लाऊ व्यवहार में, पोथी उपहार में… पुस्तक से लोगों को जोड़ रहा है पोथीघर फाउंडेशन

लाऊ व्यवहार में, पोथी उपहार में… पुस्तक से लोगों को जोड़ रहा है पोथीघर फाउंडेशन

एजुकेशन रिपोर्टर| दरभंगा 21वीं सदी में लोगों पर टेक्नोलॉजी हावी हो रहा है। किताबों की जगह लैपटॉप, मोबाइल और टैब ने ले ली है। यही वजह है कि लोग किताबों से दूर होते जा रहे हैं। पुस्तक और मनुष्य के बीच बढ़ती दूरी को देखते हुए पोथीघर फाउंडेशन ने एक मुहिम लाऊ व्यवहार में, पोथी उपहार में की शुरुआत की है जो दिन प्रतिदिन लोकप्रिय होती जा रही है। इसमें उपहार स्वरूप जनेऊ – सुपारी के साथ मैथिली, हिंदी और धार्मिक पुस्तक भी लोगों को दे रहे हैं। इस प्रेरणादायक मुहिम को लोग हाथों हाथ ले रहे हैं। अभी तक करीब आधे दर्जन से अधिक जगहों पर इस मुहिम को अपनाया जा चुका है जिसे लोग तारीफ कर रहे हैं। पोथीघर फाउंडेशन के सचिव आनंद मोहन झा का कहना है कि पुस्तक ही ऐसा माध्यम है जिससे लोग एकाग्रचित होकर पढ़ सकते हैं जिसका काफी लाभ मिलता है। मुझे काफी खुशी मिल रही है। और नित दिन यह मुहिम रफ्तार पकड़ रही है। इसी बहाने लोगों के घर तक मैथिली पुस्तक और अन्य भाषाओं की पुस्तकें पहुंच रही है। अक्टूबर 2023 में दीपावली गिफ्ट तौर पर हुई शुरुआत व्यवहार में पोथी उपहार में सबसे पहले अक्टूबर 2023 में दीपावली गिफ्ट के रूप में देने के साथ शुरू हुई थी । जिसे कई लोगों ने काफी सराहा और सकारात्मक प्रतिक्रियाएं दी। जिसके बाद इसे पोथीघर फाउंडेशन ने एक मुहिम तौर पर शुरू किया। सबसे पहले जुलाई 2024 में दरभंगा जिला के बिरौल प्रखंड अंतर्गत पधारी गांव निवासी विजय झा की सुपुत्री रागिनी झा की शादी समारोह से शुरू हुई। महत्वपूर्ण बात यह रही कि इस मुहिम को खुद दुल्हिन ने बढ़ाने का निर्णय लिया। इसके बाद 25 अप्रैल 2025 को मधुबनी जिला के सादुल्लाहपुर गांव में भी वैवाहिक कार्यक्रम में कन्या पक्ष के द्वारा इस मुहिम को अपनाया गया। उन्होंने शादी में करीब 200 बारातियों को पोथी भेंट की। एजुकेशन रिपोर्टर| दरभंगा 21वीं सदी में लोगों पर टेक्नोलॉजी हावी हो रहा है। किताबों की जगह लैपटॉप, मोबाइल और टैब ने ले ली है। यही वजह है कि लोग किताबों से दूर होते जा रहे हैं। पुस्तक और मनुष्य के बीच बढ़ती दूरी को देखते हुए पोथीघर फाउंडेशन ने एक मुहिम लाऊ व्यवहार में, पोथी उपहार में की शुरुआत की है जो दिन प्रतिदिन लोकप्रिय होती जा रही है। इसमें उपहार स्वरूप जनेऊ – सुपारी के साथ मैथिली, हिंदी और धार्मिक पुस्तक भी लोगों को दे रहे हैं। इस प्रेरणादायक मुहिम को लोग हाथों हाथ ले रहे हैं। अभी तक करीब आधे दर्जन से अधिक जगहों पर इस मुहिम को अपनाया जा चुका है जिसे लोग तारीफ कर रहे हैं। पोथीघर फाउंडेशन के सचिव आनंद मोहन झा का कहना है कि पुस्तक ही ऐसा माध्यम है जिससे लोग एकाग्रचित होकर पढ़ सकते हैं जिसका काफी लाभ मिलता है। मुझे काफी खुशी मिल रही है। और नित दिन यह मुहिम रफ्तार पकड़ रही है। इसी बहाने लोगों के घर तक मैथिली पुस्तक और अन्य भाषाओं की पुस्तकें पहुंच रही है। अक्टूबर 2023 में दीपावली गिफ्ट तौर पर हुई शुरुआत व्यवहार में पोथी उपहार में सबसे पहले अक्टूबर 2023 में दीपावली गिफ्ट के रूप में देने के साथ शुरू हुई थी । जिसे कई लोगों ने काफी सराहा और सकारात्मक प्रतिक्रियाएं दी। जिसके बाद इसे पोथीघर फाउंडेशन ने एक मुहिम तौर पर शुरू किया। सबसे पहले जुलाई 2024 में दरभंगा जिला के बिरौल प्रखंड अंतर्गत पधारी गांव निवासी विजय झा की सुपुत्री रागिनी झा की शादी समारोह से शुरू हुई। महत्वपूर्ण बात यह रही कि इस मुहिम को खुद दुल्हिन ने बढ़ाने का निर्णय लिया। इसके बाद 25 अप्रैल 2025 को मधुबनी जिला के सादुल्लाहपुर गांव में भी वैवाहिक कार्यक्रम में कन्या पक्ष के द्वारा इस मुहिम को अपनाया गया। उन्होंने शादी में करीब 200 बारातियों को पोथी भेंट की।  

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