Rajasthan: अवैध बसों के संचालन पर डिप्टी सीएम और सचिव नहीं दे पाए जवाब, गिनाने लगे विभाग की उपलब्धियां

Rajasthan: अवैध बसों के संचालन पर डिप्टी सीएम और सचिव नहीं दे पाए जवाब, गिनाने लगे विभाग की उपलब्धियां

जयपुर। जैसलमेर हादसे के बाद परिवहन विभाग की कार्यशैली एक बार फिर सवालों के घेरे में आ गई है। आरटीओ के बाबू से लेकर परिवहन निरीक्षक, डीटीओ, आरटीओ और विभाग के अधिकारी को हादसे का जिम्मेदार माना जा रहा है। जिस बस में हादसा हुआ वह मॉडिफाइड थी। नियम विरुद्ध होने के बाद भी बस का आरटीओ ने रजिस्ट्रेशन कर दिया। जनता से जुड़े कई ऐसे सवाल है जिनका जवाब परिवहन विभाग की ओर से आना जरूरी है।

राजस्थान पत्रिका रिपोर्टर ने उपमुख्यमंत्री एवं परिवहन मंत्री प्रेमचंद बैरवा और विभाग की सचिव एवं आयुक्त शुचि त्यागी से बात की। बैरवा ने हादसे पर खुद की जिम्मेदारी लेने से इनकार करते हुए कहा कि उनका काम सिर्फ निगरानी का है। हादसा होने के बाद जांच कराते हैं। सचिव शुचि त्यागी ने हादसे के बाद विभाग को अपने प्रयासों और रणनीति में पुनः समीक्षा की जरूरत बताई।

परिवहन मंत्री और सचिव से पूछे ये सवाल

Q. पहले अजमेर रोड, अब जैसलमेर… सब जगह अवैध बसें?
Q. अवैध परिवहन से मौत पर किसकी जिम्मेदारी तय की गई है?
Q. परिवहन विभाग के मुखिया होने के नाते क्या आप जिम्मेदार नहीं हैं?

परिवहन मंत्री प्रेमचंद बैरवा का जवाब

A. विभाग ने प्रदेश में विशेष जांच अभियान के तहत दो दिन में 1400 बसों की जांच की है। 213 अवैध बसों को जब्त किया और 594 बसों के चालान बनाए हैं।
A. प्रथम दृष्ट्या दोषी पाए गए कार्मिकों को तुरन्त प्रभाव से निलम्बित किया गया। जांच के बाद दोषी पाए जाने वाले कार्मिकों के विरुद्ध नियमानुसार कार्यवाही की जाएगी।
A. राज्य सरकार की जिम्मेदारी नीतिगत और निगरानी की है। जिसे पूरी गंभीरता से निभा रहे हैं। हर घटना के बाद केवल जांच की जाती है और व्यवस्था सुधारने के लिए कदम उठाए जाते हैं।

सचिव शुचि त्यागी का जवाव

A. बिना परमिट अवैध बसों के संचालन पर विभाग ने सख्ती कर रखी है। कोई अधिकारी या कार्मिक लापरवाही में शामिल मिला तो कार्यवाही की जाएगी।
A. जांच के लिए उच्चस्तरीय समिति का गठन, तकनीकी जांच के लिए स्वतंत्र संस्था सीआईआरटी पुणे की टीम को बुलाया है। मोटर वाहन निरीक्षक और कार्मिक को निलंबित किया जा चुका है।
A. दुर्घटना के बाद हमें पुनः समीक्षा करने की जरूरत है। मृतकों को श्रद्धांजलि तभी मानी जाएगी, जब समस्त विभाग और अधिकारी सड़क सुरक्षा को प्राथमिकता दे व ईमानदारी से काम करें।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *