्त में 2.07% थी


