राजस्थान में एसआइ भर्ती परीक्षा-2021 मामले में स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप (एसओजी) पड़ताल में कई और चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं। एसओजी सूत्रों के मुताबिक गिरफ्तार डूंगरपुर के कन्याला घाटा स्थित राजकीय प्राथमिक विद्यालय में शिक्षक कुंदन कुमार पाण्ड्या, जयपुर वित्त भवन में सहायक लेखाधिकारी संदीप कुमार लाटा व कार्यालय संयुक्त निदेशक चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग उदयपुर में कार्यरत पुरुषोत्तम दाधीच ने पूछताछ में बताया कि राजस्थान लोक सेवा आयोग के सदस्य बाबूलाल कटारा ने कुंदन को 50 लाख रुपए में पेपर बेचा था।
दवा के साथ दिए 40 लाख रुपए
बाबूलाल कटारा के अस्थमा हर्बल की दवाइयां चल रही थीं और कुंदन हर्बल दवा देने उसके घर जाया करता था। दवा के साथ लिफाफे में 40 लाख रुपए रखकर दिए। इसके बदले में आरोपी कटारा ने 13, 14 व 15 सितम्बर को आयोजित उप निरीक्षक भर्ती परीक्षा के तीनों दिन के पेपर उपलब्ध करवाए थे। कटारा ने कुंदन से सौदा किया था कि प्रति अभ्यर्थी 10 लाख रुपए उसको देगा और इससे ऊपर जो भी पेपर बेचने पर रकम मिलेगी, उसे कुंदन रख लेगा। इसके बाद कुंदन ने संदीप व पुरुषोत्तम को साथ ले लिया।
20-20 लाख रुपए में पेपर पढ़ाया
आरोपियों ने उदयपुर में 14 अभ्यर्थियों को 20-20 लाख रुपए में पेपर पढ़ाया। एसओजी को सात आरोपियों की जानकारी मिली है, इनमें चार थानेदार गिरफ्तार हो चुके। तीन आरोपी परीक्षा में पास नहीं हुए और अब सात आरोपियों की भूमिका की जांच की जा रही है। इससे पहले गिरफ्तार आरोपियों ने सात अभ्यर्थियों को ही पेपर देना बताया था। लेकिन अलग-अलग पूछताछ में अभ्यर्थियों की संख्या 14 होना बताया गया है।

राइका को भी कटारा ने दिया था पेपर
आरपीएससी के पूर्व सदस्य रामू राम राइका को उसके बेटे-बेटी के लिए भी बाबूलाल कटारा ने एसआइ भर्ती परीक्षा 2021 का पेपर दिया था। कटारा ने रीट परीक्षा पेपर भी लीक करवाया था। अब एसओजी कटारा से पूछताछ करेगी कि उसने किस-किस को पेपर उपलब्ध करवाया था।
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