पंजाब की AAP सरकार, 3 साल में 9 मंत्री हटाए:कैबिनेट में 18 मंत्रियों की जगह, अब तक 25 विधायकों को मंत्री बना चुके; वजह पढ़ें

पंजाब की AAP सरकार, 3 साल में 9 मंत्री हटाए:कैबिनेट में 18 मंत्रियों की जगह, अब तक 25 विधायकों को मंत्री बना चुके; वजह पढ़ें

पंजाब में विधायकों के हिसाब से मुख्यमंत्री समेत 18 ही मंत्री बन सकते हैं। मगर, आम आदमी पार्टी (AAP) ने 7 बार मंत्रीमंडल विस्तार 24 विधायकों को मंत्री की कुर्सी दिलवा दी। इनमें CM भगवंत मान समेत 16 मंत्री कैबिनेट में हैं। वहीं मंत्री बनाए 8 विधायकों की कुर्सी छिन चुकी हैं। इनमें 2 पर तो भ्रष्टाचार के आरोप भी लगे लेकिन अब उन्हें क्लीन चिट मिलने की चर्चा है। हालांकि औपचारिक तौर पर सरकार या पुलिस ने इस बारे में कुछ नहीं कहा। वहीं 9वें मंत्री गुरमीत मीत हेयर को सांसद चुने जाने के बाद कुर्सी छोड़नी पड़ी। साल 2022 में AAP को पंजाब विधानसभा चुनाव में 117 सीटों में से 92 सीटों पर जीत मिली थी। इसके बाद से AAP सरकार ने मंत्रीपद को अब उपचुनाव जीतने का भी फॉर्मूला बना लिया है। पहले जालंधर में मोहिंदर भगत और अब लुधियाना में संजीव अरोड़ा को जीतने पर मंत्री बनाने का AAP का दांव सटीक बैठा। अभी हाल ही में तरनतारन के विधायक कश्मीर सिंह का निधन हुआ है। ऐसे में 18 की जगह 16 मंत्रियों वाली पंजाब कैबिनेट में 2 मंत्रीपद खाली हैं। AAP वहां भी यही फॉर्मूला यूज कर सकती है। मंत्री पद बांटने की यह चर्चा हाल ही में संजीव अरोड़ा को मंत्री बनाने और कुलदीप धालीवाल को मंत्री पद से हटाने के बाद ज्यादा हो रही है। AAP ने जब पहली बार सरकार बनाई तो CM समेत 10 ही मंत्री बनाए थे। जानिए AAP कैबिनेट में बदलाव और मंत्री पद से कौन-कौन से नेताओं की छुट्टी की गई… आप की सरकार 2022 में बनी तो कुलदीप सिंह धालीवाल को पंजाब सरकार में ग्राम विकास एवं पंचायत, जल आपूर्ति और स्वच्छता, तथा एनआरआई अफेयर्स जैसे महत्वपूर्ण विभागों की जिम्मेदारी सौंपी गई थी। अपने कार्यकाल के दौरान उन्होंने खास तौर पर पंचायत विभाग के अंतर्गत अवैध कब्जों से सरकारी जमीनें मुक्त कराने, और ऑनलाइन एनआरआई मिलनी प्रोग्राम शुरू करने जैसे प्रयासों से सुर्खियां बटोरीं। मई 2023 में हुए कैबिनेट फेरबदल में ग्राम विकास एवं पंचायत के अलावा जल आपूर्ति और स्वच्छता विभाग वापस ले लिया गया। इसके बाद 22 फरवरी 2025 को प्रशासनिक सुधार विभाग को खत्म कर दिया गया। यह विभाग 20 महीने से अस्तित्व में नहीं था। इसके बाद उनके पास केवल एनआरआई अफेयर्स विभाग बचा। हालांकि यह कार्यकाल ज्यादा लंबा नहीं चला। इसी साल 3 जुलाई को उनसे यह पद भी वापस ले लिया गया। यह पद उनसे लेकर मंत्रिमंडल में शामिल किए गए संजीव अरोड़ा को दिया गया। वहीं, उनकी मंत्रिमंडल से छुट्‌टी हो गई

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