Rajasthan: बीसलपुर बांध का पानी हो रहा जहरीला! सुनो सरकार… चितौड़गढ़ की ‘गंगा’ हो गई मैली

Rajasthan: बीसलपुर बांध का पानी हो रहा जहरीला! सुनो सरकार… चितौड़गढ़ की ‘गंगा’ हो गई मैली

राजस्थान में चितौड़गढ़ जिले की गंगा कही जाने वाली गंभीरी नदी गंदगी और अनदेखी के कारण नाले में तब्दील हो गई है। नदी में जमा पानी पूरा हरा-हरा हो गया है, उसमें तैरती गंदगी और हवा के साथ चहुंओर फैलती दुर्गंध के कारण इसके आस-पास खड़ा होना मुश्किल हो गया है। गंभीरी नदी के बहाव का पानी जयपुर की लाइफ लाइन बीसलपुर बांध को भी भरता है। वहीं जहरीला पानी अब बांध के कैचमेंट एरिया तक भी पहुंच रहा है।

कभी थे अच्छे दिन, अब बदहाल

शहर के बीचों-बीच से बहती गंभीरी नदी किसी समय लोगों की प्यास बुझाती थी। साफ पानी होने के कारण चितौडगढ़ का किला देखने आने वाले पर्यटक यहां पर ठहर कर इसे भी निहारते थे, लेकिन पिछले कुछ सालों से स्थिति खराब होती जा रही है। नदी में जलकुंभी ने पैर पसार लिए है, वहीं इसके किनारों पर कचरे का अबार लगा हुआ है। साथ ही इसमें मछलियों के मरने के कारण भी पानी बदबू मार रहा है। दुर्गंध के कारण नदी के किनारों पर बने घाट पर खड़ा होना मुश्किल हो गया है। इसके बावजूद इसकी साफ-सफाई की ओर ध्यान नहीं दिया जा रहा है। जिमेदार अधिकारी और जनप्रनिधि भी चुप्पी साधे है। इसके कारण नदी गंदे नाले में तब्दील होती जा रही है।

चित्तौड़ की गंगा गंभीरी नदी, पत्रिका फोटो

बीसलपुर बांध तक पहुंचता जहरीला पानी

जयपुर की लाइफ लाइन बीसलपुर बांध में हर साल मानसून के दौरान बनास, खारी, डाई और गंभीरी नदी के बहाव का पानी भराव क्षेत्र में पहुंचता है। चित्तौड़गढ़ और भीलवाड़ा जिले से होकर नदियों का पानी बीसलपुर बांध को लबालब करता है। ऐसे में चित्तौड़गढ़ जिले में गंभीरी नदी का जहरीला हो रहा पानी चिंता का वि​षय बन गया है।

नदी में जा रहा नालों का पानी

नदी में किनारों पर कई मकान बस गए। उनसे निकलने वाला गंदा पानी नदी में जा रहा है। साथ ही कई नालों का पानी इसमें गिर रहा है। नालों में बहकर आने वाली पॉलीथिन नदी में तैर रही है, जो दूर से स्पष्ट दिखाई देती है। इसके बावजूद इसके रोकथाम के कोई प्रयास नहीं किए जा रहे हैं।

मूर्तियों का होता है विसर्जन

गंभीर नदी में हिन्दुओं के पर्व जलझूलनी एकादशी पर ठाकुरजी को विहार कराया जाता है। इसके साथ ही गणेश चतुर्थी और नवरात्र में प्रतिमाओं का विसर्जन भी यहीं पर किया जाता है। ऐसे में लगातार होते गंदे पानी से सभी भी धार्मिक भावनाएं भी आहत होती है। जानकारों की मानें तो गंभीरी नदी की सफाई के लिए स्थानीय प्रशासन, संगठन और संस्थाओं की ओर से इसे साफ कराने के दावे किए गए, लेकिन वह सिर्फ दावे ही बनकर रह गए। धरातल पर स्थिति दिनों-दिन बिगड़ती जा रही है।

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