गोरखपुर में शासन के निर्देश पर अनुदानित यूरिया के औद्योगिक दुरुपयोग को रोकने के लिए सघन अभियान चलाया गया। मुख्य विकास अधिकारी के नेतृत्व में गठित दो संयुक्त टीमों ने GIDA और बरगदवा क्षेत्रों की 12 औद्योगिक इकाइयों पर छापेमारी की। टीमों ने GIDA के सेक्टर-13 और 15 स्थित 9 फैक्ट्रियों और बरगदवा क्षेत्र की 3 इकाइयों का निरीक्षण किया। जांच का नेतृत्व जिला कृषि अधिकारी देवेंद्र प्रताप सिंह, सहायक निदेशक कारखाना अमित कुमार सिंह, अपर जिला कृषि अधिकारी गिरिजेश यादव और उपायुक्त उद्योग गौरव मिश्रा ने किया। जांच के लिए भेजे गए सैंपल
निरीक्षण के दौरान कहीं भी अनुदानित यूरिया का प्रत्यक्ष उपयोग नहीं मिला। हालांकि, तीन इकाइयों से टेक्निकल ग्रेड यूरिया के नमूने जांच के लिए लिए गए हैं। मुख्य विकास अधिकारी ने सभी औद्योगिक इकाइयों को चेतावनी दी है कि उत्पाद निर्माण में अनुदानित यूरिया का उपयोग न करें, अन्यथा उर्वरक नियंत्रण आदेश 1985 और शासनादेशों के तहत कड़ी कार्रवाई की जाएगी। इन फैक्ट्रियों पर हुई छापेमारी
GIDA क्षेत्र: समानी एग्रो वुड, निमानी प्लाईवुड, एहसान एग्रो, वुड फैब्स, स्प्लाईस प्लाईवुड, स्टर्न डोर, IGL, सुगुना फूड्स, अम्बे प्रोसेर्स। बरगदवा क्षेत्र: सपना इंटरप्राइजेज, एसके प्लांट एंड केमिकल्स, आरएस इंजीनियरिंग, श्याम एग्रो टेक, ओम एग्रो फूड फीड, आरएन हेचरिज।
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