पीएम मोदी आज दो दिन के दौरे पर भूटान पहुंच रहे हैं। यह उनकी भूटान की चौथी यात्रा है। इस दौरे का मकसद भारत और भूटान के बीच दोस्ती और साझेदारी को और मजबूत बनाना है। दौरे के दौरान मोदी और भूटान के राजा जिग्मे खेसर नामग्येल वांगचुक मिलकर 1,020 मेगावॉट के पुनातसंगचू-2 हाइड्रो पावर प्रोजेक्ट का उद्घाटन करेंगे। पीएम मोदी भूटान को 1000 करोड़ की सहायता राशि देंगे। इसके साथ ही वे भूटान के चौथे राजा जिगमे सिंगये वांगचुक के 70वें जन्मदिन समारोह में भी शामिल होंगे। पीएम मोदी भूटान में चल रहे ग्लोबल पीस प्रेयर फेस्टिवल में भी शामिल होंगे। इस कार्यक्रम में भगवान बुद्ध के पवित्र पिपरहवा अवशेष भारत से भूटान लाए गए हैं। मोदी इन अवशेषों के दर्शन करेंगे और शांति के लिए प्रार्थना भी करेंगे। भूटान दौरे पर पीएम मोदी का शेड्यूल पहला दिन (11 नवंबर) दूसरा दिन (12 नवंबर) मोदी को भूटान का सर्वोच्च नागरिक सम्मान मिला था प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को 22 मार्च 2024 को भूटान नरेश ने देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान, ऑर्डर ऑफ द ड्रुक ग्यालपो से सम्मानित किया था। इस तरह वे यह सम्मान पाने वाले पहले गैर-भूटानी बने थे। यह सम्मान मोदी की भूटान की दो दिवसीय राजकीय यात्रा के दौरान दिया गया, जब वे थिम्पू के तेंड्रेलथांग में एक सार्वजनिक समारोह में मौजूद थे। यह सम्मान प्रधानमंत्री मोदी के भारत-भूटान संबंधों को मजबूत करने और भूटानी लोगों के प्रति उनके योगदान के लिए दिया गया। यह भूटान के सम्मान प्रणाली का शीर्ष पुरस्कार है, जो आजीवन उपलब्धि के लिए दिया जाता है। राजा ने यह सम्मान 17 दिसंबर 2021 को भूटान के 114वें राष्ट्रीय दिवस समारोह के दौरान घोषित किया था। पीएम मोदी ने इसे 14 करोड़ भारतीयों को समर्पित करते हुए कहा कि यह दोनों देशों के विशेष बंधन का प्रमाण है। 5 वजहों से भारत के लिए खास है भूटान भारत के उत्तर पूर्व में बसा भूटान रणनीतिक, आर्थिक और सांस्कृतिक वजहों से भारत के लिए खास महत्व रखना है। भूटान की जनसंख्या सिर्फ 7.5 लाख के आसपास है, लेकिन ये भारत और चीन जैसे दो बड़े देशों के बीच बफर जोन का काम करता है, जिससे इसका महत्व और बढ़ जाता है। भारत-भूटान के बीच रेल सर्विस शुरू करने की तैयारी भारत और भूटान के बीच पहली बार रेल सर्विस शुरू की जा रही है। भारत सरकार ने सितंबर में इसके लिए दो रेल लाइनें बिछाने की घोषणा की थी। विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने बताया था कि ये रेल लाइनें असम के कोकराझार से भूटान के गेलेफू और पश्चिम बंगाल के बनरहाट से भूटान के सामत्से तक बिछाई जाएंगी। अभी पश्चिम बंगाल में हासीमारा तक ट्रेन थी, अब ये सीधे भूटान के गेलेफू तक जाएगी। 89 किमी लंबे इन दो रेल प्रोजेक्ट्स पर ₹4,033 करोड़ खर्च होंगे। यह भूटान को भारत के 1.5 लाख किमी रेल नेटवर्क से जोड़ेगी, जिससे व्यापार आसान होगा (भूटान का ज्यादातर एक्सपोर्ट-इंपोर्ट भारत के रास्ते होता है)। निर्माण अगले 3 वर्षों में पूरा होने की उम्मीद है, हालांकि पहले से 2026 का लक्ष्य था। भारत की तरफ रेलवे लाइन का खर्च रेल मंत्रालय उठाएगा मिसरी ने बताया कि ये दोनों परियोजनाएं भारत और भूटान के बीच रेल संपर्क परियोजनाओं के पहले सेट का हिस्सा हैं। इन परियोजनाओं के लिए पिछले साल पीएम मोदी की भूटान यात्रा के दौरान समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर हुए थे। समझौते के मुताबिक भारत सरकार इन दोनों रेल प्रोजेक्ट्स में पूरी मदद करेगी। भारत की तरफ की रेलवे लाइन का खर्च रेल मंत्रालय उठाएगा। भूटान की तरफ का हिस्सा भारत सरकार की मदद से भूटान की 5-वर्षीय योजना के तहत बनेगा। इसमें किसी तीसरे देश का कोई हस्तक्षेप नहीं है। —————————– ये खबर भी पढ़ें… ट्रम्प अगले साल भारत आ सकते हैं: बोले- PM मोदी ने न्योता दिया, वह अच्छे इंसान, रूस से तेल खरीदना भी कम किया अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने गुरुवार को कहा कि वे अगले साल भारत आ सकते हैं। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री मोदी के साथ उनकी बातचीत बहुत अच्छी चल रही है और दोनों देशों के बीच व्यापार समझौते पर चर्चा आगे बढ़ रही है। पूरी खबर पढ़ें…
PM मोदी 11 साल में चौथी बार भूटान जाएंगे:₹1000 करोड़ की मदद देंगे, हाइड्रो प्रोजेक्ट के उद्घाटन में भी शामिल होंगे


