Rajasthan News: भ्रष्टाचार मामलों में कार्मिकों से पूछताछ की अनुमति, जानें क्यों आइएएस-आरएएस पर मेहरबानी!

Rajasthan News: भ्रष्टाचार मामलों में कार्मिकों से पूछताछ की अनुमति, जानें क्यों आइएएस-आरएएस पर मेहरबानी!

अरविन्द सिंह शक्तावत

राजस्थान राज्य में भ्रष्टाचार, रिश्वत सहित अन्य मामलों में आरोपी कार्मिकों व बड़े अधिकारियों से जांच एजेंसियां पूछताछ करना चाहती हैं। लेकिन, वर्षों से सरकारें इन एजेंसियों को अनुमति नहीं दे रही। यदि अनुमति भी दी जा रही है तो छोटे कार्मिकों के लिए, लेकिन सरकारों की आंख-कान बने आइएएस-आरएएस के लिए नहीं।

जानकारी के मुताबिक पिछले दिनों सीएम भजनलाल शर्मा ने अभियोजन और पूछताछ की अनुमति के मामलों की समीक्षा की तो सामने आया कि छह साल से ज्यादा समय से 152 अफसरों के मामलों में विभिन्न सरकारी एजेंसियां पूछताछ की अनुमति मिलने का इंतजार कर रही है। इन 152 अधिकारियों में 22 आइएएस (भारतीय प्रशासनिक सेवा) और 52 आरएएस (राजस्थान प्रशासनिक सेवा) अधिकारी शामिल हैं। जांच एजेंसियों को बड़े अधिकारियों से पूछताछ की अनुमति कार्मिक विभाग के स्तर से दी जाती है।

विभागों के उच्चाधिकारी भी रुचि नहीं दिखाते

पूछताछ की अनुमति देने के मामले में कई विभागों के उच्चाधिकारी भी रुचि नहीं दिखाते। कार्मिक विभाग के अलावा करीब 16 अन्य विभाग ऐसे हैं, जहां कर्मचारियों से पूछताछ के मामले वर्षों से लंबित चल रहे हैं। इससे जांच का काम आगे नहीं बढ़ पा रहा। इसके चलते कई बार तो कार्मिक बिना जांच के ही सेवानिवृत तक हो जाते हैं।

शासन सचिवालय राजस्थान, पत्रिका फोटो

16 विभागों में भी मामले लंबित

सूत्रों के अनुसार कार्मिक विभाग के अलावा नगरीय विकास, राजस्व, स्वायत्त शासन, पंचायती राज, सहकारिता, स्कूल शिक्षा, वित्त, जल संसाधन, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य, सूचना एवं प्रौद्योगिकी, भू-जल, पर्यावरण, जनजाति क्षेत्रीय विकास, परिवहन, कृषि, ग्रामीण विकास से अनुमति के इंतजार में कई अफसरों से पूछताछ अटकी हुई है। इसी तरह कुछ मामले अजमेर, जयपुर, पाली, अलवर कलक्टर के यहां भी लंबित चल रहे हैं।

दावा, सबसे ज्यादा प्रकरणों का निस्तारण

पिछले दिनों सीएम की बैठक में बताया कि भाजपा सरकार के डेढ़ साल के कार्यकाल में सबसे ज्यादा कार्मिकों से पूछताछ की अनुमति इस साल जनवरी-अप्रेल के बीच में दी गई हैं। पहली तिमाही में जहां 4 प्रकरणों में वहीं इस साल चार माह में ही 47 मामलों में पूछताछ और अभियोजन स्वीकृति की अनुमति दी। हालांकि, इसमें 22 आइएएस में से किसी का नाम नहीं है।

इन मामलों में पूछताछ करना चाह रही एजेंसियां

सूत्रों के अनुसार ट्रैप केस, रिश्वत मांगने, पद के दुरूपयोग, आय से अधिक संपत्ति, मनी लॉंड्रिंग और इस्तगासों के मामलों में आइएएस, आरएएस व अन्य उच्चाधिकारियों से पूछताछ होनी है। सबसे ज्यादा मामले ट्रैप और पद के दुरूपयोग से जुड़े हुए हैं। जांच एजेंसियों में एसीबी (भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो), ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) और पुलिस सहित अन्य सरकारी एजेंसियां शामिल हैं।

ऑल इंडिया-राज्य सेवा के 107 प्रकरण लंबित

सरकार को अखिल भारतीय सेवा और राज्य सेवा के कुल 107 मामलों में पूछताछ की अनुमति देनी है। इनमें 22 आइएएस, दो आइएफएस, 52 आरएएस, एक आरपीएस, तीन आरएसीएस एवं 27 अन्य सेवाओं के अधिकारी शामिल हैं। 22 में से आठ आइएएस के मामले कार्मिक विभाग में परीक्षण के लिए रखे हुए हैं और 14 मामलों में विभागों और एसीबी से रिपोर्ट मांगी गई है।

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